बेलगाम रफ्तार मासूम के साथ मवेशियों की दुश्मन बनी
दमोह। शहर के मुख्य मार्गों से लेकर बाहरी मार्गों पर भारी वाहनों की तेज रफ्तार मासूमों के साथ मवेशियों की जान की दुश्मन बनती जा रही है। कुछ घंटों के अंतराल में एक के बाद एक दो झकझोर देने वाले मामले जो अलग-अलग मार्गों पर सामने आए हैं जिनमें एक मासूम बच्चे तथा करीब दर्जन भर मवेशियों की दर्दनाक मौत हो गई।
हटा रोड पर ट्रक की टक्कर से मासूम छात्र की मौत..
दमोह हटा रोड पर देहात थाना अंतर्गत लक्ष्मण कुटी में बुधवार सुबह हुए एक दर्दनाक सड़क हादसे में 8 साल के मासूम बच्चे की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि महंतपुर निवासी अतुल पटेल का पुत्र श्रीकांत पटेल लक्ष्मण कुटी के एक स्कूल में कक्षा तीसरी में पढ़ता था। रोज की तरह आज भी हुआ है मैजिक वाहन से स्कूल आने के लिए गांव से लक्ष्मण कुटी पहुंचा था। स्कूल पहुंचने के पूर्व वह मैजिक से उतर कर पेन कॉपी ले में जैसे ही सड़क क्रास करके मंदिर के पास स्टेशनरी दुकान पर जाने लगा तभी सामने से आ रहे तेज रफ्तार ट्रक ने उसे टक्कर मार दी।
इस दर्दनाक हादसे में गिर कर लहूलुहान हुआ मासूम श्रीकांत दोबारा नहीं उठ सका इधर घटना के बाद मौके पर लोगों की भीड़ एकत्रित हो गई तथा सड़क पर जाम लगा दिया गया सूचना मिलने पर देहात थाना पुलिस तथा मृतक मासूम के परिजन भी मौके पर पहुंचे। देर तक यहां पर तनातनी तनाव हरे हालात बने रहे बाद में पुलिस ने कार्यवाही करके शव को पोस्टमार्टम के लिए रवाना किया। बताया जा रहा है कि टक्कर मारने वाले ट्रक के चालक को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है वही ट्रक को भी कब्जे में ले लिया गया है मामले में पुलिस द्वारा कार्यवाही जारी है। त्योहार के मौके पर इस दर्दनाक हादसे से पटेल परिवार के साथ पूरे गांव में मातम पसरा हुआ है।
बटियागढ़ रोड पर ट्रक की टक्कर से मवेशियों की मौत
दमोह जिले के चारों तरफ लगभग प्रमुख मार्गो पर रात्रि में सड़क पर बैठने वाले पालतू मवेशियों की वजह से अक्सर सड़क हादसे होते रहते हैं उसके बावजूद स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधि गण इन मवेशियों को कांजी हाउस या इनके मालिकों तक पहुंचाने की कार्रवाई करने से बचते रहते हैं। जिससे आए दिन अनेक हादसे होने के साथ अनेक मवेशी भारी वाहनों की चपेट में आने से मौत के आगोश में समा जाते हैं ।
बीती रात बटियागढ़ मार्ग पर नरसिंहगढ़ के आगे सुनार नदी के पुल पर रात्रि के समय तेज रफ्तार अज्ञात ट्रक द्वारा दर्जनभर से अधिक मवेशियों के ऊपर से ट्रक को चढ़ा कर निकल जाने का दुखद दर्द ना घटनाक्रम सामने आया है। बुधवार सुबह सुनार पुल पर अनेक मवेशियों के जहां लहूलुहान शव पड़े हुए थे वही अनेक मवेशी रक्त रंजित पड़े कराह रहे थे वही आने जाने वाले वाहनों को भी आवागमन में काफी परेशानी हो रही थी। बताया जा रहा है स्थानीय निवासियों द्वारा इसकी सूचना हंड्रेड डायल और बटियागढ़ थाना पुलिस को दी गई थी इसके बावजूद पुलिस प्रशासन की ओर से उन पर पड़ मवेशियों को हटवाने तथा घायलों को उपचार सुविधा उपलब्ध कराने के लिए ध्यान नहीं दिया क्या। वह पुल पर हेली मवेशियों के मांस को खाने के लिए चील कौवे मंडराते रहे जिससे पैदल एवं दोपहिया वाहन चालकों का निकलना मुश्किल बना रहा।
हालांकि बाद में कुछ ग्रामीणों द्वारा घायल मवेशियों को पुल से हटाकर साइड में कर दिया गया जबकि मृतक मवेशी पुल पर ही पड़े रहे और आजू बाजू से तेज रफ्तार वाहन फर्राटे मार कर निकलते रहे। इस दर्दनाक घटना क्रम में जहां सभी को झकझोर कर रख दिया है वही यह सोचने पर भी मजबूर कर दिया है कि जब हम गाय को माता मानते हैं तो दूध निकालने के बाद घरों में क्यों नहीं बांधते हैं। जिस तरह से पालतू गाय बछड़ों को सड़क पर विचरण करने के लिए आवारा मवेशियों की तरह रात भर छोड़ दिया जाता है उससे जहां छोटे वाहन चालक दुर्घटना के शिकार होते हैं वही अनेक बार बड़े वाहन चालक क्रूरता दिखाते हुए निवासियों को रौंदने से नही चूकते हैं।
समय रहते यदि अभी भी पालतू मवेशियों को घरों के आसपास बांधने या फिर आवारा घूमने वाले मवेशियों को कांजी हाउस में भिजवाने का इंतजाम करने ध्यान नहीं दिया गया तो किसी दिन किसी बड़े हादसे की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।
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