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भारत के बढ़ते कदम, चंद्रमा पर पड़ते कदम..पानी की मदद से उड़ाया मॉडल चंद्रयान और समझाया विज्ञान.बच्‍चों के साथ मॉडल चंद्रयान-3 की उड़ान का किया सारिका ने परीक्षण..

वॉटर रॉकेटरी के द्वारा समझाया चंद्रयान-3 का साइंस

चंद्रयान-3 को समझने विद्याविज्ञान के अंतर्गत आयोजित हुआ चंदामामा पास के कार्यक्रम जीएसएलवी मार्क 3  हेवी लिफ्ट लॉन्च वाहन का मॉडल तैयार था । इससे मॉडल चंद्रयान-3  के प्रक्षेपण के लिये बच्‍चों ने उल्‍टी गिनती गिनना शुरू किया और 3, 2 1, जीरो बोलते ही कोल्‍डड्रिंक की खाली बॉटल से बने चंद्रयान ने उड़ान भरी । ऊंचाई पर पहुचकर ,नीचे आते हुये इसकी सॉफ्टलैंडिंग के वैज्ञानिक पक्षों को समझाया गया ।

 यह सब कुछ हुआ नेशनल अवार्ड प्राप्‍त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू द्वारा विद्याविज्ञान के अंतर्गत आयोजित चंदामामा पास के कार्यक्रम में । भारत द्वारा आगामी 13 जुलाई को चंद्रमा पर भेजे जाने वाले चंद्रयान 3 के बारे में बताने सारिका घारू ने  इस कार्यक्रम का आयोजन किया । इसमें लेंडर, रोवर, लांच व्‍हीकल, के वर्किंग मॉडल और वॉटर रॉकेटरी के रोचक प्रयोग की मदद से अंतरिक्ष विज्ञान के तथ्‍यों को समझाया। इस अवसर पर भारत की अंतरिक्ष विज्ञान में उपलब्धियों का गायन भी किया गया।

सारिका ने बताया कि चंद्रयान-3  इसरो का महत्‍वाकांक्षी मिशन है जिसका उद्देश्य  चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास ऊंचे इलाकों में लैंडर और रोवर को स्‍थापित करना है और इनकी मदद से प्रयोग करने की क्ष्‍ामताओं को प्रदर्शित करना है ।इसे श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्‍पेस सेंटर से  लांच किया जायेगा ।

सारिका ने बताया कि कैसे अलग है चंद्रयान – 2 से :

1 चंद्रयान-2 में विक्रम लैंडर, प्रज्ञान रोवर और एक आर्बिटर था जबकि चंद्रयान -3 में सिर्फ लैंडर और रोवर होगा  । इसमें आर्बिटर नहीं होगा । इसमें कैमरे भी अधिक हैं ।यह चंद्रयान-2 की रेप्‍लिका नहीं है। इस यान की इंजीनियरिंग एकदम अलग है। इसे बहुत मजबूत बनाया है, ताकि पहले जैसी परेशानियां सामने ना आएं।

2 चंद्रयान -3 के हार्ड वेयर, स्‍ट्रक्‍चर, कंप्यूटर, सॉफ्टवेयर और सेंसर में सुधार किया गया है।

3 ज्यादा फ्यूल जोड़ा गया है।

4 लैंडिंग लैग्‍स को मजबूत किया गया है।

5 ज्‍यादा एनर्जी के उत्‍पादन के लिए बड़े सौर पैनल लगाए गए हैं।

6 इसके अलावा, स्‍पीड को मापने के लिए 'लेजर डॉपलर वेलोसीमीटर' को भी चंद्रयान-3 में लगाया गया है। 

7 चंद्रयान के एल्‍गोरिदम में बदलाव किया गया है। तय जगह में कोई विफलता होने पर चंद्रयान को दूसरी जगह पर उतारा जा सके, इसके लिए भी सॉफ्टवेयर को जोड़ा गया है। सारिका ने बताया कि  इस प्रकार चंद्रयान-3, चंद्रयान-2 का फॉलो ऑन मिशन है । तो इसकी सफलता से भारत के बच्‍चे गीत गा सकेंगे - चंदामामा पास के ।

सारिका घारू @GharuSarika

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