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सागर लोकायुक्त ने दमोह RES के एक और भृष्ट उपयंत्री को दबोचा.. बेशर्मी के साथ सरपंच से 50 हजार रुपए की मांगी थी रिश्वत.. लोकायुक्त ने हाफ पेंट पर पकड़कर सारी हेकड़ी उतारी..!

उपयंत्री 20 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा गया

दमोह।  दमोह के पूर्व सांसद और प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री प्रह्लाद पटेल महीने में एक दो बार दमोह आते रहते हैं इसके बावजूद दमोह में भ्रष्टाचार चरम पर है और शायद इसकी सबसे बड़ी वजह उनके आस पास अनेक पंचायतो से लेकर जनपद और जिला स्तर पर अनेक बड़े फर्जी बाड़े के सरगना के रूप में कुख्यात एक नेता का बराबरी से मंत्री जी के साथ उठना बैठना कहा जा सकता है। 

मंत्री जी तक पूरी पहुंच रखने की कोई कोर कसर नही छोड़ने वाले यह नेताजी विधान सभा चुनाव में खुलकर बसपा के साथ थे। भाजपा से निष्कासित भी हुए थे। लेकिन मोहन सरकार बनते ही मंत्री जी की कृपा से उनकी भाजपा में फिर से जोरदार एंट्री हो गई थी। पंचायत एवं ग्रामीण विकास एवं इससे संबंधित विभागों के उपयंत्री, सहायक यंत्री, यंत्री आदि से अपने मन माफिक काम कराने वाले इन नेताजी के संरक्षण में विभागीय भ्रष्टाचार भी जमकर पनपने के आरोप भी लगते रहे हैं। शायद यही वजह है कि उपयंत्री सरपंचो से भी खुलेआम रिश्वत लेने में कोई संकोच नहीं करते।

ऐसे ही कुछ हालातो के बीच में मंगलवार को सागर से दमोह पहुंची लोकायुक्त की टीम ने एक भ्रष्ट उपयंत्री को उसके आलीशान आवास से हाफ पैंट पर 20000 रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा और फिर इसके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 के तहत कार्यवाही की गई। लोकायुक्त कार्रवाई की खबर लगते ही दमोह जिला पंचायत, दमोह जनपद पंचायत, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग, मनरेगा आदि कार्यालय में हड़कंप के हालात निर्मित हो गए। तथा लोग खुलकर इस भृष्ट उपयंत्री की यूपी स्टाइल की दबंगई तथा बड्डा के कृपा पात्र होने की चर्चा करते नजर आने लगे।

लोकायुक्त कार्रवाई के संदर्भ में प्राप्त जानकारी के अनुसार दमोह जनपद की बरमासा पंचायत के गरीब आदिवासी सरपंच लीला गोंड से आरईएस के उपयंत्री राजन सिंह ने 50000 रुपये रिश्वत की मांग की थी। दस हजार देने के बाद भी जब बात नही बनी तो सरपंच ने लोकायुक्त की शरण ली। सागर जाकर लिखित शिकायत की और सबूत जुटाते ही निरीक्षक रणजीत सिंह के नेतृत्व में लोकायुक्त टीम ने दमोह आने में देर नहीं की।

दमोह के पास कालोनी क्षेत्र अभिनव होम्स में महंगे किराए वाले उपयंत्री के निवास पर पहुचकर जैसे ही फटेहाल सरपंच ने रिश्वत के 20 हजार रुपये राजन सिंह के हाथ मे दिये तो उनके चेहरे पर रिश्वत मिलने की खुशी फेलते देर नहीं लगी। लेकिन अगले ही पल लोकायुक्त टीम ने इस भृष्ट रिश्वतखोर उपयंत्री को दबोचने में देर नहीं की। पंचायत में कराए गए कार्यों के मूल्यांकन के एवज में खुलेआम रिश्वत मांगने वाला यह उपयंत्री अपनी काली कमाई में कुछ चर्चित नेताओ तथा खबरचियों को भी साझेदार बनाए हुए था। लोकायुक्त यदि इसकी गहराई से जांच करें तो अनेक सफेदफोस की पोल खुलते देर नहीं लगेगी। लोकायुक्त टीम के निरीक्षक रंजीत सिंह, कमल सिंह उइके, प्र आरक्षक अजय क्षेत्रीय, आरक्षक संतोष गोस्वामी, राघवेंद्र सिंह, निलेश चोवे, गोल्डी पासी और प्रदीप दुबे शामिल रहे।

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