पेट्रोल पंप का विवाद जानलेवा हमले में बदला..
दमोह। कहते है जंग और मोहब्बत में सब जायज होता है लेकिन जंग यदि पेट्रोल पंप को लेकर हो तो जात भाई भी कैसे एक दूसरे की जान के दुश्मन बन जाते हैं इसका उदाहरण देखने के लिए कहीं दूर जाने की जरूरत नहीं है। पेट्रोल पंप को लेकर चल रहा ऐसा ही एक विवाद आज एक दूसरे पर जानलेवा हमले में बदलता नजर आया। जिसको लेकर अब पुलिस काउंटर केस दर्ज करके जांच कर रही है।
दरअसल विवाद के इस पेट्रोल पंप की शुरूआत झलोन गांव में दूसरे पेट्रोल पंप की मंजूरी से ही शुरू जो गई थी। वही 22 सितंबर को झलोन गांव में एक गरीब परिवार के अतिक्रमण हटवाने को लेकर पर्दे के पीछे से शुरू हुई कहानी पहले महिला की जहर खुरानी में बदली थी। फिर महिला के किडनैपिंग के क्लायमेक्स की पोल खुल जाने के बाद बाद इस खूनी संघर्ष की इबारत लिखा जाना बताया जा रहा है।
शनिवार रात शहर के टंडन बगीचा गायत्री गेट के समीप दो पक्षों के बीच हुए विवाद के बाद लहूलुहान हालत में शैलेंद्र जैन लिवास गारमेंट वाले तथा शिवांजय जैन कन्हैया पेट्रोल पंप वालों को जिला अस्पताल में लाया गया। जहां से प्राथमिक उपचार के बाद शैलेंद्र जैन को जबलपुर रेफर कर दिया गया। जबकि शिवांजय का जिला अस्पताल में इलाज जारी है। झगड़े के लिए दोनों घायल एक दूसरे को जिम्मेदार ठहराते नजर आए।
पहले महिला ने किया था जहरीले पदार्थ का सेवन..
इस झगड़े की वजह झलौन गांव में बनने वाला वह पेट्रोल पंप है जिसके चक्कर में पिछले दिनों एक गरीब के आशियाने को अतिक्रमण के नाम पर उजाड़ दिया गया था। इस दौरान जहां तहसीलदार की भूमिका पर भी लोग सवाल उठाते नजर आए थे वही जिसका कब्जा गिराया गया था उस परिवार की एक महिला ने जहरीले पदार्थ का सेवन कर लिया था। बाद में उसे तेंदूखेड़ा से जबलपुर मेडिकल रेफर किया गया था। जहां से उपरोक्त महिला के अपहृत हो जाने की बात उसके पति ने कही थी।
इस झगड़े की वजह झलौन गांव में बनने वाला वह पेट्रोल पंप है जिसके चक्कर में पिछले दिनों एक गरीब के आशियाने को अतिक्रमण के नाम पर उजाड़ दिया गया था। इस दौरान जहां तहसीलदार की भूमिका पर भी लोग सवाल उठाते नजर आए थे वही जिसका कब्जा गिराया गया था उस परिवार की एक महिला ने जहरीले पदार्थ का सेवन कर लिया था। बाद में उसे तेंदूखेड़ा से जबलपुर मेडिकल रेफर किया गया था। जहां से उपरोक्त महिला के अपहृत हो जाने की बात उसके पति ने कही थी।
जहर खाने वाली उपरोक्त महिला के पेट्रोल पंप वाले के द्वारा अपहरण कराए जाने की शिकायतों के बीच जब तेंदूखेड़ा एसडीओपी अशोक चौरसिया ने जबलपुर मेडिकल कॉलेज के बाहर के सीसीटीवी फुटेज के आधार पर उपरोक्त महिला के अपहरण की घटना से इनकार करते हुए स्पष्ट किया था कि वह महिला अपने पति के साथ ही गई है ना कि उसका अपहरण हुआ है।
दरअसल जैन बंधुओं के बीच के झगड़े की मुख्य बजह झलोन में खुलने वाला नया पेट्रोल पंप रहा है। यहां पर शैलेंद्र जैन का पहले से पेट्रोल पंप संचालित है वही शिवांजय का नया पंप मंजूर हो जाने के बाद पंप की व्यावसायिक प्रतिस्पर्धा बढ़ जाने के मद्देनजर इसके कार्य पर कोर्ट के जरिए रोक लगाने की कोशिश की गई थी। वही जहां पर नए पंप का निर्माण होना था वहां पास में ही अवैध कब्जा हटवाने में दूसरा पक्ष 3 दिन पहले सफल रहा था। जिसके बाद महिला के जहर खा लेने पर उसकी किडनैप जैसे आरोपों का सामना भी उसे करना पड़ा था।
यही वजह रही कि दोनों पक्षों के बीच में विवाद इतना बड़ गया कि वह एक दूसरे का सिर फोड़ने से भी पीछे नहीं हटे। वही दोनों पक्षों की तरफ से कुछ अन्य लोग उनका विवाद सुलझाने के बजाय एक दूसरे को भड़काते और झगड़े के बाद खुलकर साथ देते हुए भी नजर आए। नतीजन दोनों परिवार की महिलाएं बच्चे व अन्य सदस्य खूनी संघर्ष की वजह से टेंशन भरे हालात में परेशान होते रहे और दूसरे लोग बानियो की आपसी लड़ाई का चटकारे लेकर मजा लेते चर्चाए करते नजर आए.. उत्तम क्षमा
0 Comments