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कम मतदान वाले केन्द्रों में स्वीप गतिविधियां होगी तेज.. मप्र में चुनाव आचार सहिंता के चलते 2 लाख 57 हजार 757 शस्त्र जमा..एनफोर्समेंट एजेंसियों ने की 90 करोड़ 66 लाख से अधिक की कार्रवाई.. ऐप से संहिता उल्लंघन की मिली 2402 शिकायतें

कम मतदान वाले केन्द्रों में स्वीप गतिविधियां होगी तेज

दमोह। संयुक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी मप्र मनोज खत्री ने विधानसभा निर्वाचन 2023 एमसीएमसी एवं स्वीप समिति के नोडल अधिकारियों की बैठक ली। बैठक में सीईओ जिला पंचायत एवं नोडल अधिकारी स्वीप अर्पित वर्मा स्वीप एवं एमसीएमसी के नोडल एवं सहायक नोडल अधिकारी मौजूद थे।

 संयुक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री खत्री ने एमसीएमसी गतिविधियों के संबंध में जानकारी लेते हुये विस्तृत दिशा निर्देश दिये। उन्होंने कहा मीडिया सोशल मीडिया केबल नेटवर्क  में दिखाई जा रही खबरों पर नजर रखी जाये। यदि कहीं कोई अप्रिय खबर आती है तो उसे संज्ञान में लिया जाये और आयोग के संज्ञान में लाया जाये। 

स्वीप गतिविधियों के संबंध में चर्चा करते हुये कहा जिले में स्वीप गतिविधियों अच्छे कार्यक्रम किये जायेंए जिससे मतदाताओं में रूझान पैदा हो और मतदान प्रतिशत में बढ़ोत्तरी हो। कम मतदान वाले केन्द्रों में स्वीप गतिविधियां बढ़ाई जायें। पिछले निर्वाचन में जो स्वीप गतिविधियां रही है उन्हें निरंतर जारी रखा जाये।

 मप्र में चुनाव आचार सहिंता के चलते 2 लाख 57 हजार 757 लाइसेंसी शस्त्र जमा कराएं.. भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा निर्वाचन.2023 की आदर्श आचरण संहिता 9 अक्टूबर से पूरे प्रदेश में प्रभावशील है। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री अनुपम राजन ने बताया कि पुलिस द्वारा शस्त्र लाइसेंसए विस्फोटक पदार्थों पर लगातार कार्रवाई की जा रही है। प्रदेश में 2 लाख 85 हजार 379 लाइसेंसी शस्त्र है। जिसमें से अब तक 2 लाख 57 हजार 17 लाइसेंसी शस्त्र जमा कराए गए हैं। 576 लाइसेंसी शस्त्रों के लाइसेंस तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिए गए हैं। 

कार्रवाई के दौरान अब तक 1 हजार 705 अवैध हथियारए 426 कार्टिजए 2 हजार 428 विस्फोटक पदार्थ एवं 1 बम भी मिला हैं। ये सभी सामग्री जब्त कर ली गई है। प्रदेश में कुल 391 अंतरराज्यीय नाकों एवं 665 आंतरिक नाकों के माध्यम से निगरानी की जा रही है। प्रदेश में 811 फ्लाईंग स्क्वायड ;उड़नदस्ताद्धए 942 सर्विलांस टीम ;एसएसटीद्ध एवं 76 क्विक रिसपांस टीम ;क्यूआरटीद्ध कार्य कर रही हैं।

14 दिन में एनफोर्समेंट एजेंसियों ने की 90 करोड़ 66 लाख रुपये से अधिक की कार्रवाई.. मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री अनुपम राजन ने बताया कि प्रदेश में विधानसभा निर्वाचन 2023 स्वतंत्रए निष्पक्ष एवं पारदर्शी रूप से संपन्न कराने के लिए एनफोर्समेंट एजेंसियों द्वारा लगातार कार्रवाईयां की जा रही है। 9 से 22 अक्टूबर तक एनफोर्समेंट एजेंसियों ; एफएसटीए एसएसटी और पुलिसद्ध द्वारा 90 करोड़ 66 लाख रुपये से अधिक की कार्रवाई की गई है। 

