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अमानक उपज खरीदी मामले में जांच के बाद भी.. जिम्मेदार अधिकारियों तथा सर्वेयर नियुक्त करने वाली कंपनी AGSS पर.. महिने भर बाद भी नही हो पाई कार्यवाही..

 जांच के बाद जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्यवाही नही

दमोह। तेंदूखेड़ा सहकारी समिति में अमानक उपज सरसों एवं मसूर खरीदी मामल में कलेक्टर दमोह द्वारा पहले उप संचालक कृषि को और बाद में एसडीएम  को जांच सौंपी गई थी। जांच में जिम्मेदार पाए गए अधिकारियों पर कार्यवाही तथा सर्वेयर नियुक्त करने वाली कंपनी को ब्लैकलिस्टेड करने की गई थी। लेकिन महीने भर बाद भी उक्त कार्यवाही का कोई अता पता नहीं लग पा रहा है।

एसडीएम तेंदुखेडा की अध्यक्षता में कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी तेंदूखेड़ा, तहसीलदार तेंदूखेड़ा की जांच समिति बनाई गई थी जिसने 22 मई 2025 को उपार्जन केंद्र की जांच की थी। जांच करने पहुंची टीम को मौके पर अनेक अनियमितताएं देखने को मिली थी। जांच के दौरान शिकायत कर्ता सहित अनेक लोगों के ब्यान दर्ज किए गए, गोदाम एवं उपार्जन केंद्र पर भंडारित सरसों एवं मसूर की गुणवत्ता की जांच की गई। जिसमें कई सौ अमानक बोरी मसूर एवं सरसों उपार्जन केंद्र पर पाई गई। संयुक्त जांच प्रतिवेदन में जहां एक ओर शिकायत कर्ता गोदाम सर्वेयर गोविंद अहीरवाल की अमानक उपज खरीदी की शिकायत को निराधार बताया गया जबकि उपार्जन केंद्र से कई सौ बोरी अमानक सरसों और मसूर बरामद की गई।

 जांच समिति ने खरीदी प्रक्रिया पर सवाल खड़े किए..  जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट में संपूर्ण खरीदी में अपनाई जा रही अवैध प्रक्रिया पर गंभीर सवाल खड़े किए थे साथ ही जिम्मेदारी अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही करने की अनुशंसा भी की है। उपार्जन केंद्र पर खरीदी एवं भंडारण पर जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा ढीला ढाला रवैया अपनाए जाने, उचित तरीके से सुपरविजन न करने को लेकर जांच समिति ने कलेक्टर दमोह को भेजे अपने जांच प्रतिवेदन में दीपक झरिया प्रशासक सेवा सहकारी समिति तेंदूखेड़ा, वाणी ओनमलवार समिति प्रबंधक सेवा सहकारी समिति तेंदूखेड़ा, इंद्रपाल सिंह राजपूत जिला विपणन अधिकारी दमोह एवं जगत प्रजापति कृषि उप संचालक किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की अनुशंसा की गई थी। वहीं सर्वेयर नियुक्त करने वाली कम्पनी एजीएसएस को सर्वेयर नियुक्ति में पैसा लेने, सर्वेयरों को उचित प्रशिक्षण न देने, सर्वेयरों को किसानों से अवैध वसूली के लिए प्रेरित करने को लेकर कम्पनी को ब्लैक लिस्टेड करने की भी अनुशंसा की गई थी।

 विपणन अधिकारी पर पन्ना में भी लगे थे गंभीर आरोप.. सेवा सहकारी समिति तेंदूखेड़ा के जांच प्रतिवेदन निष्कर्ष के बिंदु क्रमांक दो में में विपणन अधिकारी इंद्रपाल सिंह राजपूत के खिलाफ किसानों को भुगतान न करने, किसानों के भुगतान में विलंब होने तथा शिकायत कर्ता की शिकायत पर समय रहते कार्यवाही न करने तथा अपने पदीय दायित्वों के निर्वाहन में लापरवाही बरतने जैसे गंभीर अनियमितताओं के लिए दोषी ठहराते हुए उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रस्तावित की गई है।  

