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बड़ों से कभी कुछ मांगना नहीं चाहिए, छोटों को कभी चुनौती नहीं देना चाहिए.. उपादान को इतना मजबूत करो कि निमित्त से कुछ लेना ना पड़े.. निर्यापक मुनि श्री सुधा सागर जी.. जैन धर्मशाला में कक्षाएं पूर्वत चलेगी

 उपादान को इतना मजबूत करो कि निमित्त से कुछ लेना ना पड़े.. निर्यापक मुनि श्री सुधा सागर जी

दमोह । बड़ों से कभी कुछ मांगना नहीं चाहिए छोटों को कभी चुनौती नहीं देना चाहिए। हनुमान जी ने रामचंद्र जी से कभी कुछ नहीं मांगा जब रामचंद्र जी ने हनुमान जी से किमिक्षक दान मांगने को कहा तो हनुमान जी ने कहा कि एक पद नहीं दो लूंगा। दुनिया को सारी चीज दे दो किंतु आपके इन दो पदों पर सदा मेरा अधिकार रहेगा। रामचंद्र जी के आंखों में अश्रु आ गए उन्होंने कहा हनुमान तुमने मांगा तो क्या मांगा इसीलिए राम और हनुमान की जोड़ी प्रसिद्ध है।
उपरोक्त विचार निर्यापक मुनि श्री सुधा सागर जी महाराज ने अपने प्रातः कालीन भक्तांबर की क्लास में दिगंबर जैन धर्मशाला में अभिव्यक्त किये। इस मौके पर मुनि श्री के पाद प्रक्षालन के पश्चात शास्त्र भेंट किया गया। आगरा से पधारे भक्ति गनों का नन्हे मंदिर कमेटी एवं जैन पंचायत के पदाधिकारी ने स्वागत एवं सम्मान किया।  मुनि श्री ने अपने प्रवचन में आगे कहा कि उपादान को इतना मजबूत करो कि निमित्त से कुछ लेना ना पड़े उपादान की शक्ति को पहचानो यह भक्ति का शिविर है स्वयं की शक्ति को पहचानना है तुम कितना खा सकते हो या नहीं देखना सामने वाला कितना खिला सकता है। यह देखो यह अतिथि संविभाग है। चंदन बाला के पास महावीर भगवान को आहार में देने के लिए मात्र उरर्ढ की छिलके थे। महावीर ने उनको बड़े चाव से खाया। इसी तरह संत शिरोमणि आचार्य विद्या सागर जी बहुत  नीरस भोजन करते थे। जिसमें ना नमक होता था ना मीठा ना हरी ना दूध इसके बावजूद ऐसे भोजन करते थे जैसे मानो बहुत आनंद आ रहा हो तभी वे विश्वबंदिनी बने जैन धर्म में जन्मदिन मनाने की परंपरा नहीं है यहां सिर्फ तीर्थंकरों के जन्म कल्याणक ही मनाया जाते हैं व्यक्ति जन्म से नहीं कर्म से महान बनता है जीवन में ऐसे कर्म करना चाहिए ताकि यह लोक के साथ-साथ परलोक भी सुधर जाए।
जैन धर्मशाला में कक्षाएं पूर्वत चलेगी-जैन धर्मशाला में चलने वाली धार्मिक कक्षाएं यथावत चलेंगे 5:30 बजे से 6:30 तक मुनि श्री वीर सागर जी महाराज के द्वारा जीवन जीने की कला उसके बाद 7 से 8 रतनकरण श्रावकचार निर्यापक मुनि श्री प्रसाद सागर जी के द्वारा तथा 8:00 से 9:30 तक भक्तांबर की क्लास एवं प्रवचन पूज्य निर्यापक मुनि श्री सुधा सागर जी महाराज के द्वारा विधिवत ली जावेगी।
आज की आहार चर्या के पुण्यार्जक परिवार.. निर्यापक मुनि श्री सुधा सागर जी महाराज  को आहार देने का  सौभाग्य राजेश हिनौती  परिवार को प्राप्त हुआ। 
निर्यापक मुनि श्री प्रसाद सागर के आहार अरविंद इटोरिया , निर्यापक मुनि श्री वीर सागर जी महाराज के आहार सावन सिल्वर  परिवार, मुनि श्री पदम सागर जी के आहार  डॉ प्रदीप आचार्य परिवार, मुनि श्री प्रयोग सागर जी के आहार परिवार, मुनि श्री सुब्रत सागर जी के आहार पिपरिया वाला परिवार, मुनि श्री शीतल सागर जी के आहार पंकज अरविंद मुंशी परिवार, गंभीर सागर महाराज के आहार खेमचंद बाबूजी कपरिवार के चौके में हुए।

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