वनरक्षक से असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर छलांग..
दमोह
जिले के सिंग्रामपुर वन परिक्षेत्र की अत्यंत संवेदनशील चौरई बीट में
कार्यरत वनरक्षक नीरज गोल्हानी ने मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित
सहायक प्राध्यापक भर्ती परीक्षा में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर चयनित
होने में सफलता प्राप्त की है। नीरज गोल्हानी ने वन विभाग में अपनी सेवाएं
देते हुए इस सफलता को हासिल किया है, जो कि उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण का
परिणाम है।
नीरज गोल्हानी मूलतः सिवनी जिले के मध्यम
वर्गीय किसान परिवार से संबंधित हैं। उन्होंने अपने संघर्ष के दिनों में
मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा में पांच बार मुख्य
परीक्षा से असफल होने के बावजूद हार नहीं मानी और अब असिस्टेंट प्रोफेसर
में चयन होने से उनके परिवार, मित्रों और सहयोगियों में खुशी का माहौल है।नीरज
गोल्हानी ने सिंग्रामपुर रेंजर आश्रय उपाध्याय और वन परिक्षेत्र स्टाफ के
सहयोग और उत्साहवर्धन की सराहना की है। उनकी पत्नी ज्योति साहू भी पोला
हायर सेकेंडरी स्कूल (मझौली) में प्रभारी प्राचार्य के पद पर कार्यरत हैं। सिंग्रामपुर
रेंजर आश्रय उपाध्याय ने नीरज गोल्हानी को बधाई और शुभकामनाएं प्रेषित
करते हुए कहा कि उनकी कड़ी मेहनत का नतीजा है कि आज उन्हें यह मुकाम हासिल
हुआ है। सिंग्रामपुर वन स्टाफ ने भी नीरज गोल्हानी को बधाई और शुभकामनाएं
दी हैं।
जयपुर में संगीत में पीएचडी कर रहे फुटेरा के दिव्यांश जैन ने स्वरांजलि प्रतियोगिता में प्रथम प्राप्त किया.. सागर।
परम पूज्य आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के परम प्रभाकर शिष्य मुनि
श्री दुर्लभ सागर जी महाराज के मंगल सानिध्य में सुकृति कला केंद्र सैदपुर
खुरई मध्यप्रदेश एवं विद्याशरणम परिवार भारत के तत्वावधान में श्रुत
स्वरांजलि स्वर लेखन प्रतियोगिता जिसमें देश के अनेक प्रसिद्ध संगीतकारों
ने भाग लिया, जिसमें जयपुर के दिव्यांश जैन प्रथम, अंजलि जैन द्वितीय, प्रखर
जैन तृतीय स्थान प्राप्त किया। दिव्यांश
जैन ने 2016 में दैनिक भास्कर अलवर द्वारा आयोजित संगीत प्रतियोगिता में
प्रथम स्थान प्राप्त कर विदेश जाने का अवसर प्राप्त किया था। वर्तमान में
जयपुर विश्वविद्यालय से संगीत में पीएचडी कर रहे हैं। प्रथम पुरस्कार में
सम्मान पत्र के साथ 71000 की राशि से सम्मानित किए गए दिव्यांश जैन दमोह
जिले की फुटेरा बटियागढ़ मध्य प्रदेश के है आपके पिताजी अजित जैन शास्त्री
अलवर मैं लेक्चरर के पद पदस्थ थे और ख्याति प्राप्त विद्वान है मां श्रीमती
अर्चना जैन गृहणी सागर। आयोजन समिति में देश की ख्याति प्राप्त संगीतकार
रूपेश जैन इंदौर, धीरज बकरीवाल महापौर, ब्र. ऋषभ सेठी दमोह रहे। मुनि श्री
दुर्लभ सागर जी महाराज ने सभी के लिए आशीष वचन देते हुए कहा कि आपके स्वरों
के द्वारा जैन धर्म की प्रभावना होगी और आप सभी स्वयं की,समाज की और धर्म
की प्रभावना में सहभागी रहेंगे। छोटी सी उम्र में संगीत के क्षेत्र में
ख्याति प्राप्त करने वाले दिव्यांश जैन को सागर विधायक शैलेंद्र जैन, युवा
उद्योगपति कपिल मलैया, एड. कमलेंद्र जैन राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष भारतीय
जैन मिलन, क्षेत्रीय अध्यक्ष अरुण चंदेरिया, राजकुमार शास्त्री उदयपुर, डॉ
महेश जैन भोपाल,रमेश शास्त्री जोबनेर, आगम जैन आईपीएस छतरपुर, नीलेश जैन
रामपुरा,मनोज जैन रहली, मनीष विद्यार्थी सागर,श्रीमती भारती जैन आदि ने
शुभकामनाएं दी।
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