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रीवा लोकायुक्त की टीम ने मैडम के साथ बाबू को भी रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा.. बीमार परियोजना समन्वयक के बिल तथा दो माह की सैलरी निकालने के बदले.. जनपद पंचायत की सीईओ ले रही थी बाबू के साथ रिश्वत..

 मैडम के साथ बाबू को भी रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा

मध्यप्रदेश में रिश्वतखोरी का दंश थमने का नाम नहीं ले रहा है शायद ही कोई ऐसा दिन जाता हो जब प्रदेश के किसी कोने से लोकायुक्त कार्रवाई की खबर सामने नहीं आती हो। ताजा मामला रीवा में सामने आया है जहां लोकायुक्त की टीम ने जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को उनके बाबू के साथ रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा है। रिश्वत यह रकम बीमार परियोजना समन्वयक के बिल तथा दो बार की सैलरी निकालने के बदले में ली जा रही थी।

 रीवा जनपद पंचायत कार्यालय पहुंची लोकायुक्त की टीम ने लोकायुक्त एसपी गोपाल सिंह धाकड़ के निर्देशन में कार्यवाही करते हुए जनपद पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी विजयलक्ष्मी मरावी को अपने घूसखोर बाबू महेंद्र वर्मा  के साथ रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ने में देर नहीं की। दरअसल जनपद पंचायत के परियोजना समन्वयक संजीव पांडे पिछले कुछ महीनों से बीमार चल रहे थे हाल ही में मुंबई से अपना इलाज करा कर वापस लौटे थे। उनकी अक्टूबर तथा नवंबर माह की सैलरी तथा बिल निकाले जाने के बदले में मैडम तथा बाबू के द्वारा रिश्वत की मांग की जा रही थी। 

जिसकी शिकायत लोकायुक्त को किए जाने के बाद में आज इन दोनों को रंगे हाथों ट्रेस किया गया। लुगाई पीने जनपद पंचायती सीईओ विजयलक्ष्मी मरावी को ₹5000 तथा बाबू महेंद्र वर्मा को डेढ़ हजार की रिश्वत के साथ पकड़ने के बाद भ्रष्टाचार अधिनियम की धारा 7 के तहत कार्रवाई की है। लोकायुक्त कार्रवाई की खबर से जनपद पंचायत कार्यालय में हड़कंप के हालात बने रहे तथा बाहर लोग मैडम के साथ बाबू की रिश्वतखोरी की चर्चाएं करते नजर आए।

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