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पत्रकार से रिश्वतखोरी महंगी पड़ी.. कोतवाली में पदस्थ एएसआई को लोकायुक्त टीम ने 9000 रू की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा.. पत्रकार की क्रेटा गाड़ी को छोड़ने के बदले में ASI ने की थी दस हजार की डिमांड..

 लोकायुक्त ने ASI को 9000 रू की रिश्वत लेते पकड़ा

मप्र के रीवा लोकायुक्त की टीम ने शहडोल पहुंचकर ट्रैप कार्यवाही करते हुए कोतवाली में पदस्थ एक सहायक उपनिरीक्षक को एक पत्रकार से 9000 रूपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ने के बाद में भ्रष्टाचार अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत कार्यवाही की है। पहला मौका है जब किसी पत्रकार की शिकायत पर यदि पुलिस के अधिकारी को रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया हो।
प्राप्त जानकारी के अनुसार डीएसपी राजेश पाठक के नेतृत्व में शहडोल कोतवाली पहुंची रीवा लोकायुक्त टीम के निरीक्षक जिया उल हक ने कोतवाली में पदस्थ सहायक उपनिरीक्षक अरविंद दुबे को 9000 रूपए की रिश्वत लेते हुए पकड़ने में देर नहीं की। दरअसल शहडोल के पत्रकार एकांश सिंह ने रीवा लोकायुक्त एसपी से शिकायत की थी उनकी क्रेटा गाड़ी को छोड़ने के बदले में एएसआई द्वारा 10000 रूपए की रिश्वत की मांग की जा रही है जिसके बाद लोकायुक्त की टीम द्वारा जाल बिछाकर सहायक उपनिरीक्षक को पकड़ने की यह कार्यवाही की गई।
दरअसल दशहरा के दिन शहडोल कोतवाली अंतर्गत दो पक्षों के बीच पूरा विवाद मारपीट के बाद पुलिस ने मामला दर्ज किया था। तभी से पत्रकार एकांत सिंह की गाड़ी कोतवाली परिसर में रखी हुई थी लेकिन लिखा पढ़ी में से जप्त नहीं किया गया था। इसी क्रेटा कार को छोड़ने के बदले में एएसआई द्वारा 10000 रूपए की रिश्वत की मांग की जा रही थी। जिसे लेने के बाद जेब में रखने के पहले हुए पकड़ लिया गया। कार्रवाई करने वाली लोकायुक्त की टीम में डीएसपी राजेश पाठक निरीक्षक जियाउल हक प्रधान आरक्षक मुकेश मिश्रा एवं पवन पांडे आरक्षक सुजीत साकेत शिवेंद्र मिश्रा शैलेंद्र मिश्रा सुभाष पांडे सहित पांच साक्षी गण कुल 12 सदस्य टीम शामिल रही।

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