संयुक्त टीम ने 12 करोड 8 लाख 32 हजार 300 रुपये नगदए 18 करोड़ 36 लाख 82 हजार 499 रुपये की अवैध शराबए 8 करोड़ 78 लाख 54 हजार 200 रुपये के मादक पदार्थए 27 करोड़ 46 लाख 89 हजार 782 रुपये की अमूल्य धातुए सोना.चांदीध् ज्वेलरी तथा 23 करोड़ 95 लाख 99 हजार 881 रुपये की अन्य सामग्रियां जब्त की है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में साल 2018 में हुए विधानसभा निर्वाचन में एनफोर्समेंट एजेंसियों द्वारा 72 करोड़ 93 लाख रुपये की कार्रवाई की गई थी। यह कार्रवाई 6 अक्टूबर से 28 नवंबर के बीच की है। प्रदेश में साल 2018 में 6 अक्टूबर से आदर्श आचरण संहिता लागू हुई थी।

सी.विजिल ऐप से आदर्श आचरण संहिता के उल्लंघन की मिली 2402 शिकायतें..मध्यप्रदेश विधानसभा निर्वाचन 2023 में आदर्श आचरण संहिता के उल्लंघन की अब तक 2402 शिकायतें प्राप्त हुई है। ये सभी शिकायतें सी.विजिल एप के माध्यम से मिली है और इन सभी शिकायतों का त्वरित समय में निराकरण किया गया है।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री अनुपम राजन ने बताया कि प्रदेश में विधानसभा निर्वाचन 2023 के लिए 9 अक्टूबर से आदर्श आचरण संहिता प्रभावशील हुई है। आदर्श आचरण संहिता के उल्लंघन की जानकारी त्वरित मिल सकेए इसके लिए भारत निर्वाचन आयोग द्वारा सी.विजिल ऐप तैयार किया गया है। यह एप आदर्श आचरण संहिता के लागू होते ही सक्रिय हो गया है। एप के माध्यम से कोई भी नागरिक आदर्श आचरण संहिता के उल्लंघन की किसी भी तरह की शिकायत फोटोए वीडियो के माध्यम से कर सकता है। शिकायत प्राप्त होते ही त्वरित निराकरण किया जा रहा है। श्री राजन ने बताया कि गूगल प्ले स्टोर पर जाकर कोई भी नागरिक अपने एंड्रॉयड मोबाइल पर एप को डाउनलोड कर सकता है।
स्टेट जीएसटी ने चार सौ संदिग्ध व्यवसाइयों के विरूद्ध की कार्रवाई
विधानसभा निर्वाचन 2023 के अंतर्गत निर्वाचन आयोग की मंशानुसार निर्वाचन कार्य को स्वच्छ सुचारू तरीके से संचालित करने के लिये प्रवर्तन ;म्दवितबमउमदजद्ध एजेंसियों को फेकध्बोगस इनवाइस जारी करने वाले व्यवसाइयों से मुफ्त ;थ्तममइपमेद्ध में बांटी जाने वाली वस्तुओं के डाटा विश्लेषण कर एवं जानकारी एकत्र कर वाणिज्यिक कर विभाग द्वारा संदिग्ध कर दाताओं के विरूद्ध लगातार वैधानिक कार्रवाई की जा रही है।
वाणिज्यिक कर आयुक्त श्री लोकेश कुमार जाटव के निर्देशन में स्टेट जीएसटी विभाग द्वारा प्रथम चरण में सेक्टोरल एनालिसिस कर कर अपवंचन में लिप्त सेक्टर विशेष के अंतर्गत आने वाली ;थ्तममइपमेद्ध एवं इवेजन प्रोन ;कमोडिटियां जैसे घरेलू सामानध्बर्तन मोबाईल आदि इलेक्ट्रॉनिक्स कास्मेटिक्स़ पानमसालाए लिकर आदि से संबंधित व्यवसाइयों पर प्रवर्तन की कार्रवाई की गई थी।
