टोक्यो ओलंपिक में भारत को पहला स्वर्ण पदक
नई दिल्ली। आखिरकार शनिवार के दिन टोक्यो ओलंपिक में भारत के स्वर्ण जीतने का सूखा खत्म हो गया और शनिदेव की कलर धारी ड्रेस धारक भारतीय टीम के जांबाज़ एथलेटिक्स नीरज चोपड़ा ने भाला फेंक मुकाबले में सटीक निशाना साधते हुए भारत की झोली में गोल्ड मेडल डाल कर देशवासियों की खुशियां हजार गुनी कर दी है।
भारत के स्टार जेवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा ने टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीत इतिहास रच दिया। नीरज चोपड़ा एथलेटिक्स में ओलंपिक पदक जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी हैं। नीरज चोपड़ा ने फाइनल मुकाबले में 87.58 मीटर दूर भाला फेंक गोल्ड मेडल जीता। नीरज चोपड़ा ने अपने दूसरे थ्रो में ही ये दूरी तय की। नीरज चोपड़ा ने पहले थ्रो में ही 87.03 की दूरी तय कर नंबर 1 पर जगह बना ली थी लेकिन इसके बाद उन्होंने अगले थ्रो में अपना प्रदर्शन और बेहतर किया। नीरज चोपड़ा ने टोक्यो में भारत को पहला गोल्ड मेडल दिलाया।
टोक्यो ओलिंपिक में एक सोने की कमी थी, वह भी आज पूरी हुई। यह सोना वहां से चलकर आया जहां से इसके आने की कोई उम्मीद नहीं थी। जेवलिन थ्री यानी भाला प्रतियोगिता से। ओलिंपिक की व्यक्तिगत स्पर्द्धाओं में 2008 में शूटर अभिनव बिंद्रा के बाद भारतीय सेना में नायब सूबेदार 23-वर्षीय एथलीट नीरज चोपड़ा ओलिंपिक खेलों के इतिहास में स्वर्ण पदक जीतने वाले सिर्फ दूसरे भारतीय हैं। ट्रैक और फील्ड स्पर्द्धाओं में देश का यह पहला गोल्ड है। एक सौ तीस करोड़ की आबादी में हॉकी के अलावा सिर्फ दो व्यक्तिगत स्वर्ण ? हैरानी की बात तो है ही..
बजरंग पूनिया ने दिलाया कुश्ती में ब्रांच मेडल..
शनिवार के दिन भारत को गोल्ड के पहले एक ब्रांच मेडल भी हासिल हुआ है जो कुश्ती में बजरंग पूनिया ने दिलाया है। इस ओलिंपिक में मीराबाई चानू, रवि दहिया, पी वी सिंधु, लवलीना,बजरंग पुनिया और हमारी हॉकी टीम के रजत और कांस्य की चमक के बाद आज एथलीट नीरज ने देश के खिलाड़ियों में जो जज़्बा और सोने की आग पैदा की है, उसके नतीजे आने वाले ओलिंपिक खेलों में ज़रूर देखने को मिलेंगे।
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