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चैक बाउंस के आरोपी को 3 माह का कारावास व जुर्माना.. नशा व्यक्ति के साथ परिवार और राष्ट्र को खोखला करता है.. योग ध्यान एवं प्राणायाम के सात दिवसीय शिविर का समापन..

चैक बाउंस के आरोपी को 3 माह का कारावास

दमोह। न्यायालय अनुप्रेक्षा जैन न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी दमोह द्वारा चैंक बाउस के मामले में आरोपी को दोषी मानते हुये 3 महा का कारावास एवं 146680 रूपये क्षतिपूर्ति राशि दिये जाने दण्डादेश पारित किया।

मनीष चौबे अधिवक्ता बताया गया कि मामला इस प्रकार है कि परिवादी शान्तनु सोनी पिता मदन सोनी आयु 37 वर्ष काटन काउन्टी के पास पलंदी चौराहा आरोपी उमेश अहिरवाल पिता नर्मदा अहिरवाल आयु 34 वर्ष निवासी इमलाई थाना दमोह देहात म.प्र. शान्तनु स्वयं ठेकेदार था उसके अधीनस्थ आरोपी कार्य करता था उनहीं मधुर संबंध के कारण आरोपी माह जुलाई 2021 में व्यक्तिगत आवश्यकता को बताकर शान्तनु से 120000 रूपये उधार मांगे परिवादी ने संबंधो के कारण आरोपी की आवश्यकता को 120000 रूपये उधार दिये कुछ दिन बाद परिवादी ने रूपये आरोपी से मांगे तो उसने 120000 रूपये का एकयेक परिवादी को कापोरेशन बैंक शाखा दमोह का एक चेक प्रदान कर दिया जब परिवादी ने जब चैक बैंक में लगवाया तो बैंक में राशि नही होने से परिवादी को रूपये नहीं मिले और चैंक बाउंस हो गया परिवादी ने इसकी सूचना आरोपी को दी परंतु सूचना के बाद भी आरोपी ने रूपये नहीं दिये तो परिवादी ने आरोपी के विरूध न्यायायल में केश लगा दिया न्यायालय में दोनो पक्षों की साक्ष्य होने के बाद तक को सुनकर आरोपी उमेश अहिरवाल पिता नर्मदा अहिरवाल को परिवादी शान्तनु को उधार रूपये नहीं देने और खाता में पैसा नहीं होने के बाद ही चैक जारी करने का दोषी मानते हुये 3 माह का कारावास 6 प्रतिशत ब्याज की दर से क्षतिपूर्ति 196680 रूपये क्षतिपूर्ति में दिये जाने का आदेश पारित किया। मामले में परिवादी की ओर से पैरवी अधिवक्ता मनीष चौबे ने की।

नशा व्यक्ति के साथ परिवार और राष्ट्र को खोखला करता है.. दमोह। मप्र राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर द्वारा प्रेषित वर्ष 2025.26 में दिये गये निर्देशानुसार एवं प्रधान जिला न्यायाधीशध्अध्यक्ष पीसी गुप्ता जिला विधिक सेवा प्राधिकरण दमोह के कुशल मार्गदर्शन में नालसा डॉन स्कीम 2025 अंतर्गत अंतर्राष्ट्रीय नशा निवारण दिवस पर ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान दमोह में विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। उक्त कार्यक्रम में सिविल जज वरिष्ठ खंडध्सचिव ज्ञानेन्द्र कुमार शुक्ला  जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जिला विधिक सहायता अधिकारी रजनीश चौरसियाए डायरेक्टर स्वाति भोला ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान तथा स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान का स्टॉफ व अभ्यर्थीगण उपस्थित रहे।

