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अगस्त के आखिरी दिन 21 पाजेटिव केस, 410 रिपोर्ट आना शेष.. अगस्त में 444 कोरोना मरीज मिलने से टोटल 647 केस.. तहसीलदार भी संक्रमित इधर हटा कोविड केयर में पोलीथिन में भोजन वितरण की फोटो वायरल करने पर..पत्रकार मरीज को दमोह शिफ्ट किया..

21 पाजेटिव रिपोर्ट  तहसीलदार भी संक्रमित..
दमोह। अगस्त 2020 का माह कोरोना केसों के मामले में रिकॉर्ड बनाता नजर आया है। 1 से 31 अगस्त के बीच जहा 444 पाजेटिव मरीज मिले वही कोरोना से रिकार्ड 15 मौत भी दर्ज की गई। जबकि कोरोनावायरस अप्रैल से जुलाई के चार माह में 203 पॉजिटिव रिपोर्ट आई थी और एक मरीज की मौत हुई थी। हालांकि अगस्त माह में स्वस्थ होकर डिस्चार्ज होने वाले मरीजों की संख्या 392 रही है।
दमोह जिले के कोरोनावायरस संक्रमण काल में अगस्त  का महीना  रिकॉर्ड बनाने वाला रहा है।  आखिरी दिन 21 पाजेटिव रिपोर्ट आने से अगस्त में मिले कोरोना केसों की संख्या हुई 444 तथा अभी तक के कुंल केस 647 हो गए है। जबकि अभी 410 रिपोर्ट आना बाकी है। अगस्त माह में 392 मरीजों के स्वस्थ होने के साथ कोरोना की जंग जीतने वाली टोटल स्वस्थ डिस्चार्ज मरीजों की संख्या 489 तक पहुंच गई है। अगस्त के अंतिम दिन सामने आए 21 केसों में एक तहसीलदार भी शामिल बताई गई है ।
इनका आवास कलेक्ट्रेट कार्यालय के समीप होने से यहां स्थित अन्य ऑफिसर बंगला क्षेत्र कंटेनमेंट जोन जैसे हालात निर्मित हो गए हैं। इधर कल हटा में संक्रमित पाए गए एक मीडिया कर्मी को वहां पर पॉलिथीन में परोसे जाने वाले भोजन की फोटो वायरल करना महंगा पड़ गया उनको  आज दमोह दमोह शिफ्ट किए जानेे की जानकारी सामनेेे आई है।
31 अगस्त को 21 पॉजिटिव मिले एक स्वस्थ्य
दमोह। जिले में आज 21 पॉजिटिव केस सामने आए हैं, इसमें मेल 13 तथा फीमेल 08 मरीज हैं, फीमेल मरीज शामिल हैं। आज पुराना थाने के पास एवं बांसा से दो दो मरीज मिले है। दमोह नगर के सागर रोड, मुकेश कॉलोनी, बड़ेपुल, नया बाजार, विवेकानंद नगर, पुरानी गल्ला मंडी फुटेरा वार्ड एक, स्टेशन चैराहा, गढ़ी मुहल्ला बजरिया दो, कलेक्टोरेट के पास, किन्दराहो, पथरिया के वार्ड एक, वार्ड नं. तीन, तेरह एवं चैदह, पटेरा के वार्ड 11, एवं झलौन से एक एक मरीज मिला है। इधर पथरिया कोविड केयर सेंटर से 01 कोरोना योद्धा स्वस्थ्य होकर अपने घर को रवाना हुआ। कोरोना योद्धा का स्वागत सम्मान के साथ उनके घर की ओर रवाना किया गया।

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1 Comments

  1. कोरोना की दवा अभी पूरी दुनिया में नहीं है लेकिन भारत में मरीज बहुत जल्दी ठीक हो रहे हैं तो क्यों जो दवा खिला कर मरीज ठीक किये जा रहे उन्हें घर घर पहुंचा कर घर के हर सदस्य को एक साथ खिलाई जाये क्योंकि ईलाज मंहगा भी नहीं है महंगा है तो सिर्फ बोर्डिंग और ये महीने वैसे वायरल फीवर के होते हैं,,

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