बाढ़ ग्रस्त पुल को बेधड़क पार करते स्कूली छात्र छात्राए
दमोह। प्रदेश के अनेक जिलों में मौसम विभाग द्वारा भारी बारिश की चेतावनी के बाद जारी वारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त बना हुआ है। ऐसे जिलों में दमोह भी शामिल है। जहा लगातार बारिश की वजह से अनेक इलाकों में पानी भर गया है। हटा, बटियागढ़, रनेह आदि क्षेत्र में विभिन्न नदियों के खतरे के निशान से ऊपर बहने से अनेक क्षेत्रों का आपस में सड़क संबंध टूटा हुआ है। भारी बारिश की चेतावनी के बावजूद शिक्षण संस्थाओं में अवकाश की घोषणा नहीं की गई है। जिससे स्कूली बच्चे भारी बस्तों को कंधों पर लादकर बाढ़ ग्रस्त पुल पुलिया को बिना किसी रोक-टोक के पार करने को मजबूर हो रहे है।
बुधवार की शाम कुम्हारी सगौनी मार्ग पर देवरी नाले का पुल बाढ़ के पानी से डूबा हुआ था। वहीं घर जाने की जल्दी में स्कूल की छुट्टी के बाद अपने गांव वापिस लौट रहे अनेक छात्र छात्राएं जान जोखिम में डालकर देवरी गांव के बाढ़ग्रस्त नाले के पुल को पार कर रहे थे। जबकि बाढ़ के पानी में डूबा तेज बहाव वाले नाले के पुल पर बड़े-बड़े गड्ढे पहले से रहने की वजह से साइकिल तथा बाइक से पुल पार करने वाले लोग जहां गड्ढों में अनियंत्रित हो रहे थे वहीं स्कूली बच्चों को लेकर आने वाले ओवरलोड आटो भी गड्ढों में गिरने के बाद पलटते पलटते बच रहे थे ।
इन सब हालातों की वीडियो सामने आने के बाद सुरक्षा में लापरवाही का बड़ा मामला सामने आया है, तस्वीरों में देखा जा सकता है किस तरह बाढ़ ग्रस्त नाले के पुल को स्कूली छात्र-छात्राएं पैदल साइकिल तथा ऑटो रिक्शा से पार कर रहे हैं। तथा उनको कोई रोकने टोकने वाला भी नहीं है। ऐसे में यदि कोई हादसा हो जाता है तो उसका जिम्मेदार कैसे ठहराया जाएगा, यह बता पाना भी मुश्किल है।
मुख्य सड़क मार्गों पर भले ही बैरिकेटस लगाकर बाढ़ ग्रस्त पुल पर आवागमन बंद करा दिया जाता हो लेकिन ग्रामीण इलाकों के अनेक बाढ़ ग्रस्त पुल ऐसे है जहाँ बिना सुरक्षा इंतजामों के बाढ़ ग्रस्त नालों को लोग जोखिम में डालकर पार करते है। और कोई रोकने टोकने वाला भी नहीं होता। इस बात की पुष्टि आज देवरी गांव के नाले के हालात सामने आने के बाद साफ होती नजर आई है। अभिजीत जैन की रिपोर्ट
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