शिविर को सम्बोधित करते हुए ज्ञानेन्द्र कुमार शुक्ला ने कहा कि यह केवल एक शिविर नहीं है बल्कि एक अभियान है। एक नशा मुक्त भारत की ओर एक सशक्त कदम। हमें यह समझना होगा कि नशा केवल व्यक्ति को ही नहींए बल्कि परिवार समाज और राष्ट्र को खोखला करता है इसलिए हमें नशे से दूर रहने के साथ ही दूसरों को भी इससे दूर रखना हमारी सामाजिक जिम्मेदारी है। शिविर में उपस्थित अभ्यर्थीगण को नालसा द्वारा प्रेषित नशा मुक्त भारत के संबंध में बनाया गया शॉर्ट वीडियो भी दिखाया गया व नशा मुक्त भारत के संबंध में प्रचार.प्रसार किया गया।
जिला विधिक सहायता अधिकारी रजनीश चौरसिया द्वारा नशा पीड़ितों व नशा उन्मूलन के लिए विधिक सेवाऐं योजना विषय पर अभ्यर्थियों को जानकारी दी व साथ ही 13 सितम्बर 2025 को आयोजित होने वाली आगामी नेशनल लोक अदालत में निराकृत होने वाले प्रकरणों नालसा फ्री हेल्पलाईन 15100 पॉक्सो एक्ट इत्यादि के संबंध में बताया।  
योग ध्यान एवं प्राणायाम के सात दिवसीय शिविर का समापन.. दमोह। मप्र राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर द्वारा वर्ष 2025.26 में दिये गये निर्देशानुसार प्रधान जिला न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अध्यक्ष पीसी गुप्ता के कुशल मार्गदर्शन में योग दिवस एवं नशा मुक्ति अभियान का साप्ताहिक शिविर नवीन जिला न्यायालय परिसर दमोह में संपन्न हुआ। 21 जून से 27 जून तक सात दिवसीय योग ध्यान एवं प्राणायाम शिविर में दिव्य शांति प्रेम आनंद ध्यान भक्ति आध्यात्मिक ज्ञान और उत्सव के शाश्वत प्रणेता हिज हॉलिनेस गुरूदेव श्री अतीत जी ने प्रतिभागियों को योग ध्यान व प्राणायाम के साथ श्वास के प्रवाह पर नियंत्रण व सुदर्शन क्रिया का अभ्यास कराया गया। शिविर में न्यायाधीशगण अधिवक्तागण प्रशासनिक अधिकारीगण तथा न्यायालयीन स्टॉफ ने प्रशिक्षण प्राप्त किया।
शिविर समापन के अवसर पर हिज हॉलिनेस गुरूदेव श्री अतीत जी ने कहा मस्त रहना ही मनुष्य का मूल स्वभाव व जीवन का महामंत्र है और हर व्यक्ति के जीवन में सघर्ष है इसलिए जिस समस्या को हल करने के प्रयास में समस्या बढ़े तो ऐसी समस्या को छोड़कर आगे बढ़ना चाहिए। यह भी बताया कि समस्या पर ध्यान देने के बजाय समस्या के निदान पर ध्यान केंद्रित करने से अपने आप सब ठीक हो जायेगा। गुरूदेव श्री अतीत जी ने यह भी बताया कि प्रत्येक क्षण को पूर्ण आनंद के साथ जीना ही मूलतः जीवन जीने की कलाए साधनाए सत्संगए सेवा व स्वाध्याय मनुष्य के जीवन को मौन की ओर ले जाता है जिससे पूर्ण आनंद की प्राप्ति होती है। जीवन जीने की कला के बारे में यह बताया कि अपेक्षा रहित जीवन ही खुशी का मूल आधार है विरोधी मूल्य एक.दूसरे के पूरक हैंए इसलिए सदैव अस्तित्व में रहते हैं और दायित्व के निर्वहन से ही मनुष्य को शक्ति प्राप्त होती है। गुरूदेव श्री अतीत जी ने उपस्थित प्रतिभागियों से कहा कि योगए प्राणायाम व ध्यान को अपने जीवन में शामिल कर पूर्ण आनंद प्राप्त किया जा सकता है।
इस अवसर पर प्रधान जिला न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अध्यक्ष पीसी गुप्ता ने प्रतिभागियों को सम्बोधित करते हुए योगए ध्यान व प्राणायाम के महत्व से अवगत कराया। उक्त कार्यक्रम के समापन के अवसर पर न्यायाधीशगण अधिवक्तागण प्रशासनिक अधिकारी योग शिक्षक न्यायालयीन स्टॉफ जिला विधिक सेवा प्राधिकरण दमोह के सचिव जिला विधिक सहायता अधिकारी व स्टॉफ उपस्थित रहे।  

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