इसके पहले विपणन अधिकारी इंद्रपाल सिंह राजपूत पर पन्ना जिले में भी पदस्थापना के दौरान सरसों खरीदी पर 40 रु प्रति क्विंटल की दर से अवैध वसूली के भी आरोप लगे थे। दरअसल ये पूरा मामला तब सुर्खियों में आया जब जुलाई 2024 को डीएमओ इंद्रपाल सिंह राजपूत और  तत्कालीन रैपुरा खरीदी केंद्र ऑपरेटर दिनेश के बीच हुई बातचीत का ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। पन्ना जिले में अपनी पदस्थापना के दौरान विपणन अधिकारी दमोह इंद्रपाल सिंह द्वारा अमानक उपज को वेयर हाउस में रखने के एवज में 40 रु प्रति क्विंटल की मांग की जा रही थी। 

जिसका ऑडियो वायरल होने के बाद तत्कालीन पन्ना कलेक्टर सुरेश कुमार द्वारा जांच करवाई गई एवं अमानक उपज किसानों को वापिस करवाई गई थी, तत्कालीन कलेक्टर पन्ना द्वारा जांच के उपरांत एफआईआर दर्ज किए जाने की बात भी कही गई थी। वर्तमान में से वा सहकारी समिति तेंदूखेड़ा में शिकायत कर्ता गोदाम सर्वेयर ने भी यही आरोप लगाया था कि विपणन अधिकारी द्वारा उसे अमानक सरसों और मसूर को गोदाम में रखने तथा उसका भुगतान करने के लिए मजबूर किया जा रहा था। इंद्रपाल सिंह राजपूत के पन्ना कार्यकाल के दौरान 13 एवं 14 जून 2024 को नाफेड की टीम द्वारा निरीक्षण किया गया था जिसमें लगभग 8960 क्विंटल सरसों एवं 1829 क्विंटल मसूर को अमानक होने के कारण नाफेड टीम ने रिजेक्ट कर दिया था। 09 खरीदी केन्द्री में नाफेड की टीम द्वारा कचड़ा युक्त माल रिजेक्ट किया गया है इसमें प्रमुख रूप से करणावती द्वारा सिमरिया मण्डी में खरीदी की जा रही थी जहां पर 2800 क्विंटल सरसों एवं 881 क्विंटल मसूर, इसके बाद देवेन्द्र फार्मर देवेन्द्रनगर में 508 क्विंटल सरसो एवं 159 क्विंटल मसूर, पाड़रिया कला में 316 क्विंटल सरसो एवं 16 क्विंटल मसूर, पवई में 74 क्विंटल सरसो, सिमरिया में 788 क्विंटल सरलो, बिसानी में 1372 क्विंटल सरसो, पटना तमोली केन्द्र में 775 क्विटंल सरसो एवं 537 क्विंटल मसूर, देवेन्द्रनगर में 1725 क्विंटल सरसो एवं 236 क्विंटल मसूर तथा रैपुरा में 300 क्विंटल सरसो इस तरह से 8960 क्विंटल के लगभग सरसो एवं 1829 क्विंटल के लगभग मसूर रिजेक्ट की गई है।

अवैध रूप से उपार्जन केंद्र पर खरीदी कर रहे थे साहू.. अनुविभागीय अधिकारी तेंदूखेड़ा की जांच में जो बात स्पष्ट रूप से समाने आई वो ये थी कि जूनियर सहायक समिति प्रबंधक डालचंद साहू द्वारा समिति केंद्र प्रभारी दीप नारायण साहू के मौखिक आदेश पर अवैध रूप से उपार्जन केंद्र तेंदूखेड़ा पर खरीदी कर रहे थे। डालचंद साहू उर्फ डोमन साहू द्वारा पहले अवैध रूप से दीप नारायण साहू की आईडी से एवं बाद में मौसम साहू की आईडी से खरीदी की गई। डोमन साहू द्वारा दीप नारायण साहू के मौखिक आदेश पर खरीदी की गई जो कि पूर्णतः अवैध है। डोमन साहू को पूर्व में 8 जनवरी 2022 में 1200 रु की रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त पुलिस ने रंगे हाथों गिरफ्तार किया था।

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