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ग्रीन जोन में लाक डाउन तीन के दौरान.. छूट का इंतजार करने वालों को चार दिन का इंतजार ओर करना होगा.. जिला मजिस्ट्रेट ने पूर्ववर्ती आदेश 7 मई तक आगे बढ़ाया... इधर नरसिंहगढ़ शराब दुकान की चोरी चर्चा का विषय बनी..

जिला मजिस्ट्रेट ने पूर्ववर्ती आदेश 7 मई तक बढ़ाया
दमोह। ग्रीन जोन वाले दमोह जिले के आम नागरिक के साथ व्यवासायी वर्ग के लोग लाक डाउन तीन की शुरूआत के साथ केंद्र सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशों के अनुसार छूट का इंतजार कर रहे थे। लेकिन पड़ोसी जिलों में कोरोना सक्रंमण के केस सामने आने के बाद लाक डाउन तीन में छूट का इंतजार अब चार दिन के लिए और बढ़ गया है। जिससे लाक डाउन तीन में ग्रीन जोन में क्या खुलेगा तथा क्या बंद रहेगा का गुणा भाग लगाने वालों का हिसाब किताब फिलहाल रखा का रखा रह गया है। जिला मजिस्ट्रेट ने दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 का पूर्ववर्ती आदेश 7 मई तक आगे बढ़ा दिया है। जिससे दमोह शहर में किराना आदि आवश्यक सामग्री की दुकाने सुबह से आठ से बारह बजे तक ही खुलती रहेगी। वही तेंदूखेड़ा क्षेत्र में जारी प्रतिबंध भी पूर्ववत चलते रहेंगे।

कोरोना वायरस को संपूर्ण राज्य के लिए पूर्व से संक्रामक रोग घोषित है। दमोह जिले में कोरोना वायरस की रोक-थाम हेतु न्यायालयीन आदेश से जिले की राजस्व सीमा अंतर्गत प्रतिबंधात्मक आदेश किया गया था, चूंकि समीपवर्ती जिलों में कोरोना संक्रमण के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है, जिसे दृष्टिगत रखते हुए जिले में कोरोना वायरस कोविड-19) की रोक-थाम तथा सामाजिक दूरी बनाये रखने की गहन आवश्यकता को देखते हुये जिला मजिस्ट्रेट तरूण राठी ने दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के तहत पूर्व में जारी न्यायालयीन आदेश अवधि को 07 मई 2020 तक बढा दिया है। 

यह आदेश दमोह जिला सीमा क्षेत्रांतर्गत तत्काल प्रभाव से प्रभावशील किया जाना आवश्यक है। अतः यह आदेश एक पक्षीय रूप से पारित किया जा रहा है इस आदेश की तागीली दण्ड प्रकिया संहिता की धारा 134 (2) में उल्लेखित रीति अनुसार प्रकाशित की जा रही है जो आम जनता को इत्तिला पहुचाने के लिये सर्वाधिक उपयुक्त है।
नरसिंहगढ़ शराब दुकान में चोरी चर्चा का विषय बनी
दमोह। लाक डाउन के दौरान शराब दुकानों के भी बंद रहने के साथ शराब बिक्री पर पूरी तरह से रोक के आदेश लगभग सभी जगह हवा हवाई ही साबित हुए है। कई गुना अधिक दामों पर देशी अंग्रेजी शराब सुरा प्रेमियों को लगातार उपलब्ध होते रहने के हालात से स्थानीय थाना चोकी पुलिस अनभिज्ञ रही हो यह कहना संभव नहीं है। इधर आबकारी विभाग का मिशन कुछ कच्ची शराब बनाने वालों को पकड़ने तक ही सीमित रहा है।

 ऐसे में नरसिंहगढ़ में शराब दुकान में पीछे से सेंध लगाकर लाखों की अंग्रेजी शराब की चोरी की खबर जनचर्चा का विषय बनने के साथ स्थानीय पुलिस की सजगता पर भी सवालिया निशान लगाती नजर आ रही है। जिस चर्चित ठेकेदार के द्वारा नरसिंहगढ़ दुकान से शराब चोरी की खबर को प्रायोजित ढंग से प्रचारित किया गया है वह भी सब की समझ में आ रहा है। वहीं इस ठेकेदार की अवैध शराब दूसरे क्षेत्रों में कौन कैसे बेचता था उससे भी स्थानीय पुलिस अंजान नहीं है। ऐसे में अब कार्रवाई की गेंद नरसिंहगढ़ पुलिस के पाले में है। 
यदि इस मामले में एफआईआर दर्ज करके नरसिंहगढ़ पुलिस जल्द सच्चाई को उजागर नहीं करती तो ठेकेदार के मंसूबे भले ही पूरे हो जाए लेकिन लोग तो यही कहेंगे कि जरा से छेद में से लाखों की शराब कैसे निकल गई। इस चर्चित ठेकेदार के पुराने कारनामों तथा छेद के भेद के अपडेट के साथ जल्द मिलते है पिक्चर अभी वाकी है..

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