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दमोह इमलाई नरसिंहगढ़ मार्ग पर स्वच्छ भारत मिशन की जगह नारकीय हालात.. सीएम हेल्पलाइन में शिकायत के बाद नेशनल हाईवे के अधिकारी और ठेकेदार कर रहे गुमराह.. कमजोर साइड सोल्डर की मिट्टी बन रही सड़क हादसों के साथ कीचड़ गन्दगी की वजह.. क्या PWD मंत्री लेंगे संज्ञान..?

कमजोर साइड सोल्डर मिट्टी एक्सीडेंट की वजह..

दमोह। जबलपुर दमोह ओरछा झांसी राष्ट्रीय राजमार्ग के तहत दमोह हीरापुर को नेशनल हाईवे में तब्दील किये जाने का कार्य लंबे समय से चल रहा है लेकिन काम कराने वाले ठेकेदार द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग के मापदंडों के अनुरूप कार्य नहीं कराए जाने की वजह से बारिश के दिनों में वाहन चालकों की परेशानी ज्यों की त्यों बनी हुई है स्थानीय निवासी भी जमकर परेशान हो रहे हैं। ऐसे में अब लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव से मामला संज्ञान में लेकर कार्रवाई की अपेक्षा की जा रही है।


यह तस्वीरें दमोह इमलाई नरसिंहगढ़ मार्ग की है जो दमोह हीरापुर सड़क का जिला मुख्यालय से सबसे नजदीकी हिस्सा है। इस सड़क की स्थिति देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि आगे सड़क का कार्य कैसा कराया गया होगा। पुरानी सड़क पर डामर की कमजोर गिट्टी परत चढ़ा कर जैसे तैसे चौड़ीकरण करने वाले ठेकेदार द्वारा साइड शोल्डर कार्य में बेहद लापरवाही बरती गई है। वही एनएच के अधिकारियों द्वारा साइड भ्रमण नहीं करने तथा यहां डाली जाने वाली मुरम साइड एवं गुणवत्ता का परीक्षण नहीं कराए जाने की वजह से हालात बद से बदतर बने हुए हैं।


नेशनल हाईवे होने की वजह से सड़क के दोनों किनारों पर 12 सीबीआर का हार्ड मटेरियल साइड सोल्डर में डाला जाना था। लेकिन यहां पर 6 सीबीआर की कमजोर मुरम डालकर खानापूर्ति कर दी गई। मामला मीडिया के संज्ञान में आने पर पिछले महीने उच्च अधिकारियों का ध्यान आकर्षित कराने के साथ ही सीएम हेल्प लाइन में भी शिकायत की गई थी। लेकिन तब भी हालात में सुधार करने की वजाय गुमराह करने की कोशिश लगातार की जाती रही है। आज भी यहां पर एनएच के एसडीओ सरफराज कुरेशी अपनी टीम के साथ पहुंचे थे जिन्होंने सड़क किनारे से कीचड़ हटवाने की प्रक्रिया शुरू कराई। लेकिन उनके जाते ही काम बंद कर दिया गया।


इमलाई सीमेंट फैक्ट्री क्षेत्र के आसपास की सड़क के हालात देखकर समझा जा सकता है कि यहा पर किस तरह के नारकीय हालात बने हुए है। एनएच के अधिकारी यहां डाली गई कमजोर मुरम को हटाकर कार्य प्रगति की जानकारी सीएम हेल्पलाइन में देकर अपनी जिम्मेदारी से बचते ठेकेदार का बचाव करते नजर आ रहे हैं। वही समय सीमा में कार्य कराने की बात कर रहे हैं। लेकिन इस बीच यदि कोई बड़ा सड़क हादसा और जन हानि होती है तो उसके जिम्मेदार ठेकेदार तथा अधिकारी होंगे यह कहने से स्थानीय लोग नहीं चूक रहे हैं।  ऐसे ही हालात नरसिंहगढ़ में भी बने हुए हैं।


मीडिया टीम को देख कर आज भी यहां ठेकेदार की जेसीबी सड़क किनारे से मिट्टी को समेटने की कोशिश करती नजर आई। लेकिन सवाल तब भी यह उठ रहा है कि आखिर ऐसे में कब तक काम चलेगा ? मामले में स्थानीय लोगों ने जहां बड़े आंदोलन की बात कही है जिला भाजपा के महामंत्री गोपाल पटेल भी इसे मुख्यमंत्री व लोक निर्माण निर्माण मंत्री के संज्ञान में लाने की बात कर रहे हैं। देखना होगा इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए नागरिकों को नारकीय हालात से मुक्ति दिलाई जाती है या फिर ठेकेदार की मनमानी और अधिकारियों की मिलीभगत चलती नजर आती है। अभिषेक जैन की रिपोर्ट

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