किसानों की उपज खुले आसमान में बारिश में गीली
दमोह।
पथरिया कृषि उपज मंडी में लगातार व्यवस्थाओं का आलम है किसी उपज मंडी के
तीन सेटों में मंडी सचिव एवं कर्मचारियों की मिलीभगत से व्यापारियों का माल
रखा रहता है किसानों को मजबूरन ही नीचे फर्श पर माल डालना पड़ता है किसानो
की मजबूरी होती है कि उन्हें अनाज बेचना है जबकि कृषि उपज मंडी में
किसानों के लिए लेकिन अधिकारियों की मिलीभगत टीन सेटो व्यापारियों कब्जा
रहता है।
भैंसा से आए राम
मनोहर पटेल ने बताया कि मंडी में पूरे टीन शेडो पर किसानों का माल रखा हुआ
है हम लोगों के लिए यहां कहीं जगह नहीं नीचे सड़क पर माल डाले हुए हैं
बारिश के कारण पूरी तरह गेहू भीग गया मंडी प्रशासन द्वारा किसानों के लिए
कोई सुविधा नहीं है ना यहां कोई पूछने आता है ना कोई सुनने वाला यहां
किसानों का बहुत नुकसान हो रहा है बरधारी
से आए रमेश पटेल ने बताया पथरिया कृषि मंडी में किसने की मनमानी है
अधिकारी भी किसानों के आगे पीछे घूमते हैं गेहूं की डाक भी नहीं हो रही जब
हम लोगों ने बोला तो डाक तो शुरू की लेकिन Rs 200 कम का गेहूं खरीद रहे बोल
रहे ठीक गया पथरिया कृषि उपज मंडी में किसानो की सुनने वाला कोई नहीं यहां
हालत बहुत खराब है ना कोई नेता जनप्रतिनिधि यहां किसी प्रकार की कोई सुनने
आता है मंडी सचिव से लेकर समस्त कर्मचारी व्यापारियों की मिलीभगत के चलते
पूरे टीन शेडो में माल रखा हुआ है।
किसानों
को भाई रामबाई की याद-परसोत्तम सिंह ने बताया कि वह गेहूं लेकर आया गेहूं
बारिश में भीग गया इसमें हम लोगों की क्या गलती थी तीन सेट खाली होते तो
उसमें रखते Rs 200 कम कि व्यापारियों बोली लगाई पथरिया में कोई सुनने वाला
नहीं रामबाई होती तो तो एक फोन पर आ जाती थी इतनी अवस्था रामबाई के समय
नहीं थी। जबकि अनुविभागीय अधिकारी निकेत चौरसिया द्वारा में दिखवाता हूं बात करता हूं कह कर अपना पल्ला झाड़ने की कोशिश की गई।
पानी सड़क के लिए जनसुनवाई में चक्कर लगाने के बाद भी नही हो रहा कोई निराकरण.. दमोह।
पथरिया विधानसभा क्षेत्र में आज भी लोग पीने की पानी और सड़क के लिए आफिसो
के चक्कर लगा रहे हैं लोगों को मूलभूत सुविधाओं के लिए भी सरकारी दफ्तरों
के चक्कर लगाना पड़ रही है जबकि सरकार की प्रथम प्राथमिकता थी कि लोगों को
पक्की सड़क और पीने के लिए पानी उपलब्ध हो सके लेकिन लोगों के लिए पानी के
लिए भी निवेदन करना पड़ रहा पथरिया विधानसभा के सुजनीपुर साजिया गांव में
पीने के पानी और सड़क जैसी मूलभूत सुविधा न होने से लोग अच्छे खासे परेशान
है जनसुनवाई में थोबन अहिरवार ने बताया कि हमारे
गांव में पीने के पानी और सड़क के लिए हम लोग कई वर्षों से जनसुनवाई
अधिकारियों नेताओं के चक्कर लगा रहे लेकिन कोई निराकरण नहीं हो पा रहा ..
जनसुनवाई में आते हैं आवेदन ले लेते हैं और पार्टी देती थी इसके अलावा कुछ
नहीं होता चुनाव के समय नेता लोग आते हैं वोट मांगने आते हैं बड़ी-बड़ी
बातें कर जाते चुनाव की बात 5 साल तक कोई नेता अधिकारी हमारे गांव नहीं आता
एक तरफ सरकार मोदी जी पानी सड़क की बात करते हैं लेकिन हमारे गांव में
जाकर देखें हम गरीब लोग किस स्थिति में रह रहे हैं जाहर प्रसाद ने बताया कि
हमारे साजिया गांव में स्कूल तक बच्चे नहीं जाते क्योंकि बारिश में कच्चा
रास्ता है पैदल तक चलना मुश्किल रहता है हमारे गांव में हम लोगों ने कभी
जननी सुरक्षा की एंबुलेंस नहीं देखी पानी के लिए दूर दराज से साइकिलों से
पानी भर कर लाना पड़ता है जनसुनवाई अधिकारियों के चक्कर लगाते लगाते कई
वर्ष गुजर गए लेकिन ऐसा कोई अधिकारी कोई नेता मंत्री विधायक नहीं बन सका
जो कि गांव का निरीक्षण कर हम लोगों की समस्या का समाधान कर सके जिला
कलेक्टर से उम्मीद है कि वह एक बार हमारे गांव आवश्यक आये ताकि उन्हें पता
चले की छोटी गरीब जाति के लोग कैसे यहां रहते हैं। जनसुनवाई में आवेदन देने
आए हैं लेकिन अभी तक एसडीएम साहब भी नहीं आए। पथरिया से केएल विश्वकर्मा की खबर
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