धिक्कार आंदोलन में प्रहलाद की जगह घासीराम-
दमोह। भाजपा के धिक्कार आंदोलन से सांसद प्रहलाद पटेल की अनुपस्थिति और छतरपुर के भाजपा नेता घासीराम पटेल की एंट्री के साथ पूर्व विधायक लखन पटेल की जबरदस्त सक्रियता ने दमोह संसदीय क्षेत्र में भाजपा टिकिट परिवर्तन की अटकलों को बल देना शुरू कर दिया है।
विधानसभा चुनाव के दौरान पूर्व मंत्री रामकृष्ण कुसमरिया की निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर मौजूदगी के चलते पथरिया से विधायक का चुनाव हारकर भाजपा में हाशिए पर चले गए पूर्व विधायक लखन पटेल शनिवार को भाजपा के धिक्कार आंदोलन के दौरान बेहद सक्रिय नजर आए। यहां तक की उन्हें प्रदेश की कमलनाथ सरकार की नीतियों से किसानों से लेकर बेरोजगारों, युवाओं तथा विद्यार्थियों की बेहद चिंता नजर आई।
आंदोलन के ज्ञापन पश्चात मीडिया को दिए गए उनके वक्तव्य में जहां प्रदेश सरकार के खिलाफ आक्रमक रुख नजर आया वहीं वह अपने वक्तव्य के अंत में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की तर्ज पर भी अपनी बात रखते नजर आए। यहां तक की अंत में वह कहने से भी नहीं चूके यदि प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने अपनी नीतियों को नहीं बदला तो भाजपा के लोग ईट से ईट बजाने से नहीं चुंकेंगे।
इधर सांसद प्रहलाद पटेल की जगह धिक्कार आंदोलन के दमोह प्रभारी बन कर आये कुर्मी समाज के बड़े नेता कहे जाने वाले छतरपुर के घासीराम पटेल मीडिया से चर्चा के दौरान विभिन्न मुद्दों पर शिव राज सरकार का पक्ष लेकर कमलनाथ सरकार की आलोचना करते हुए नजर आए। धिक्कार आंदोलन के साथ दमोह में कुर्मी समाज के दो नेताओं द्वारा भाजपा आंदोलन की कमान संभालने और ऐन मौके पर दमोह सांसद पहलाद पटेल को छतरपुर में धिक्कार आंदोलन की जिम्मेदारी दे देने से तरह तरह की चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया है। एक चर्चा यह भी है की प्रहलाद जी अब खजुराहो जाएंगे और कांग्रेश द्वारा पूर्व मंत्री रामकृष्ण कुसमरिया बाबाजी को दमोह इसे प्रत्याशी बनाए जाने पर भाजपा इनके खिलाफ बुंदेलखंड के किसी कुर्मी चेहरे को ही आजमाएगी।
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की सभा में भोपाल में पूर्व मंत्री बाबाजी की कांग्रेस में एंट्री के बाद मुख्यमंत्री कमल नाथ द्वारा उनको दिए जा रहे जबरदस्त महत्त्व से बुंदेलखंड की कुर्मी समाज बाबाजी की तरह कांग्रेस की हमराह बन सकती है। इधर 12 मार्च को बाबाजी की नातिन के विवाह समारोह में मुख्यमंत्री कमलनाथ के पहुंचने का दौरा कार्यक्रम निर्धारित हो जाने तथा बाबाजी को दमोह से कांग्रेस टिकट पर लोकसभा चुनाव की लड़ने की तैयारियां शुरू कर देने के संकेत दे दिए जाने से कांग्रेस के दावेदार सकते में है। सूत्रों का कहना है कि प्रहलाद पटेल के खिलाफ दमोह विधायक राहुल सिंह तथा पथरिया विधायक रामबाई भी लोकसभा चुनाव लड़ने की इच्छा रखते हैं। वहीं बदले हुए हालात में भाजपा भी यहां से अपने प्रत्याशी को बदल कर किसी कुर्मी चेहरे को टिकिट दे दे तो इसमें आश्चर्य नहीं होगा।
विधानसभा चुनाव में टिकट से वंचित घासीराम पटेल पर भी भाजपा दाव लगा सकती है। लेकिन उनके बाहरी होने के नाम पर पार्टी में विरोध की दशा में सांसद प्रहलाद पटेल की दमोह से पहली पसंद जिला पंचायत अध्यक्ष शिवचरण पटेल होंगे। वहीं पूर्व वित्त मंत्री जयंत मलैया और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की पसंद पूर्व विधायक लखन पटेल होंगे।
हालांकि यह सभी संभावना का खेल है। लेकिन हमारी 28 साल की सतत पत्रकारिता का अनुभव यह कहता है कि बदले हुए हालात में बाबाजी के मुकाबले प्रहलादजी की मुश्किलें बढ़ेगी। संसदीय क्षेत्र के तीनो लोधी कांग्रेस विधायको को भी बाबाजी के साथ खड़ा होना पड़ेगा और ऐसे में लोधी और महा लोधी के अंतर की चर्चा भी यदि चुनाव में सामने आए तो आश्चर्य नहीं होगा। अटल राजेंद्र जैन की रिपोर्ट
0 Comments