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मप्र मंत्रिमंडल गठन के पूर्व शिवराज के बाद सीएम मोहन यादव भी दिल्ली तलब.. कैविनेट में प्रहलाद, राकेश, रीति, कैलाश के साथ भार्गव, मलैया की ताजपोशी भी तय..! शिवराज को भी प्रदेश मंत्रिमंडल में शामिल होने मनाने की अटकलें ..

मप्र में मंत्रियों को आज दिलाई जा सकती है शपथ..

भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा के नवनिर्वाचित विधायकों की शपथ ग्रहण के बाद अब मंत्रिमंडल गठन अर्थात कैबिनेट विस्तार को लेकर उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है। मंत्रिमंडल में करीब 30 मंत्रियों को शामिल किए जाने की अटकलो के बीच 19 दिसंबर की शाम होने वाले शपथ ग्रहण समारोह में आधे नए तथा आधे पुराने चेहरों को मोहन मंत्रिमंडल में जगह मिलने की संभावना जताई जा रही है। इधर मंत्रिमंडल विस्तार के पहले पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बाद मुख्यमंत्री मोहन यादव को एक बार फिर दिल्ली बुलाए जाने से नई अटकलें का बाजार सरगर्म हो गया है। सूत्रों का कहना है कि संघ परिवार के कहने पर कुछ पुराने मंत्रियों को फिर से मौका देने की रणनीति पर विचार करने मुख्यमंत्री श्री यादव को दिल्ली बुलाया गया है। ऐसे में मंत्रिमंडल का विस्तार एक दिन आगे भी हो सकता है..

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के बाद मुख्यमंत्री पद के लिए बड़े-बड़े नेताओं के नाम चल रहे थे लेकिन श्री मोहन यादव की ताजपोसी ने जिस तरह से सभी को चौकाया था वैसी ही चोकाने वाली संभावना अब मोहन कैबिनेट के विस्तार को लेकर जताई जा रही है। सूत्रों का कहना है कि लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर प्रदेश के सभी 29 संसदीय क्षेत्र से एक एक विधायक को मंत्रिमंडल में जगह देने की रणनीति तय की गई है। जिनमे सांसद से विधायक बने वरिष्ठ नेताओं से लेकर जातिगत और क्षेत्रीय संतुलन को ध्यान में रखकर कुछ पुराने वरिष्ठ मंत्रियों तथा संघ परिवार की सहमति से दर्जन भर युवा विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल करना तय है। लेकिन अचानक सामने आए नए मुख्यमंत्री के नाम की तरह शपथ समारोह के कुछ घंटे पहले ही इनके नाम सामने आने की संभावना है। 
प्रहलाद पटेल, राकेश सिंह, रीती पाठक का नाम तय..
मुख्यमंत्री मोहन यादव की कैबिनेट में उपमुख्यमंत्री श्री राजेंद्र शुक्ला और जगदीश देवड़ा को जहा महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी सोपा जाना तय माना जा रहा है वही विधायक बनने के बाद सांसद तथा केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा देने वाले श्री नरेंद्र सिंह तोमर को विधानसभा अध्यक्ष बनना तय हो गया है।

 वही एक अन्य पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री प्रहलाद पटेल को भी कैबिनेट मंत्री के साथ गृहमंत्री की कमान सौप कर उनको पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा की जगह फिट किये जाने की पूरी संभावना जताई जा रही है। सांसदी छोड़ने वाले नव निर्वाचित विधायक राकेश सिंह जबलपुर एवं रीती पाठक सीधी को भी कैबिनेट में जगह मिलना तय माना जा रहा है वही होशंगाबाद सांसद रहे राव उदय प्रताप सिंह को भी मंत्रिमंडल में मौका मिलने की संभावना है। 
भार्गव, विजयवर्गीय, मलैया को लेकर भी अटकलें

मुख्यमंत्री मोहन यादव की कैबिनेट में वरिष्ठ नेता गोपाल भार्गव, कैलाश विजयवर्गी, जयंत मलैया जैसे पुराने वरिष्ठ मंत्रियों को मौका मिलने की फिर से संभावना जताई जा रही है। जबकि सागर से भूपेंद्र सिंह और गोविंद सिंह राजपूत के बीच भी फिफ्टी फिफ्टी की स्थिति बताई जा रही है। सागर से ही नए मंत्रियों में शैलेंद्र जैन और प्रदीप लारिया के बीच भी फिफ्टी फिफ्टी के हालात है। 
दमोह से मलैया जी या धर्मेंद्र की किस्मत चमकेगी..
दमोह जिले से इस बार चारों सीट पर भाजपा विधायक निर्वाचित हुए है। जिनमे दमोह से वरिष्ठ नेता जयंत मलैया सातवी बार, हटा से उमा देवी खटीक तीसरी बार तथा पथरिया से लखन पटेल और जबेरा से धर्मेंद्र सिंह दूसरी बार निर्वाचित हुए है। सूत्रों को कहना है की अंतिम समय में संघ परिवार की तरफ से वरिष्ठ नेता जयंत मलैया को मंत्रिमंडल में शामिल करने हरी झंडी दे दी गई है। वही नए चेहरे की रणनीति दमोह में लागू होती है तो जबेरा से दूसरी बार चुने गए धर्मेंद्र सिंह लोधी जिन्होंने आज विधानसभा में संस्कृत में शपथ ली है इनको मोहन मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है। 

धर्मेंद्र का लोधी समाज से होना, संघ की पारिवारिक पृष्ठ भूमि और युवा अवस्था मे लगातार दूसरी बार विधायक चुना जाना प्लस पॉइंट है।  जबकि उमा देवी खटीक और लखन पटेल कि मंत्रिमंडल में शामिल होने की माइनस मार्किंग पूर्व मंत्री रामकृष्ण कुसमरिया को कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त पिछड़ा वर्ग आयोग का अध्यक्ष बना देना कहां जा सकता है। दरअसल श्री कुसमारिया कुर्मी समाज से है और हटा क्षेत्र से आते हैं ऐसे में हटा पथरिया विधायक की मंत्रिमंडल में जगह मिलने की संभावना कम हो गई है। 
शिवराज सिंह केंद्र में मंत्री बनेंगे या फिर प्रदेश में..
मध्य प्रदेश में मंत्रिमंडल गठन के ठीक पहले अचानक
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भाजपा की केंद्रीय नेतृत्व द्वारा दिल्ली बुलाया गया है उससे उनके प्रस्तावित केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार में जगह मिलने की संभावना जताई जाने नहीं लगी है। वही यह भी आशंका जताई जा रही है कि मध्य प्रदेश मंत्रिमंडल में श्री शिवराज सिंह को बड़ी जिम्मेदारी देने के लिए दिल्ली तलब किया गया है। यदि श्री चौहान मान जाते हैं तो उनकी पसंद का विभाग खासकर महिला एवं बाल विकास विभाग उन्हें सौंप कर लाडली बहनों की नाराजगी को दूर करने की कोशिश की जा सकती है। उल्लेखनीय की पूर्व में श्री कैलाश जोशी और श्री बाबूलाल गौर मुख्यमंत्री रहने के बाद मंत्रिमंडल मैं शामिल होकर महत्वपूर्ण दायित्व संभाल चुके हैं..

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