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कलेक्टोरेट में वृद्ध ने अपर कलेक्टर के सामने खुद का सिर फोड़ा.. ग्राम पंचायत के घटिया कार्यो औऱ भ्रष्टाचार की जांच की मांग कर रहे वृद्ध को विधायक रामबाई ने नौटंकी बाज बता.. उसकी आवाज दवाने की कोशिश की..

 जन सुनवाई में पहुंचा वृद्ध सिर फोड़कर लहूलुहान हुआ
दमोह। ग्राम पंचायतों में भ्रष्टाचार की गंगा अब सर के ऊपर से बहने लगी है। वही गांव के अधिकांश निर्माण कार्य और विकास सरकारी रिकॉर्ड तक सीमित होकर रह गए है। बात चाहे स्वच्छता मिशन तहत शौचालय निर्माण की हो या फिर नल जल योजनाओं के तहत की। नालियों की हो या फिर सीसी रोडो की। धरातल में कहीं भी वह स्थिति नहीं है जो सरकारी रिकॉर्ड और आंकड़ों में दर्ज की गई है। इन हालात से नेता, अधिकारी, जनप्रतिनिधि और गांव गांव में दैनिक वेतन भोगी की तरह भटकने वाले खबर खोजी तक वाफिक है। वही इन घटिया निर्माण भ्रष्टाचार की शिकायतो पर कारवाई तो दूर सुनवाई भी नही की जा रही है। जिससे शिकायत कर्ताओ को अब खून बहा कर ध्यानाकर्षण कराना पड़ रहा है।
दमोह कलेक्ट्रेट कैंपस में ऐसा ही एक मामला मंगलवार जनसुनवाई के मौके पर सामने आया जब कई शिकायतों के बाद सुनवाई नहीं होने पर एक वृद्ध ने अपर कलेक्टर के सामने स्वयं का सिर फोड़ कर खुद को लहूलुहान कर लिया। जिस से अफरातफरी के हालात बनते देर नही लगी। दर असल फुटेरा ग्राम पंचायत के घटिया निर्माण कार्य और समस्याओ भरे हालात से परेशान करीब दो दर्जन लोगों के साथ प्रकाश राय नाम के वृद्ध ने 3 सितंबर को जन सुनवाई में अपर कलेक्टर आनन्द कोपरिया को बता दिया था कि यदि उनकी शिकायत पर सुनवाई नहीं हुई तो वह यही आकर आत्महत्या कर लेगा। दो सप्ताह बाद 17 सितंबर को कलेक्ट्रेट पहुंचे इस वृद्ध को अपर कलेक्टर आनन्द कोपरिया जिला पंचायत कार्यालय में सीईओ ग्रीश मिश्रा के पास भेजने की कोशिश कर रहे थे। तभी उसने एक पत्थर को अपने सिर में मारकर खुद को लहूलुहान कर लिया।
 इसी दौरान पथरिया विधायक राम बाई भी यहां आ गई तथा उन्होंने वृद्ध को पागल नौटंकीबाज बताते हुए उसकी शिकायतो को झुठलाने तथा फुटेरा सरपंच का पक्ष लेकर उसके कारनामों पर पर्दा डालने की कोशिश की। जबकि वृद्ध के साथ के अन्य ग्रामीणजनों ने जब गांव की समस्या बताते हुए सरपंच की पोल खोलना शुरू की तो विधायक रामबाई चलती बनी।  बाद में वृद्ध को जिला अस्पताल में ले जाकर भर्ती कराया गया जहां उसका इलाज जारी है।
                    
 कुल मिलाकर जिले की लगभग सभी ग्राम पंचायतों में घटिया निर्माण में भ्रष्टाचार की फसल लहलहा रही है। जनपद से जिला पंचायत तक शिकायत करने पर कोई सुनने वाला नहीं है। आधे अधूरे कार्यों की ओके रिपोर्ट जारी करके भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया जा रहा है। अनेक खबर नवीसो के लिए भी पंचायत के घटिया कार्य और भ्रष्टाचार दैनिक रोजगार के साधन बन गए है। ऐसे में यदि आने वाले दिनों में लोग पंचायतों के भ्रष्टाचार के खिलाफ एकजुट होकर खुद आवाज बुलंद करने लगे तो आश्चर्य नहीं होगा। अटल राजेंद्र जैन

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