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अहमदाबाद से आई छोरियों की टोली को पुलिस ने पूछताछ के बाद तड़ीपार किया.. इधर बेंगलुरु में उमर फारूख के लव जिहाद का शिकार हुई दमोह की बेटी ने.. पुलिस को अपनी दास्तान सुना FIR कराई

 गुजरात  की संदिग्ध युवतियों को पुलिस ने वापस भेजा

 दमोह। पुलिस द्वारा गुरुवार दोपहर शहर के विभिन्न नाका क्षेत्रों में घूम रहे हैं दो दर्जन से अधिक बाहरी लड़कियों को पकड़ने के बाद महिला सेल के हवाले किया गया था।  जहा पूछताछ के दौरान इन सभी ने गुजरात निवासी होना तथा बुंदेलखंड में रोजी रोटी कमाने के उद्देश्य आना बताया था। इसके बाद पुलिस ने गुजरात पुलिस से संपर्क किया और उनके बारे में जानकारी हासिल की। जिसके बाद इनको बाइज्जत छोड़ते हुए जल्द से जल्द दमोह छोड़ देने के निर्देश दिए गए है।

 उल्लेखनीय है कि दमोह नगर के जबलपुर नाका, सागर नाका, रेलवे स्टेशन, ओवरब्रिज आदि क्षेत्रों में पैंट शर्ट पहने लड़कियों के अलग-अलग ग्रुपो के सक्रिय रहने तथा इनके द्वारा वाहन चालकों को रोककर रुपयों की मांग किए जाने की जानकारी पुलिस तक पहुंची थी। इसी तरह कुछ बाहरी महिलाओं तथा बच्चों के भी लोगों को रोककर पैसे मांगने की जानकारी सामने आ रही थी। गुरुवार को सिग्रामपुर से लौट रहे एसपी राकेश कुमार सिंह की नजर जबलपुर नाका बाईपास क्षेत्र में वाहन चालकों को रोक रही कुछ लड़कियां पर पड़ी तो उन्होंने तत्काल देहात थाना पुलिस को कार्रवाई के निर्देश दिए।

 

 इसके बाद सागर नाका चौकी प्रभारी गरिमा मिश्रा पुलिस टीम के साथ सक्रिय हुई तथा उन्होंने दर्जन भर से अधिक लड़कियों को पकड़कर महिला थाने पहुंचाया। वहीं इनकी अन्य साथियों को भी विभिन्न क्षेत्रों से पकड़कर महिला थाने लाया गया। जिनके आधार कार्ड आदि की जांच करने पर यह सभी अहमदाबाद गुजरात क्षेत्र के निवासी निकले। वहां की पुलिस से संपर्क करने पर इनके खानाबदोश जैसी जाति का होने का पता लगा जो की भीख मांग कर अपना गुजारा करता है। जिसके बाद दो दर्जन से अधिक युवती तथा महिलाओं के अलावा आधा दर्जन बच्चों को वापस स्टेशन छुड़वाते हुए पुलिस में जल्द से जल्द दमोह छोड़ने के निर्देश दिए है।

  

उल्लेखनीय है कि जिस तरीके से पैंट शर्ट पहने नई उम्र की लड़कियां शहर के सुनसान नाका क्षेत्रों में वाहन चालकों को रोककर रुपयों की मांग कर रही थी ऐसे में वह किसी अनहोनी का शिकार भी हो सकती थी वही इनके द्वारा जाने वाली किसी अनहोनी का शिकार भी दमोह के नवयुवक हो सकते थे ऐसे में एसपी राकेश कुमार सिंह ने स्वयं संज्ञान में लेकर जिस तरह से इस मामले को महिला सेल के हवाले करते हुए अनजान लड़कियों को वापस अपने क्षेत्र जाने के निर्देश दिए उसे शहर के अमन चैन के हिसाब से सही कहा जा सकता है।

 बेंगलुरु में लव जिहाद का शिकार युवती की दास्तान..  दमोह की एक युवती बेंगलुरु में लव जिहाद का शिकार होने के साथ अपनी नौकरी, रुपया, इज्जत सब कुछ लुटा का वापिस आने के बाद आरोपी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए परेशान होती रही और आखिरकार वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान में मामला आने के बाद महिला थाने में उसकी शिकायत दर्ज कर ली गई है।  स्थानीय मीडियो से चर्चा के दौरान उसमें जो दर्द भरी दास्तान सुनाई है वह अपने शहर से बाहर काम करने वाली हर उस यूपी के लिए सबक हो सकती है जो जाने अनजाने में लव जिहाद का शिकार होने के बाद अपना सब कुछ लुटा बैठती है और आखरी में उसके हिस्से में सिर्फ प्रताड़ना परेशानी और सुनाने को दुख भरी दास्तान ही बचती है।

 

 लव जिहाद की शिकार यह पीड़िता दमोह के दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल विकास योजना के तहत एक निजी कंपनी में नौकरी करने बेंगलुरु गई थी। जहा कंपनी में एक राजू नाम के लड़‍के से हुई मुलाकात धीरे-धीरे प्रेम संबन्ध में बदलती चली गई। एक दिन अचानक उसे पता चलता है कि राजू उसके दिखावा कर रहा था, वह लव जिहाद की शिकार हो चुकी है। राजू का असली नाम उमर फारुख है जो असम का रहने वाला है। जिसके बाद पीड़िता ने उस लड़के से दूरी बनाना शुरू करती है, लेकिन इस दूरी के बदले में उसे धमकियां और शारीरिक प्रताड़ना मिलनी शुरू हो गई।  किसी तरह मौका पाकर वह वापिस दमोह आ गई, यहां भी उमर फारुख ने उसे मानसिक प्रताड़ना देना शुरू कर दिया। पीड़िता ने पुलिस को बताया कि निजी पल के धोखे से लिए फोटो और वीडियो वायरल कर देने की धमकी भी दी गई। लड़की ने अपनी आपबीती में बताया कि उमर फारूख ने उसका विश्वास जीत लेने के बाद, उसके साथ शादी करने का वादा कर उससे शारीरिक संबंध बनाए और चुपके से निजी पल के फोटो एवं वीडियो बना लिये।


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