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आषाढ़ का चूका किसान और डगाल का चूका बंदर कहीं का नहीं रहता.. मप्र में शराब दुकान खोले जाने के फैसले के बाद.. ग्रीन जोन के छोटे कारोबारियों का टूटने लगा सब्र का बांध.. विभिन्न व्यापारी संगठनों ने कलेक्टर से अलग अलग चर्चा करके सुझाव दिए..

मप्र में शराब दुकान खोले जाने के फैसले के बाद..
 मप्र में लॉक डाउन 3 के पहले ही दिन प्रदेश में शराब दुकानों को खोलने के लिए नए सिरे से आदेश जारी कर दिए हैं। जिससे अब प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में शराब तथा भांग की दुकानें 5 मई से विभिन्न शर्तों के साथ खुलना शुरू हो जाएगी। इधर रेड ऑरेंज और ग्रीन जोन में शामिल जिलों में लॉक डाउन 3 के दौरान दी जाने वाली विभिन्न रियायतों को लागू किये जाने का निर्णय जिला मजिस्ट्रेट पर छोड़ दिया गया है। जिससे धारा 144 के अनुपालन का हवाला देकर जिला दंडाधिकारी अपने अपने जिलों में दी जाने वाली छूट को लेकर आदेश दे रहे है। जिससे आम जनमानस पूर्व में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा लॉक डाउन 3 के दिशा निर्देशों की जिला स्तर पर भिन्नता पर भी सवाल उठाने से नहीं चूक रहे हैं।
दमोह मैं कल से किराना 4 घंटे और शराब 12 घंटे बिकेगी 
दमोह देश के ग्रीन जोन वाले जिलों में शामिल मध्य प्रदेश के दमोह जिले के लोगों को लाक डाउन 3 में भी पूर्व की तरह बंदिशों का सामना करना पड़ रहा है। दरअसल दमोह जिले की सीमा से लगे जिलों में कोरोना केसों के कारण कलेक्टर तरुण राठी ने 3 मई को ही संशोधित आदेश जारी करके 7 मई तक पूर्व की तरह सभी व्यवसायिक प्रतिष्ठान बंद रखे जाने आदेश जारी कर दिए थे। जिससे सुबह 8:00 से 12:00 के बीच ही किराना आदि सामग्री की खरीदारी करने के लिए बाजार में भीड़ टूट पड़ती है जबकि पूर्व में शाम 7:00 बजे तक दुकाने खुली रहने से इस तरह की भीड़ बाजार तथा सड़कों पर नजर नहीं आती थी। 

