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दमोह में ऐतिहासिक बरंडा विध्वंस की तेरहवीं..! जांच FIR के बाद जिम्मेदारो पर बड़ी कार्यवाही के बजाए.. मलबे में दबी पोकलिन को निकालने रातों रात पालिका प्रशासन ने पूरी दम लगाई..

आधी रात के बाद मलबे में दबी पोकलिन को निकाला

दमोह के गाँधी चौक के समीप एक बिल्डर द्वारा कथित रूप से माल निर्माण के लिए बेसमेंट की खुदाई के दौरान 18 मई की रात ऐतिहासिक बरंडा गेट गिरकर धराशाई हो गया था। इसके बाद प्रशासन ने मामले की जांच के आदेश देते हुए कार्यवाही की थी। वही कोतवाली पुलिस ने आरोपी बिल्डर स्वप्निल बजाज पोकलेन चालक तथा एक अन्य के विरुद्ध विभिन्न धाराओं मामला दर्ज किया था।

बरंडा विध्वंस के 13 दिन बाद 1 जून की रात पुलिस प्रशासन एवं नगर पालिका के अधिकारियों की मौजूदगी में मलबे में दबी पड़ी पोकलिन को निकालने  की कवायद शुरू हुई। जो रात ढाई बजे तक चलती रही। इस दौरान क्रेन तथा जेसीबी की मदद से मलबे में दबी पोकलेन मशीन को निकालने के बाद जब्त करके पुलिस प्रशासन अपने साथ ले गया। 

इस दौरान अधिकांश पुलिस प्रशासनिक अधिकारी मीडिया को जानकारी देने से बचते रहे। वही रात ढाई बजे एसडीएम आरएल बागड़ी ने चर्चा के दौरान कहा कि बाजार क्षेत्र होने की बजह से रात के समय मलबे से पोकलिन मशीन को निकालने की कार्यवाही की गई है। वहीं आरोपी बनाए गए लोगों पर अन्य कार्रवाई के मामले में हुआ है गोलमोल जवाब देते नजर आए।

यहां उल्लेखनीय की ऐतिहासिक बरांडा विध्वंस के बाद अगले दिन मौके पर पहुंचे कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर ने 48 घंटे में जांच रिपोर्ट के बाद दोषियों सहित दोषियों पर सख्त कार्रवाई की बात कही थी। साथ ही यहा पर बरांडा के पुनर्निर्माण अन्य दो बरांडा गेट के संरक्षण उनके आसपास के अतिक्रमण को हटाकर संरक्षित करने जैसी कार्रवाई किए जाने की बात कही थी। इसके लिए बाकायदा विभिन्न विभागों के अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई थी। 

लेकिन कलेक्टर की व्यस्तता का फायदा उठाकर संबंधित अधिकारियों द्वारा बरांडा के अन्य गेटो के संरक्षण मामले से लेकर कलेक्टर द्वारा दिए गए निर्देशों के पालन में अभी तक क्या कुछ कार्रवाई की गई यह बताने के लिए फिलहाल कोई भी अधिकारी तैयार नहीं है। वही बीती रात जिस तरह से पुलिस प्रशासन और नगर पालिका के की टीम द्वारा किराए की क्रेन बुलाकर मलबे में दबी पोकलेन को निकलवाने के लिए एड़ी छोटी का जोर लगाया गया वह भी चर्चा का विषय बना हुआ है।

 यहां पर पहुंची क्रेन के कारण डामर रोड के खराब हो जाने के मामले में भी अधिकारियों की चुप्पी आश्चर्यजनक है। फिलहाल तीन मशीनों की मदद से मलबे में दबी पोकलेन को सुरक्षित निकालकर ले जाने को ही अधिकारी अपने आधी रात के मिशन को कामयाब मानते नजर आ रहे हैं। जबकि मामले में आरोपी बनाए गए बिल्डर स्वप्निल बजाज पैड न्यूज के जरिए बरांडा विधानसभा के तीन दिन बाद अपनी सफाई देकर पालिका प्रशासन को ही कटघरे में खड़े करने की कोशिश करचुके हैं। माना जा रहा है कि पुलिस प्रशासन भी उनकी ऊंची पहुंच व तर्को के चलते जल्द ही क्लीन चिट देने के मूड में है तभी तो इतने संवेदन शील मामले में अभी तक कोई सार्थक करवाई नही दिख रही है।

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