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कांग्रेस की पहली सूची में पथरिया से राव बृजेंद्र सिंह, जबेरा से प्रताप सिंह, हटा से प्रदीप खटीक का नाम.. दमोह विधायक अजय टंडन की टिकट रोकना चर्चाओं में.. इधर भाजपा ने पूर्व मंत्री कुसमरिया को पिछड़ा वर्ग आयोग का अध्यक्ष बनाया

 कांग्रेस जबेरा से प्रताप, पथरिया से ब्रजेंद्र व हटा से प्रदीप

 मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव की तैयारी के बीच नवरात्रि पर्व के पहले ही दिन कांग्रेस ने मध्य प्रदेश के 144 विधानसभा क्षेत्र से अपने प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर दी है। इस सूची में प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ से लेकर नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह तक की टिकट जहां फाइनल कर दी गई है वही कुछ वर्तमान विधायकों की टिकट रोक कर आश्चर्य में डाल दिया है।
दमोह जिले के चार विधानसभा क्षेत्र में सिर्फ दमोह सीट पर कांग्रेस का कब्जा था। आज 144 प्रत्याशियों की सूची में कांग्रेस ने दमोह सीट को होल्ड पर रखकर अर्थात विधायक अजय टंडन की टिकट को रोककर सभी को हैरत में डाल दिया है। पथरिया क्षेत्र से पिछली बार 2018 में बगावती तेवर अपनाते हुए कांग्रेस प्रत्याशी गौरव पटेल को चौथे स्थान पर धकेलने वाले राव बृजेंद्र सिंह को कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी घोषित किया है।
जबेरा क्षेत्र से पूर्व विधायक और पिछले विधानसभा और लोकसभा चुुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी रहे प्रताप सिंह लोधी पर कांग्रेस ने फिर से भरोसा जताते हुए अपना प्रत्याशी घोषित किया है। जबकि हटा विधानसभा क्षेत्र से युवा चेहरा प्रदीप खटीक को कांग्रेस ने पहली बार विधायक की टिकट दी है। पिछले साल हुए नगर पालिका चुनाव में प्रदीप खटीक केे नेतृत्व में शानदार प्रदर्शन करते हुए कांग्रेस ने हटा नगर पालिका पर कब्जा जमाया था। 
दमोह सीट होल्ड पर रखकर कांग्रेस ने हैरत में डाला..  कांग्रेस द्वारा 144 प्रत्याशियों की पहली सूची में दमोह विधायक अजय टंडन के नाम की घोषणा नहीं करना चर्चा का विषय बन गया है है। 2018 में कांग्रेस विधायक चुने गए राहुल सिंह द्वारा 2020 में इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो जाने के बाद 2021 में हुए उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी अजय टंडन ने 17 हजार से अधिक वोटो से भाजपा के राहुल सिंह को हराकर शानदार दर्ज की थी।
दमोह से 2023 के विधान सभा चुनाव में इनको फिर से कांग्रेस प्रत्याशी बनाया जाना लगभग तय माना जा रहा था लेकिन कांग्रेस की पहली सूची में उनकी टिकट को होल्ड पर रखे जाने से लोग आश्चर्यचकित बने हुए है।
पिछले विधानसभा चुनाव में चौकाने वाले थे परिणाम.. दमोह जिले के चारों विधानसभा क्षेत्र से पिछले चुनाव में चौकाने वाले नतीजे सामने आए थे। कांग्रेस के युवा प्रत्याशी राहुल सिंह ने वरिष्ठ भाजपा नेता तत्कालीन वित्त मंत्री जयंत मलैया को हराकर भाजपा के गढ़ में सेंध लगाने में सफलता हासिल की थी। पथरिया में बहुजन समाज पार्टी की प्रत्याशी श्रीमती रामबाई सिंह परिहार ने चतुर्थ कोणीय मुकाबले में भाजपा विधायक रहे लखन पटेल को हराकर जीत का डंका बजाया था। जबेरा विधान सभा क्षेत्र से भाजपा के युवा प्रत्याशी धर्मेंद्र लोधी ने कांग्रेस विधायक रहे प्रताप सिंह को त्रिकोणी मुकाबले में हराकर जीत दर्ज  की थी। हटा विधानसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी पीएल तंतुबाय ने एक तरफा मुकाबले में कांग्रेस के हरिशंकर चौधरी को मात दी थी।
