तेंदूखेड़ा में बस मय यात्रियों के थाने में..
दमोह। तेंदूखेड़ा नगर के लोगों की परेशानी का पुलिस को ख्याल नहीं है नगर में मुख्य मार्ग पर प्रतिदिन बसें खड़ी होती हैं इससे पुलिस को कोई सरोकार नहीं लेकिन जब खुद पर बनी तो बस को रखवा दिया थाने में । पुलिस की गलती कहे की बस चालक की, लेकिन गलती का खामियाजा भुगतना पडा यात्रियों को । लेकिन बस में बैठे यात्रा कर रहे यात्रियों कहना था कि बस चालक की कोई गलती नहीं है उसके बावजूद पुलिस के अधिकारी द्वारा बस को थाने भेजना पूर्ण रूप से गलत है..
यह पूरा वाक्या मंगलवार को सामने आया.. मंगलवार को तेंदूखेड़ा नगर का साप्ताहिक
बाजार रहता है भीड़भाड़ की चलते आने जाने में परेशानी होती है नगर की
यातायात व्यवस्था पूर्ण रूप से कई सालों से गड़बड़ है जिसके संबंध में कई
बार समाचार प्रकाशित किए गए लेकिन पुलिस ने केवल व्यवस्था सुधारने की बात
कहती है लेकिन व्यवस्था नहीं सुधरी। मंगलवार
को दोपहर 3:05 पर जबलपुर से दमोह जाने वाली यादव
ट्रेवल्स की बस जब तेंदूखेड़ा बस स्टैंड से दमोह के निकली तो भीडवाड़ के कारण
धीरे-धीरे आगे बढ़ रही थी। पीछे एसडीओपी पुलिस का सरकारी वाहन चल रहा था।
तारादेही तिराहे पर खड़े दर्जनों ऑटो रिक्शा के कारण बस को रुकना पड़ा।
एसडीओपी वाहन चालक ने लगातार सायरन बजाया लेकिन आगे बढ़ाने कोई जगह न
होने के कारण बस खड़ी रही। यही बात नाग गवार गुजरी, यातायात
के कारण ड्राइवर ने बस रोक दी। पुलिस बाहन को लगभग 5 से 6 मिनट
व्यवस्था इस व्यवस्था में रुकना पड़ा तो इससे एसडीओ डीएस ठाकुर ने
तत्काल ही बस को थाने भिजवा दिया।
इस दौरान बस में सवार यात्रियों की एक नहीं मानी और कहा कि
बस थाने जाएगी। बस में एक महिला तो बीमार भी थी लोगों
द्वारा एसडीओपी से कहा गया कि बस का चालान काट दें लेकिन बस को जाने दें
लेकिन एसडीओपी ने किसी की एक नहीं मानी और बस को थाने भिजवा दिया। पुलिस
की इस प्रकार की प्रणाली से जहां बस यात्रियों को परेशानियों का सामना
करना पड़ा वही बस मालिक भी अपने यात्रियों को सुविधा नहीं दे सके।
लता ठाकुर, प्रभात पाठक, प्रदीप वर्मा, रूपलाल, देवकी चौधरी, कमल, बृजेश सिंह, पिंकी सहित अन्य यात्रियों ने बताया कि लगभग 2 घंटे इंतजार के बाद सवारियां दूसरी बसों से अपने-अपने गंतव्य के लिए रवाना हुए। इस संबंध में एसडीओपी डी एस ठाकुर का कहना था कि बस वाले मनमानी कर रहे हैं लगभग 10 मिनट तक सायरन बजाया गया लेकिन बस वाले ने बस नहीं हटाई साथ ही ड्राइवर और कंडक्टर बिना ड्रेस के थे जिसके तहत चलानी कार्रवाई की जा रही है बस अभी नहीं छोड़ी जा सकती। यहां पर उल्लेखनीय है कि तारादेही तिराहे को बसो ने बस स्टैंड बना रखा है जिसके कारण दिन भर में 70 से 80 बसे यहां रूकती है कई बार समाचार प्रकाशित करने के बावजूद पुलिस व्यवस्था नहीं बना पाई है। तेंदूूखेड़ा से विशाल रजक की खबर..
लता ठाकुर, प्रभात पाठक, प्रदीप वर्मा, रूपलाल, देवकी चौधरी, कमल, बृजेश सिंह, पिंकी सहित अन्य यात्रियों ने बताया कि लगभग 2 घंटे इंतजार के बाद सवारियां दूसरी बसों से अपने-अपने गंतव्य के लिए रवाना हुए। इस संबंध में एसडीओपी डी एस ठाकुर का कहना था कि बस वाले मनमानी कर रहे हैं लगभग 10 मिनट तक सायरन बजाया गया लेकिन बस वाले ने बस नहीं हटाई साथ ही ड्राइवर और कंडक्टर बिना ड्रेस के थे जिसके तहत चलानी कार्रवाई की जा रही है बस अभी नहीं छोड़ी जा सकती। यहां पर उल्लेखनीय है कि तारादेही तिराहे को बसो ने बस स्टैंड बना रखा है जिसके कारण दिन भर में 70 से 80 बसे यहां रूकती है कई बार समाचार प्रकाशित करने के बावजूद पुलिस व्यवस्था नहीं बना पाई है। तेंदूूखेड़ा से विशाल रजक की खबर..
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