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आखिरकार हिना की झोली फिर से खुशियों से भर गई.. बेटे की मौत के बाद पुत्र बधू का बेटी की तरह कन्या दान करके विदा किया.. दमोह तथा सागर निवासी जैन परिवारों की अनुकरणीय पहल के साक्षी बने सर्व समाज के सैकड़ों लोग..

बेटे की मौत के बहु का बेटी बनाकर कन्यादान किया

दमोह नगर के एक जैन परिवार की अनुकरणीय पहल सामने आई है। कुछ वर्ष पहले बेटे की मौत हो जाने के बाद  वैधव्य जीवन जीने को मजबूर बहू की झोली में फिर से गृहस्थ जीवन की खुशियां भरने के लिए उसे ससुराल वालों ने बेटी बनाकर दांपत्य सूत्र में बांधकर हंसी खुशी कन्यादान करके रीति रिवाज से विदा किया गया है। 

दमोह के सरस्वती कॉलोनी निवासी विनोद जैन के बेटे साहुल जैन का अप्रैल 2011 में हिना जैन से विवाह संपन्न हुआ था। इनके जीवन की गाड़ी हंसी-खुशी चल रही थी परिवार में एक बेटे के जन्म से इनकी खुशियों की फुलवारी और भी अध्यक्ष महक उठी थी। लेकिन एक दिन अचानक ना जाने इनकी खुशियों को ऐसा ग्रहण लगा की 29 नवंबर 2015 को साहुल का निधन हो गया। साहुल के निधन के साथ हिना की खुशियों का रंग भी उड़ता चला गया। शादी के महज 4 साल बाद ही बेटे की मौत तथा बहू की मांग सूनी हो जाने से जैन परिवार की हंसती खेलती फुलवारी मुरझाते देर नही लगी।  वही बहू अपने बेटे के धीरे-धीरे बड़े होने के साथ उसकी खुशियों में अपनी खुशियां तलाशने की कोशिश करती रहती थी। बहू के इस गम में हालांकि परिवार के सभी लोग शामिल थे लेकिन उसकी खुशियां कैसे लौटे यह किसी की समझ में नहीं आ रहा था। 

इस दौरान ससुर विनोद जैन का स्वास्थ्य खराब होने और उनकी बाईपास सर्जरी होने के बाद उनको बहू की चिंता और भी अधिक सताने लगी। आखिरकार उन्होंने बहू की झोली को फिर से खुशियों से भरने का निर्णय ले लिया। इसको लेकर पहले परिवार में सहमति बनी फिर समाज जनों के बीच। इसकी जानकारी जब सागर अरिहंत विहार कॉलोनी निवासी प्रतिष्ठित जैन परिवार को लगी तो उन्होंने अपने बेटे अंशुल के लिए हिना का हाथ और जीवन भर का साथ मांगने में देर नहीं की। आखिरकार दोनों परिवारों के बीच सहमति बनी और फिर बहु हिना को फिर से दांपत्य की डोर के बंधन में बंधने के लिए मनाने का दौर शुरू हुआ। 

आखिरकार सभी की जिद के आगे हिना को भी हार माननी पड़ी और उसने अंशुल के साथ विवाह के बंधन में बंधने की स्वीकृति दे दी। 24 नवंबर 2022 को अंशुल अपने परिजनों के साथ दमोह पहुंचे। इधर बहु हिना को बेटी बनाकर विदा करने के लिए विनोद जैन के परिजन और सर्व समाज के स्नेही जन इस विवाह के साक्षी बनने और वर-वधू को आशीर्वाद देने वीरांगना अवंती बाई भवन पहुंच गए। दोपहर की मांगलिक बेला में संस्कृत के प्रकांड विद्वान रिटायर प्रोफेसर भागचंद भागेंद्र जी ने देव शास्त्र गुरु को साक्षी मानकर अंशुल तथा हिना के विवाह को संपन्न कराया। वहीं मौजूद सभी लोगों ने अक्षत पुष्प वर्षा करके नव दंपत्ति को अपना मंगल आशीष प्रदान किया। 

इस अवसर पर सभी लोग जहां दमोह के जैन परिवार की अनुकरणीय पहल की सराहना करते हुए नजर आए वही सागर के जैन परिवार के लोग भी हिना जैसी बहू को पाकर बेहद खुश नजर आए। बहु को बेटी बनाकर विदा करने के मामले मे विनोद जैन जी ने रुंधे गले से कहा अपनी पुत्र बधु के भविष्य एवं सुखमय जीवन की कामना करते हुए हम सभी बेटी के रूप में विदा कर रहे हैं। इस दौरान बेटी बनकर विदा हो रही हिना की आंखों में भी बिछोह के साथ खुशियों के आंसू साफ झलकते नजर आए।

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