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बरसों से जमे उपयंत्रियों पर मेहरबानी, चहेतो को कमाई वाली जगह भेजने फेरबदल की तैयारी.. जिला पंचायत एवं ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग के अधिकारियों द्वारा तैयार.. नेताओं की अनुशंसा वाली पदस्थापना सूची पर कलेक्टर की स्वीकृति का इंतजार.. !

 चहेतो को कमाई वाली जगह भेजने फेरबदल की तैयारी

 दमोह। जिले में पंचायती राज व्यवस्था के तहत घटिया आधे अधूरे मशीनों से कार्य संचालन के हालात सामने आने के बावजूद कारवाही नहीं हो पाने की सबसे बड़ी वजह तथाकथित उपयंत्रीओं एवं सहायक यंत्रीयों के द्वारा फर्जी कार्यों का कागजों में मूल्यांकन करके गड़बड़ीयो को क्लीन चिट देना कहा जा सकता है। इस तरह के फर्जीवाड़े में महारत हासिल कर चुके कुछ चर्चित उपयंत्री बरसों से एक ही जनपद क्षेत्र में पदस्थ रहकर पंचायती राज को पलीता लगाने के नए आयाम स्थापित कर रहे हैं। 
इधर जिन पंचायत क्षेत्रों में नए बड़े कमाई वाले कार्यों को मंजूरी मिली है वहां पर अब चहेते उपयंत्री और सहायक यंत्री को बैठाने की तैयारी जिला पंचायत और ग्रामीण यांत्रिकी विभाग के बड़े अधिकारियों द्वारा कर लिए जाने की जानकारी सूत्रों से सामने आ रही है। यदि सब कुछ ठीक रहा तो जल्द ही एक ऐसी सूची कलेक्टर की अनुशंसा के लिए भेजी जा रही है जिसमें वर्षों से जमे उपयंत्री, सहायक यंत्री को तो डिस्टर्ब नहीं किया गया है लेकिन मलाईदार कार्यों के लिए अपने चहेतों को बैठाने के लिए शासन के आदेशों को नजरअंदाज करके नोट सीट तैयार कर ली गई है।
सीधे शब्दों में कहा जाए तो एक बार फिर कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग एवं कार्यालय मुख्य कार्य पालन अधिकारी जिला पंचायत दमोह के मुखिया उपयंत्री एवं सहायक यंत्रीयों को अपनी मनमानी जगह पर पदस्थापना करवाकर शासन के आदेशों को नजरअंदाज करने नोट शीट तैयार करके इसकी अनुशंसा कलेक्टर से कराने के प्रयास में लगे हुए हैं। हालांकि पूर्व में भी इस तरह का प्रयास इन अधिकारियों द्वारा करने की कोशिश की गई थी तब भी "अटल न्यूज़" के द्वारा इस षड्यंत्र की खबर प्रकाशित करके माननीय कलेक्टर महोदय का ध्यान आकर्षित कराया गया था जिसके बाद उपरोक्त नोट शीट पर ब्रेक लग गया था लेकिन एक बार फिर इन अधिकारियों के द्वारा अपने चहेतो की नई ताजपोशी की तैयारी की जा रही है।
जनपद स्तर पर पदस्थ अधिकारी कर्मचारी जिन की पदस्थापना एक ही स्थान पर 7 वर्ष से अधिक हो चुकी है उनका जिले के अंदर कलेक्टर के अनुमोदन से पदस्थापना परिवर्तन किया जाए। जिन्हें जिले में बाहर स्थान परिवर्तन किया गया है उनका प्रस्ताव परिषद मुख्यालय भेजा जाए।  जिला जनपद स्तर पर पदस्थ अधिकारी/ कर्मचारियों के विरुद्ध प्राप्त गंभीर शिकायत, वित्तीय अनियमितताओं से संबंधित शिकायतों के प्रथम दृष्टया प्रमाणित पाए जाने पर स्थान परिवर्तन प्रस्ताव उपरोक्त अनुसार प्रेषित करना सुनिश्चित किया जाए। जबकि विकास आयुक्त कार्यालय मध्यप्रदेश शासन भोपाल द्वारा 14 अगस्त 2022 को जारी पत्र क्रमांक 8804/22/वि-2/स्था./22 में विकास आयुक्त उमाकांत उमराव द्वारा मप्र के सभी मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत को मनरेगा योजना अंतर्गत संविदा पर पदस्थ जिला/ जनपद पंचायत में पदस्थ अधिकारी कर्मचारियों के संदर्भ में स्पष्ट निर्देश दिए गए थे। जिसके अनुसार महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना अंतर्गत संविदा पर जिला पंचायत एवं जनपद पंचायत में पदस्थ अधिकारी/ कर्मचारियों की पदस्थापना संबंधी जानकारी तीन दिवस में मध्यपदेश राज्य रोजगार गारंटी परिषद को प्रेषित करना सुनिश्चित करने कहा गया था। विशेष रुप से जिला स्तर पर पदस्थ अधिकारी कर्मचारी जिन की पदस्थापना एक ही स्थान पर 5 वर्ष से अधिक हो चुकी है।
विकास सूचना आयुक्त के इस आदेश का दमोह जिले में अधिकारियों द्वारा नियम विरुद्ध तरीके से दुरुपयोग किए जाने के अनेक उदाहरण देखे जा सकते हैं। इधर सत्तारूढ़ दल के नेताओं जनप्रतिनिधियों की अनुशंसा का हवाला देकर उनकी अनुशंसा पत्र संलग्न कर मनमानी जगह पर अपनी चाहतों की पदस्थापना की तैयारी जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा कर ली गई है अब सिर्फ इस पर कलेक्टर की सहमति की मुहर लगना बाकी है।
उल्लेखनीय है कि तीन-चार माह पूर्व इस प्रकार के नियम विरुद्ध स्थानांतरण शिकार हुए हटा जनपद पंचायत के उपयंत्री भागीरथ तंतुबाय को कोर्ट की शरण लेकर स्थगन आदेश प्राप्त करना पड़ा था। वहीं दूसरी ओर जनपद पंचायत पटेरा में पदस्थ उपयंत्री केएल पटेल 2007 से और आर के गोस्वामी 2016 से, जबेरा में पदस्थ एनके अहिरवार और दमोह में पदस्थ मोहसिन खान बरसों से पदस्थ है। इन के मामले में आज तक विकास आयुक्त के आदेशों के अनुरूप तबादला करने ध्यान नहीं दिया गया। जबकि सबसे ज्यादा गड़बड़िया इन्हीं के क्षेत्रों में देखी जा सकती है। वही जो नई सूची तैयार करके कलेक्टर से अनुशंसा कराने की तैयारी है उनमें भी इनके नाम नहीं होने की जानकारी प्राप्त हुई है। वहीं जिन उपयंत्री सहायक यंत्री को नई पदस्थापना देने प्लानिंग की गई है उनके बारे में हम इस खबर में पहले ही बता चुके हैं। देखना होगा नई पदस्थापना के नाम पर अब बड़े अधिकारी क्या गुल खिलाते हैं और इसके बाद परेशान होकर इनमें से कितने लोग कोर्ट की शरण में जाते हैं। पिक्चर अभी बाकी है..

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