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प्रोटेस्ट पिटीशन पर कोर्ट का बड़ा फैसला.. देहात थाना पुलिस द्वारा नाम काटे गए अभियुक्त को दमोह न्यायालय ने बनाया आरोपी.. बलात्कार और हत्या के प्रयास से जुड़ा है मामला.. हाईकोर्ट की शरण लेने के बाद भी आरोपी भाजपा नेता को राहत नहीं..

 प्रोटेस्ट पिटीशन पर दमोह न्यायालय का बड़ा फैसला..

दमोह । देहात थाना के चौरई बालाकोट में 20 जून 2022 को हुई बालात्कार और हत्या के प्रयास की रिपोर्ट में दमोह देहात पुलिस ने एक नामजद आरोपी राव भूपेंद्र सिंह को क्लीन चिट देते हुए उसे मामले का आरोपी नहीं माना था जिस पर दमोह के मजिस्ट्रेट राम मनोहर दांगी ने संज्ञान लेते हुए पुलिस के द्वारा दी गई क्लीन चिट को नकारते हुए राव भूपेंद्र सिंह को न्यायालय में बतौर आरोपी हाजिर होने आदेशित किया है। आरोपी ने मामले से बचने हाईकोर्ट की भी शरण ली थी किन्तु इसके बाबजूद भी घटना क्रम में आरोपी का नाम होने से दमोह न्यायालय द्वारा उसे कोई राहत नहीं दी गई।।
मामले में पीड़िता की ओर से न्यायालय में पैरवी कर रहे अधिवक्ता मनीष नगाइच ने बताया के देहात पुलिस ने मामले के मुख्य नामजद आरोपी राव भूपेंद्र सिंह लोधी को बचाने न्यायालय में यह बताया था के आरोपी घटना समय पर घटनास्थल पर मौजूद नहीं था
इस सम्बंध में पुलिस ने आरोपी की ओर से कई वीडियो फूटेज और सी डी डी बी आर आदि प्रस्तुत की थी इतना ही नहीं ASP ने भी आरोपी का नाम काटे जाने अनुशंसा की थी । गत दिवस मामले के शेष आरोपीगण छोटू उर्फ राजवेंद व बबलू उर्फ देवेन्द्र के विरुद्ध न्यायालय में देहात पुलिस ने आरोप पत्र पेश किया किन्तु राव भूपेन्द्र सिंह का नाम काट दिया जिससे व्यथित होकर पीड़िता ने न्यायालय में छोड़े गए आरोपी के विरुद्ध प्रोटेस्ट पिटीशन पेश की आरोपी को छोड़े जाने में पुलिस व राजनीतिक रसूख को जबाबदार बताते हुए आरोपी के विरुद्ध न्यायालय द्वारा कार्यवाही की मांग की जिस पर न्यायालय ने पीड़िता के अधिवक्ता के तर्कों से सहमत होते हुए एवम उच्चत्तम न्यायालय द्वारा पारित निर्णयों के आलोक में प्रथम दृष्टया राव भूपेंद्र सिंह को आरोपी मानते हुए न्यायालय में बतौर आरोपी हाजिर होने का आदेश दिया है। आरोपी भाजपा नेता होने के साथ पूर्व में ग्रामीण मंडल के अध्यक्ष सहित अनेक पदों पर रह चुका है। 

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