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विरागोदय तीर्थ में गणाचार्य विराग सागर जी के करकमलों से भव्य दीक्षाएं.. मुनिश्री विहर्ष सागर आचार्य, विहित सागर स्थविर, विवर्धन सागर गणधर बने.. मुनिश्री विशोक सागर, विनिश्चल सागर, विश्रुत सागर, विहसन्त सागर, विभंजन सागर, विकसंत सागर, विरंजन सागर उपाध्याय बने

 भव्य दीक्षाएँ गणाचार्य विराग सागर जी के करकमलों से

पथरिया विरागोदय तीर्थ में जैन धर्म के विशाल एवं भव्य आयोजन में सोमवार का दिन स्वर्णिम इतिहास में लिखा गया। गणाचार्य श्री 108 विराग सागर जी के करकमलों से श्रमण मुनि श्री 108 विहर्ष सागर जी के लिए आचार्य पद प्रदान किया गया। पूज्य गुरुदेव के संघस्थ मुनि श्री विहित सागर जी के स्थविर पद प्रदान किया गया। मुनि श्री 108 विवर्धन सागर जी के लिए गणधर पद के संस्कार हुए। इसी क्रम में उपाध्याय पद के संस्कार श्रमण मुनि श्री विशोक सागर, मुनिश्री विनिश्चल सागर, मुनिश्री विश्रुत सागर, मुनिश्री विहसन्त सागर, मुनिश्री विभंजन सागर, मुनि श्री विकसंत सागर, मुनिश्री विरंजन सागर जी के विधि विधान से किये।

संघस्थ श्रमण मुनिश्री 108 विश्व नायक सागर जी के लिए प्रवर्तक घोषित कर संस्कार प्रदान किये गए।ऐलक श्री105 विनियोग सागर जी के लिए मुनि पद प्रदान किया गया।आचार्य श्री ने साथ ही संघ के क्षुल्लक 105 श्री विसौमय सागर, क्षुल्लक 105 श्री विविक्षित सागर, क्षुल्लक 105 श्री विश्वसाम्य सागर, क्षुल्लक 105 श्री निर्वेग सागर जी महाराजो के लिए मुनिपद प्रदान कर अनुकंपा प्रदान की।


साथ ही आज गुरुदेव श्री108 विराग सागर जी ने कईं वर्षो से संघस्थ रहने वाले ब्रह्मचारी भैया कैलाश चंद्र जी उम्र 70 वर्ष निवासी बृजपुर पन्ना, प्रकाश चंद जी उम्र 78 वर्ष  निबासी पथरिया के लिए भी क्षुल्लक दीक्षा प्रदान की। जिन के नामकरण संस्कार में क्षुल्लक 105 श्री विश्वोतीर्ण सागर एवं क्षुल्लक 105 श्री विश्वासी सागर नाम प्रदान किया गया। साथ ही लगभग 25 वर्षो से आज्ञा अनुवर्ती शिष्या श्रमणी आर्यिका 105 विशिष्ट श्री माता जी को गणनी आर्यिका पद से विभूषित किया गया।

आज पंडाल में इतनी अधिक जनता आई हुई थी कि लोग पंडाल के बाहर भी खड़े होकर दीक्षाएँ देखकर धर्म लाभ ले रहे थे।साथ ही दिल्ली, ग्वालियर, डबरा,मुरैना,झांशी, टीकमगढ़, रायपुर,कानपुर,बम्बई, नागपुर से भी अनेक भक्त दर्शन की भावना लेकर आये थे। साथ ही भगवान धर्म नाथ की 31 फुट की विशाल काय का अभिषेक करने का पुण्यलाभ भी श्रावको को मिला।


जैन समाज के गौरव प्रखर विद्भान जैन साहित्य की महान विभूति पंडित भागचंद जी भागेन्दू जी दमोह निवासी का सम्मान भी श्रीमति सुधा मलैया एवं पूर्व मंत्री जयंत मलैया द्वारा किया गया।साथ ही जैन साहित्य की बड़ी हस्ती श्री मति अल्पना जी ग्वालियर का सम्मान भी विरागोदय तीर्थ समिति द्वारा किया गया।विरागोदय मीडिया प्रभारी रोहित जैन ने बताया आज लगभग 30000 से अधिक जनता ने कार्यक्रम में उपस्थिति प्रदान की एवं महामस्तकाभिषेक का लाभ भी भक्तों को आगामी सूचना तक प्राप्त होगा।

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