पथरिया क्षेत्र में मुकाबले की तस्वीर साफ हुई.. पथरिया विधानसभा क्षेत्र से भाजपा द्वारा पूर्व विधायक लखन पटेल तथा बसपा द्वारा विधायक रामबाई सिंह को प्रत्याशी घोषित किए जाने के बाद आज कांग्रेस द्वारा राव बृजेंद्र सिंह को प्रत्याशी घोषित कर दिए जाने से मुकाबले की तस्वीर साफ हो गई है। 2018 के विधानसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी की प्रत्याशी श्रीमती रामबाई सिंह ने 39267 वोट लेकर 2205 वोटो से भाजपा प्रत्याशी लखन पटेल को पराजित करके जीत हासिल की थी। भाजपा के लखन पटेल को 37062 वोट मिले थे।
जबकि तीसरे स्थान पर रहे कांग्रेस के बागी निर्दलीय राव बृजेंद्र सिंह ने 27024 वोट प्राप्त करके कांग्रेस प्रत्याशी गौरव पटेल को चौथे स्थान पर धकेल दिया था। गौरव को 25438 वोट मिले थे। जबकि भाजपा से बगावत करके निर्दलिय प्रत्याशी पूर्व मंत्री रामकृष्ण कुसुमरिया 8755 वोट लेकर पांचवे स्थान पर रहे थे। हटा के चर्चित नेता और पथरिया विधानसभा के दो चुनाव में दूसरे नंबर पर रहे पुष्पेंद्र हजारी के बेटे अनुराग वर्धन हजारी समाजवादी पार्टी की टिकट पर 7827 वोट लेकर छठवें नंबर पर रहे थे।
कांग्रेस को बृजेंद्र के जरिए दिख रही जीत की उम्मीद.. पथरिया विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस को अपने घोषित प्रत्याशी राव बृजेंद्र सिंह के जरिये इस बार जीत की उम्मीद नजर आ रही है। दरअसल पिछले 25 साल से कांग्रेस यहां से अपने प्रत्याशी को नहीं जिता पाई है..
वही पिछले चुनाव में बृजेंद्र को मिली 27024 तथा कांग्रेस प्रत्याशी गजेंद्र गौरव पटेल को मिले 25438 वोट को जोड़ कर 52 हजार से अधिक वोट की उम्मीद करके कांग्रेस अपनी जीत का गणित लगाए हुए हैं। लेकिन आने वाले दिनों में कांग्रेस टिकट के दावेदार अन्य नेताओं की भूमिका से अभी पर्दा उठाना बाकी है। खासकर गौरव पटेल को टिकट नहीं दिए जाने से कांग्रेस समर्थित कुर्मी बोटरो के भाजपा के पक्ष में एक मुस्त होने की संभावना बन गई है। वहीं पूर्व मंत्री कुशमारिया की भाजपा में वापसी तथा पूर्व सपा प्रत्याशी अनुराग हजारी के भाजपा में शामिल हो जाने से उनको मिली वोट कि भाजपा आस लगाए बैठी है
पथरिया में बागियों की बजह से जीती थी बसपा.. पिछले विधानसभा चुनाव में प्रत्याशियों को मिले वोटो के आंकड़ों को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि किस तरह से भाजपा तथा कांग्रेस का खेल उनके बागी प्रत्याशियों ने बिगाड़ा था और बसपा के हाथ जीत की बाजी लग गई थी। बहुजन समाज पार्टी ने इस बार फिर से मध्य मध्य प्रदेश की इकलौती बसपा विधायक रामबाई सिंह को पार्टी प्रत्याशी घोषित किया है।
लेकिन इस बार उनकी राह पिछली बार की तरह आसान नहीं रहेगी क्योंकि भाजपा कांग्रेस ने पिछले चुनाव में जीत का गणित बिगाड़ने वाले बागियों को जहा नई जिम्मेदारी सौंपकर पुरानी गलती सुधारने की कोशिश की है वही बसपा प्रत्याशी रामबाई के चुनाव की कमान संभालने वाले उनकेे पति, देवर सहित अन्य सदस्य जेल में बंद होने से चुनाव प्रचार के दौरान अपनों की कमी खल सकती है।
भाजपा ने कुसमरिया बाबा को बनाया आयोग का अध्यक्ष
पिछले विधानसभा चुनाव 2018 में पथरिया तथा दमोह से निर्दलिय प्रत्याशी के तौर पर ताल ठोकने वाले पूर्व सांसद पूर्व मंत्री रामकृष्ण कुसमारिया भले ही मुकाबले में नहीं रहे थे लेकिन उन्होंने दोनों ही क्षेत्र में भाजपा के जीत के गणित को बिगाड़ कर रख दिया था।
इस बार भाजपा ने चुनाव के ठीक पहले मध्य प्रदेश पिछड़ा वर्ग आयोग का अध्यक्ष कैबिनेट मंत्री का दर्जा  घोषित करके उनकी नाराजगी को दूर करने की कोशिश की है। 
मध्य प्रदेश के राज्यपाल के हस्ताक्षर से 6 अक्टूबर को जारी हुए श्री कुसमारिया के नियुक्ति आदेश की प्रति हालांकि 15 अक्टूबर को सोशल मीडिया पर वायरल हुई है जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि बैक डेट में श्री कुसमरिया को पिछड़ा वर्ग आयोग का अध्यक्ष बनाकर भाजपा ने पूरे प्रदेश में कुर्मी समाज के साथ साथ ओबीसी वर्ग को भी साधने की कोशिश की है।

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