Ticker

6/recent/ticker-posts

पिता की मौत के बाद मासूम बेटियों की परवरिश हेतु.. पचास हजार की आर्थिक मदद लेकर पहुचे युवा समाजसेवी जन.. सिविल सोसायटी टीम की अनुकरणीन पहल..

 सिविल सोसायटी टीम की अनुकरणीन पहल.. 

आपसी रिश्तों के खटास भरे महौल के दौर में जब अपनों की मदद के लिए आंगे आने से लोग कतराते है ऐसे में किसी गैर की मदद की उम्मीद की आस भी लोग नहीं करते। लेकिन बदलते रिश्तों के इस परिवेश के बीच भी समाज में कुछ ऐसे लोग भी मौजूद है जो दूसरे का दर्द बांटने का कोई भी अवसर नहीं छोड़ते। दमोह की सिविल सोसायटी टीम ने ऐसी ही कुछ अनुकरणीन पहल करते हुए पचास हजार रुपये की आर्थिक मदद उन पांच बेटियों की परवरिश हेतु की है जिनके सिर से पिछले दिनों पिता का साया उठ गया था..

 दमोह जिले में निस्वार्थ भाव से काम कर रही सिविल सोसाइटी नामक संस्था के द्वारा एक बार फिर एक जरूरतमंद परिवार के लिए ₹50000 की नगद राशि भेंट की गई है। दरअसल दमोह जिले के देहात थाना अंतर्गत मुस्की बाबा के पास रहने वाले एक व्यक्ति के द्वारा अपनी पांच बेटियों एवं पत्नी को छोड़कर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली गई थी। जिस मामले की जानकारी सोशल मीडिया के माध्यम से सिविल सोसायटी को लगी थी। मामले की जानकारी लगने के बाद सिविल सोसाइटी के सभी सदस्यों के द्वारा राशि एकत्रित करते हुए इस गरीब और मजदूर वर्ग के परिवार को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया। सिविल सोसाइटी द्वारा अपने सदस्यों की सहमति से Rs 50000 की राशि एकत्रित की गई।

madd

जिसके बाद पीड़ित परिजनों के पास जाकर यह राशि व्यवसाय शुरू करने के लिए प्रदान की गई। इसके साथ ही दमोह के नामी डॉक्टर जलज बजाज सहित अन्य दो चिकित्सकों के द्वारा बच्चों की चिकित्सा निशुल्क किए जाने की घोषणा भी की। सिविल सोसाइटी के सदस्यों में धर्मेंद्र राय, तेशू टंडन, अजीत उज्जैनकर सहित अन्य लोगों ने यहां पर पहुंचकर जहां मृतक के परिजनों का हालचाल जाना। तो वही मृतक की पत्नी को Rs 50000 की आर्थिक सहायता मुहैया कराई। साथ ही यह आश्वासन दिया कि आगामी दिनों में सिविल सोसाइटी के सदस्यों के माध्यम से और भी सहयोग राशि तथा सामग्री परिवार जनों के लिए उपलब्ध कराई जाएगी।

sivil

कहते है डूबते को तिनके का सहारा काफी होता है ऐसे में गरीब परिवार को पचास हजार की नगद सहायता राशि प्राप्त हो जाना निश्चित रूप से जीवन चर्या संचालन हेतु बड़ी मदद कही जा सकती है। यह मामला प्रकाश में आने के बाद देखना होगा विभिन्न समाजसेवी संस्थाए, जनप्रतिनिधगण मदद हेतु क्या पहल करते है तथा पीड़ित दुखी परिजनों तक शासन की विभिन्न योजनाओं का लाभ पहुच पाता है अथवा नहीं..

 

Post a Comment

0 Comments