छुरे बाजी की घटनाओं पर नहीं लग पा रहा विराम..
दमोह। कोतवाली तथा देहात थाना क्षेत्र में छुरे बाजी की दे दना दन वारदातों के बाद अब यह महसूस किया जाने लगा है कि शहर तथा देहात थाना क्षेत्र में एक नहीं कम से कम दो या तीन टीआई की जरूरत है। जो अलग-अलग इलाकों में क्राइम को रोकने के लिए जिम्मेदारी का निर्वहन कर सके। बीती रात छुरे बाजी के शिकार हुए जय सिंह पिता विक्की ईसाई नाम के युवक की जबलपुर में इलाज के दौरान मौत हो जाने की दुखद खबर सामने आई है।
इधर इस वारदात का आरोपी पूर्व में भी चाकूबाजी के अलावा मारपीट की वारदातों को अंजाम देता रहा है लेकिन पुलिस द्वारा उसके द्वारा की जाने वाली वारदातों को गंभीरता से नहीं लेने का नतीजा रहा है कि एक निर्दोष युवक को छुरे बाजी का शिकार होकर जान देकर इसकी कीमत चुकाना पड़ी है। प्राप्त जानकारी के अनुसार रविवार रात खजरी मोहल्ला में जय सिंह छुरे बाजी का शिकार हुआ था। बाद में उसे अस्पताल लेकर पहुंचे गणेश पटेल नामक युवक ने पुलिस को बताया कि प्रफुल्ल कश्यप द्वारा जय की पीठ में चाकू से तीन बार किए गए थे जिनमें से एक गहराई तक चला गया था।
रमेश सिंधी की दुकान के सामने हुई इस वारदात के बाद जमीन पर लहूलुहान पड़े रहे जय को उसके दोस्त ने जैसे-जैसे अस्पताल तक तो पहुंचा दिया और पुलिस को भी इसकी सूचना दे दी थी। तथा प्राथमिक उपचार के बाद उसे जबलपुर रेफर कर दिया गया था लेकिन उसकी जान नहीं बचाई जा सकी। बताया जा रहा है कि आरोपी प्रफुल्ल कश्यप इसके पूर्व में सागर नाका क्षेत्र में एक युवक पर चाकू से तथा किल्लाई नाका क्षेत्र में एक अन्य युवक पर बीयर की बोतल से हमला की वारदात कर चुका है।
कुल मिलाकर जिस तरह से दमोह शहर व नाका क्षेत्रो में आए दिन शराब खोरी से लेकर चाकूबाजी गुंडागर्दी की वारदातें लगातार हो रही है उससे एक बात तो साफ है कि बदमाश अपराधी तत्वों के बीच से पुलिस का भय पूरी तरह से समाप्त हो गया है। या फिर पुलिस की रुचि इस तरह के अपराधों को रोकने में नही रह गई। तभी तो लगातार वारदातों के बाद भी पुलिस के लंबे हाथ ऐसे बदमाशों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। ऐसे में कहा जा सकता है कि सार्वजनिक स्थानों पर शराबखोरी गुंडागर्दी आदि मामलों में कार्रवाई करने के लिए एक बार फिर डीजीपी महोदय को निर्देश देने की जरूरत है तभी दमोह पुलिस पिछले महीने चलाए गए अभियान की तरह कार्यवाही करने निकलेगी।
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