द्वितीय चरण में फेकध्बोगस इनवाइस जारी करने वाले व्यावसाइयों के विरुद्ध सशक्त कार्रवाई के उद्देश्य से वाणिज्यिक कर विभाग द्वारा विशेष अभियान चलाया जा रहा है। अभियान में संदिग्ध पंजीयत करदाताओं का निर्धारित पैरामीटर्स जैसे रजिस्ट्रेशन के लिये प्रस्तुत दस्तावेज मोबाइल पैन आदि का विवरण प्रस्तु्त रिटर्न इनवर्ड आउटवर्ड सप्लाई आदि के आधार पर चिन्हांकन किया जाकर भौतिक सत्यापन निरीक्षण की कार्य योजना बनाई गई।
व्यवसाइयों के पंजीयन प्राप्त करने के लिये उपयोग किये गये दस्तावेजोंए पेन नंबरए ई.मेल एड्रेस एवं मोबाइल नंबरों पर दर्ज अन्य नवीन पंजीयनों का डाटा एनालिसिसए फील्ड से प्राप्त गोपनीय सूचनाओं के साथ किया गया। ऐसे नवीन पंजीयत व्यवसाइयों का भी चिन्हांकन किया गयाए जिनके द्वारा सम्पूर्ण कर.देयता का समायोजन बोगस आईटीसी से किया गया है।
विभिन्न डाटा स्त्रोतों पर उपलब्ध डाटा एवं अन्य राज्यों से प्राप्त सूचनाओं के उक्त पैरामीटर्स के अनुसार सघन विश्लेषण के आधार पर प्रदेश में 396 बोगस करदाताओं का चिन्हांकन किया गया। जिनमें से राज्य क्षेत्राधिकार वाले 179 व्यवसाइयों का भौतिक सत्यापन किया गया। केन्द्रीय क्षेत्राधिकार के 217 व्यवसाइयों पर धारा 67;1द्ध के अंतर्गत निरीक्षण की कार्यवाही की गई। 396 चिन्हांकित व्यवसाइयों में से प्रथमदृष्टया 102 व्यवसायी बोगसध्अस्तित्व हीनध्नॉन.फंक्शनल पाए गए। संदिग्धध्बोगस व्यवसाइयों के द्वारा बिना वास्तविक व्यवसाय के फेक आईटीसी प्राप्त एवं अग्रेषित करते हुए वास्त्विक कर.देयता को इस गलत आईटीसी से समायोजन कर कैश के माध्यम से डिस्पोज होने वाली कर.देयता को प्रभावित कर शासकीय राजस्व को क्षति पहुँचाई जाना संभावित है। प्रथम दृष्टया इन व्यवसाइयों के द्वारा बिना किसी वास्तविक व्यवसाय के केवल फर्जी बिल जारी किया जाकर राशि रुपये 21 करोड़ का कर अपवंचन किया जाना प्रतीत होता है।
संदिग्ध बोगस पाए गए व्यवसाइयों के विरूद्ध जीएसटी पंजीयन निरस्तीकरण की कार्रवाई की जा रही है। इसके साथ उक्त फर्मों की इनवर्ड एवं आउटवर्ड ट्रेल का विश्लेरषण कर उक्त फर्मों से संबद्ध अन्य फर्मों के विरूद्ध आईटीसी रिवर्सल एवं शास्ति की कार्रवाई की जाएगी।
विशेष आयुक्त श्रीमती रजनी सिंह ने बताया कि प्रवर्तन कार्यवाही से ऐसे बोगस अस्तित्वहीननॉन.फंक्शनल व्यवसाइयों के द्वारा बिना किसी वास्तविक व्यवसाय के केवल फर्जी बिल जारी किए जाने की प्रवृत्ति पर प्रभावी रोकथाम के द्वारा शासकीय राजस्व की क्षति को रोका जा सकेगा और निर्वाचन आयोग की मंशानुसार निर्वाचन कार्य को स्वच्छ सुचारू तरीके से संचालित करने संबंधी निर्देशों के अनुपालन में फेक इनवाइसिंग को नियंत्रित करने के साथ.साथ राजस्व सुरक्षा प्रभावी रूप से सुनिश्चित हो सकेगी।

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