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भाजपा के धिक्कार आंदोलन की खुली पोल.. अपेक्षित भीड़ नहीं जुटने से नहीं घेर पाए कलेक्टोरेट, सांसद-जिलाध्यक्ष के नदारत रहने से गुटवाजी की गूंज..

 भाजपा के धिक्कार आंदोलन में नही जुटे हजार
दमोह। प्रदेश सरकार की वायदा खिलाफी किसानों, बेरोजगारों के मुद्दे को लेकर भाजपा द्वारा प्रदेश भर में आयोजित धिक्कार आंदोलन की दमोह में पोल खुलती नजर आई। प्रदेश से नियुक्त आंदोलन के प्रभारी सांसद प्रहलाद पटेल से लेकर पार्टी के जिलाध्यक्ष इसमे नजर नहीं आए। वही नेता कार्यकर्ताओं की भीड़ हजार का आंकड़ा भी नहीं छू सकी। जिससे कलेक्ट्रेट का घेराव भी नहीं हो सका। 
 भाजपा के प्रदेश व्यापी आह्वान पर प्रदेश की कांग्रेस सरकार की वायदा खिलाफी के विरोध में रैली निकाल कर विरोध प्रदर्शन करते हुए धिक्कार आंदोलन किया गया। इसके लिए प्रत्येक क्षेत्र में प्रदेश से जो प्रभारी नियुक्त किए थे उनमे दमोह के लिए सांसद प्रहलाद पटेल का नाम सूची में दिया था। लेकिन श्री पटेल तथा भाजपा के जिलाध्यक्ष देवनारायण आंदोलन में नजर नहीं आए।
  शनिवार दोपहर जिला भाजपा कार्यालय से भाजपा नेताओ की भीड़ जिसमे महिलाएं भी शामिल थी, नारे बाजी करते हुए रैली के रूप में जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंची। जहा जिला महामंत्री रमन खत्री द्वारा राज्यपाल महोदय के नाम संबोधित ज्ञापन का वाचन किया गया। इस मौके पर छतरपुर जिले के राजनगर से आए वरिष्ठ नेता घासीराम पटेल, पूर्व विधायक लखन पटेल एवं उमादेवी खटीक, नगरपालिका अध्यक्ष मालती असाटी की खास मौजूदगी दिखी।
इस अवसर पर किसान भाजपा के अध्यक्ष गोपाल पटेल, नगर भाजपा अध्यक्ष ब्रज गर्ग, महिला मोर्चा से कविता राय, प्रतिभा तिवारी, युवा नेताओं में प्रीतम सिंह लोधी, मनीष सोनी, प्रमोद विश्वकर्मा, मनीष तिवारी, मोंटी रैकवार की टीम ही सक्रिय नजर आई। जबकि हटा विधायक पीएल तंतुवाय और जबेरा विधायक धर्मेंद्र सिंह, जिला पंचायत के चर्चित अध्यक्ष शिवचरण ज्ञापन अवसर पर दूर ही रहे। धिक्कार आंदोलन के दौरान कांग्रेश और कमलनाथ के मुर्दाबाद के नारे लगाने वाले भाजपा कार्यकर्ता ज्ञापन देने के बाद नरेंद्र मोदी जिंदाबाद के नारे भी बुलंद करते नजर आए।
इस आंदोलन में सांसद की अनुपस्थिति को पार्टी के अंदर बढ़ती गुटबाजी के तौर पर भी देखा जा रहा है। जिसके चलते ऐन मौके पर सांसद श्री पटेल की जगह छतरपुर से घासीराम पटेल को दमोह भेजा गया। इधर जिला भाजपा अध्यक्ष देवनारायण श्रीवास्तव के नही आने की वजह सांसद प्रहलाद पटेल के रवैये से नाराजगी बताई जा रही है। दरअसल पिछले दिनों जिला भाजपा कार्यालय में बसस्टेंड भूमि पूजन मामले को लेकर आयोजित पत्रकार वार्ता पर से सांसद और जिला भाजपा अध्यक्ष के बीच जो तकरार हुई थी उसी पर से जिला भाजपा अध्यक्ष और सांसद के बीच दूरीया बढ़ जाने की चर्चाएं सरगर्म रही है। कुल मिलाकर लोकसभा चुनाव के ठीक पहले क्षेत्र में भाजपा तथा  सांसद प्रहलाद पटेल के लिए यह शुभ संकेत नहीं कहे जा सकते। अटल राजेंद्र जैन की रिपोर्ट

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