इधर लॉक डाउन 3 के पहले ही दिन 4 मई को मप्र में शराब दुकान खोले जाने के लिए नए सिरे से आदेश जारी हो जाने से अब ग्रीन जोन के आम व्यापारी छोटे दुकान दारों से लेकर कामकाजी लोगों एवं घरों से बाहर नहीं निकलने वाली महिलाओं तथा बच्चों के बीच भी लाक डाउन 3 के तहत प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री द्वारा की गई रियायत की घोषणा तथा गाइडलाइन को लागू किए जाने की अपेक्षा बढ़ गई है। कल से शराब दुकान खोले जाने के कलेक्टर द्वारा जारी आदेश में सुबह 7:00 से शाम 7:00 बजे तक शराब की दुकान खुलेगी। जबकि कलेक्टर के ही गुरु के आदेश से किराना दुकाने, आटा चक्की, खाद बीज आदि दुकाने सुबह 8:00 से 12:00 तक ही खुल सकेंगी। 
 इधर कपड़ा आदि दुकानों को खोले जाने की छूट दिए जाने के संदर्भ में घंटाघर व आसपास के अनेक व्यापारियों ने रविवार रात युवा व्यापारी संघ के अध्यक्ष संजय यादव की दुकान पर बैठक करके सांसद प्रतिनिधि आलोक गोस्वामी को आमंत्रित किया तथा उनको 2 माह से लगातार ठप चल रहे  कारोबार की वजह से  निर्मित हालातों से अवगत कराते हुए साफ कर दिया कि ऐसे में ग्रीन जोन वाले जिले का मतलब ही क्या है।
सांसद प्रतिनिधि आलोक गोस्वामी की पहल पर सोमवार को कलेक्ट्रेट में कलेक्टर तरुण राठी को युवा व्यापारी संघ प्रतिनिधियो की एक बैठक बुलाना पड़ी। जिसमें एसपी   हेमंत चौहान भी शामिल हुए तथा कलेक्टर एसपी को व्यापारियों की बात एक बार फिर से नए सिरे से सुनना पड़ी। जिसके बाद उम्मीद की जा रही है कि विभिन्न व्यवसाय की दुकानों को खोले जाने के संदर्भ में जल्द ही संशोधित आदेश जारी हो सकता है।
इधर सांसद प्रतिनिधि की टीम तथा युवा व्यापारी संघ की बैठक के बाद भाजपा जिलाध्यक्ष देव नारायण श्रीवास्तव के साथ अन्य व्यापारी संगठनों के प्रतिनिधियों की बैठक भी कलेक्टोरेट में कलेक्टर तरूण राठी के साथ देर तक चलती रही। इसमें भी विभिन्न छोटे बड़े कारोवारों से जुड़े व्यापारी प्रतिनिधियों ने अपनी बात रखी। जिसके बाद कलेक्टर ने जल्द ही आपदा प्रबंधन समिति की बैठक बुलाकर सर्वसहमति से निर्णय लेने का भरोसा दिलाया।
इस बैठक में जिला भाजपाध्यक्ष देवनारायण श्रीवास्तव, महामंत्री रमन खत्री, युवा नेता सिद्धार्थ मलैया, भाजपा व्यापारी प्रकोष्ठ व कपड़ा व्यापारी संघ से अजीत मोदी,  पूर्व अध्यक्ष माणिकचंद सचदेव, सराफा व्यापारी सं से धर्मेद्र सोनी, आटो पार्टस बिके्रता संघ से महेश गुडडू राय, ऑटोमोबाइल्स संघ से ब्रजेन्द्र राठौर, हार्डवेयर सीमेंट संघ से अतुल चौधरी, युवा व्यापारी संघ ग्रुप टू से राजेश मोंगिया, रेडीमेड विक्रेता संघ से सतीश सिंघई, मोबाइल विक्रेता संघ से राजेश ताम्रकार,  किराना व्यापारी संघ से  शैलेंद्र नायक,  फुटवियर संघ से बलबीर सिंह, लघु व्यापारी संघ से तनुज पाराशर सहित अन्य व्यवसायी प्रतिनिधियों की मौजूदगी रही।
इधर इन बैठकों से दूर छोटे कारोबारियों, चाय पान की गुमटी चलाने वालों से लेकर इलेक्ट्रॉनिक, बिजली सामग्री स्टेशनरी, फैंसी फुटवियर आदि दुकानों, टेलरिंग, सैलून, बढ़ई गिरी, लोहार गिरी, जूते आदि सुधारने जैसे कार्य करने वाले छोटे दुकानदारों के अलावा अनेक लोगों का यहां तक कहना है कि रोज-रोज हाथ फैलाने के बजाय अब पुनः मेहनत मशक्कत करके पसीना बहा के वह अपना काम चालू करना चाहते है।  सोशल मीडिया का सहारा लेकर भी अब विभिन्न वर्गों के लोग अपनी प्रतिक्रिया देते नजर आने लगे हैं।
बस यूनियन वाले ज्ञापन देकर जता चुके आपत्ति
इधर लॉक डाउन 3 के दौरान ग्रीन जोन वाले जिलों में 50% सवारियों के साथ बसों को चालू कराना भी प्रशासन के लिए आसान नहीं होगा। बस यूनियन के अध्यक्ष शंकर राय के नेतृत्व में बैठक करने के बाद पदाधिकारियों द्वारा अपर कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा गया है। जिसमे यात्री वाहनों का 6 माह का टैक्स माफ करने, लाक डाउन अवधि का बीमा समय आगे बढ़ाने, यात्री वाहनों की फाइनेंस किस्तों का ब्याज माफ करने,  यात्री वाहनों का संचालन शुरू होने पर लगभग 6 माह के लिए टोल टैक्स राशि से मुक्त करने तथा जिस तरह किसानों की फसल का नुकसान होने पर शासन द्वारा उन्हें मुआवजा राशि दी जाती है ठीक उसी प्रकार लाक डाउन अवधि में यात्री बसों के नुकसान का सर्वे कराकर सहायता राशि अति शीघ्र बस मालिकों को प्रदान किये जाने जैसी मांग की गई है।
कुल मिलाकर प्रधानमंत्री के जनता कर्फ्यू के बाद से दमोह जिले में ठप पड़ी व्यवसायिक गतिविधियों को छूट देकर धीरे धीरे पटरी पर लाने का समय आ गया है। क्योंकि विभिन्न छोटे-बड़े कारोबार का सीजन का समय चल रहा है। 15 जून से मानसून शुरू हो जाने पर सभी काम धंधे संचालन के लिए मुश्किल से महीने भर का ही समय बचा है, ऐसे में जिला प्रशासन को ग्रीन जोन में शामिल दमोह जिले को संक्रमण रहत बनाए रखने के लिए जिले की सीमाओं को पूरी तरह से लाक रखने पर फोकस करते हुए व्यापारी दुकानदारों को सशर्त कामकाज संचालन की छूट देने की पहल करना चाहिए। वैसे भी बुंदेलखंड में यह कहावत चरितार्थ है की आषाढ़ का चूका किसान और डगाल का चूका बंदर कहीं का नहीं रहता.. अटलराजेंद्र जैन

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