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कुंडलपुर में बड़े बाबा मंदिर परिसर में श्रीधर केवली जी के चरण कमल स्थापित, निर्यापक मुनिश्री योग सागर जी का विहार.. नन्हें मंदिर में आचार्य श्री का 57 वामुनि दीक्षा दिवस मनाया गया..

कुंडलपुर में श्रीधर केवली जी के चरण चिन्ह स्थापित

 दमोह । सुप्रसिद्ध सिद्ध क्षेत्र कुंडलपुर में महासमाधि धारक युग श्रेष्ठ संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के पावन दीक्षा दिवस के अवसर पर परम पूज्य आचार्य श्री समयसागर जी महाराज के मंगल आशीर्वाद एवं ससंघ सानिध्य में कुंडलपुर सिद्ध क्षेत्र से मोक्ष पधारे श्रीधर केवली भगवान के चरण चिन्ह बड़े बाबा जिनालय परिसर में सबसे आगे वही स्थापित किए गए जहा पर बड़े बाबा के पुराने मंदिर का गर्भ ग्रह था । 

चरण स्थापित करने वालों में महेश दिगंबर दमोह, अभय बनगांव, अनिल नायक भोपाल, प्रतिभास्थली की बहने जबलपुर, अजय निरमा जबलपुर, इंजीनियर आरके जैन दमोह। चरण चिन्ह का अभिषेक करने वालों में अशोक सराफ पटेरा, सुधीर जैन सिवनी, संतोष सिंघई, रूपचंद गौरव जैन आदि प्रमुख रहे।

इस अवसर पर आचार्य श्री समय सागर जी महाराज के ससंघ सानिध्य के साथ देश के विभिन्न क्षेत्रों से आए श्रावक श्रेष्ठि जनों की मौजूदगी रही। आज आचार्य श्री समय सागर जी महाराज की आहारचर्या अशोक सराफ पटेरा के चौके में संपन्न हुई। 
निर्यापक मुनि योग सागर जी का कुंडलपुर से विहार

संत शिरोमणि आचार्य भगवंत श्री विद्यासागर जी महाराज के परम प्रभावक एवं अभिनव आचार्य श्री समयसागर जी महाराज के मंगल आशीर्वाद से परम पूज्य निर्यापक श्रमण मुनि श्री योगसागर जी महाराज ससंघ एवं मुनि श्री महासागर जी महाराज ससंघ, आर्यिका श्री सौम्यमति माताजी ससंघ, आर्यिका श्री अकम्पमति माताजी ससंघ, आर्यिका श्री वैराग्यमति माताजी ससंघ का मंगल विहार 30 जून को सिद्ध क्षेत्र कुंडलपुर से हुआ।
नन्हे मंदिर में आचार्य श्री का मुनि दीक्षा दिवस मनाया

दमोह के श्री पारसनाथ दिगंबर जैन नन्हे मंदिर जी में आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज का 57 वा मुनि दीक्षा दिवस भक्ति भाव के साथ मनाया गया। इस अवसर पर मुनि श्री प्रयोग सागर जी महाराज एवं मुनि श्री सुब्रत सागर जी महाराज का मंगल सानिध्य सभी को प्राप्त हुआ। जैन धर्मशाला में प्रातः बेला में आचार्य श्री की भक्ति भाव के साथ अष्ट द्रव्यों से पूजन की गई।

 इस अवसर पर बड़ी संख्या में नई शिक्षा सत्र में स्कूल जाने वाले बच्चों की भी मौजूदगी रही जिनको मुनि संघ के सानिध्य में मंदिर आने भगवान के दर्शन करने समय अनुसार अभिषेक पूजन करने रात्रि भोजन का त्याग करने जैसे नियमों की जानकारी देकर संस्कार प्रदान किए गए। आचार्य श्री की 57 दीपक से आरती का सौभाग्य नवकार महिला मंडल को प्राप्त हुआ। मुनि श्री को शास्त्र भेंट करने का सौभाग्य ठेकेदार रमेश जैन भिड़ा वाले परिवार तथा बालिका मंडल को प्राप्त हुआ।
इस अवसर पर मुनि श्री सुब्रत सागर जी महाराज ने कहा कि आचार्य श्री के बिना यह पहला मुनि दीक्षा दिवस है। उन्होंने बताया कि तिथि के अनुसार भले ही यह दिन 11 जुलाई को आने वाला हो लेकिन तारीख के अनुसार तारीख के अनुसार 30 जून 1968 को अजमेर नगर में आचार्य श्री ज्ञान सागर जी महाराज ने श्री विद्या सागर जी को मुनि दीक्षा प्रदान की थी। 

मुनि श्री प्रयोग सागर जी महाराज ने आचार्य श्री विद्या सागर जी महाराज से जुड़े संस्मरण सुनाते हुए कुछ समय के लिए भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि आचार्य पद तो बहुत साधुओं को प्राप्त हुआ है लेकिन आचार्य विद्यासागर जी कोहिनूर हीरा की तरह ऐसे आचार्य थे जिनको आचार्य पद नहीं बल्कि यह आचार्य पद को सुशोभित करते थे। धर्म सभा में बनारस से आए भक्त जनों के द्वारा मुनि संघ के समक्ष श्रीफल भेंट किए गए। कार्यक्रम का संचालन मंदिर कमेटी के अध्यक्ष नवीन निराला तथा आभार प्रदर्शन महामंत्री राजकुमार जैन रानू के द्वारा किया गया।

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