Ticker

6/recent/ticker-posts

पटना बिहार के दर्पण भैया दमोह में लेंगे जैनेश्वरी दीक्षा.. आचार्यश्री निर्भयसागर जी के सानिध्य में हुआ गोद भराई कार्यक्रम.. आचार्य निर्भय सागर महाराज की पलन्दी मंदिर में आगवानी, बरंडा में हुए मंगल प्रवचन.. आज सिंघई मंदिर में धर्मसभा..

 पटना बिहार के दर्पण भैया दमोह में लेंगे जैनेश्वरी दीक्षा.. 

दमोह। वैज्ञानिक संत आचार्य श्री निर्भय सागर जी महाराज ससंघ के सानिध्य में होने जा रहे 10 फरवरी से 18 फरवरी 2021 तक पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव के साथ 23 जनवरी को एक नई कड़ी और जुड़ गई क्योंकि 14 फरवरी को दोपहर 12 बजे से होगी दिगंबर जैनेश्वरी मुनि दीक्षा। जैसे ही दीक्षा की बात आचार्य श्री के मुख से निकली वैसे ही यह खबर चारों ओर फैल गई। 

पटना बिहार निवासी 38 वर्षीय बाल ब्रह्मचारी दर्पण भैया जी 22 जनवरी को आचार्य श्री के पास दीक्षा का निवेदन करने के लिए आये। ब्रह्मचारी दर्पण भैया जी ने 20 वर्ष पूर्व ब्रह्मचर्य व्रत धारण किया था और 8 वर्ष से आचार्य श्री के सानिध्य में रह कर साधना कर रहे हैं । कई दिनों से उनकी दीक्षा लेने की भावना थी जो यहां दमोह में फलीभूत होने जा रही है। दीक्षा की घोषणा होने के बाद शाम 7 बजे गोद भराई का कार्यक्रम किया गया। 

इसके पूर्व ब्रह्मचारी भैया जी ने श्रीफल चढ़ाकर आचार्य श्री से दीक्षा का निवेदन किया। आचार्य श्री ने मंगल उपदेश देते हुए कहा पुरुषार्थ जगाने से मानव जीवन सफल होता है और कार्य फलीभूत होता है। हमारा देश संतों की कृपा और दिए गए संस्कारों से दुनिया में अलग ही पहचान बनाए हुए है। एक श्री ने कहा संत गिरते हुए के हाथ थाम लेते हैं और गिरने नहीं देते। जो आगे बढ़ रहे होते हैं उन्हें औरआगे बढ़ाने में सहयोगी बनते हैं । श्रद्धा और आचरण से व्यक्ति धीरे-धीरे गिरता जा रहा है। यह हमारे देश के लिए अभिशाप हो सकता है।

आचार्य निर्भय सागर के बरंडा में हुए मंगल प्रवचन..

दमोह। परम पूज्य वैज्ञानिक सन्त 108 आचार्य श्री निर्भय सागर जी महाराज ससंघ की भव्य मंगल आगवानी शनिवार को श्री दिगम्बर जैन पलन्दी मंदिर में की गई । आगवानी में विद्याधर से विद्यासागर पाठशाला के नन्हे मुन्नों द्वारा धर्मध्वजा लेकर , सुधाकलश महिला मंडल पलन्दी मंदिर की महिलाओं द्वारा मंगल कलश लेकर एवम मंदिर समिति व श्रावको द्वारा की गई । पूज्य आचार्य श्री का पाद प्रक्षालन श्रावको द्वारा अपने अपने घरों के सामने रंगोली सजाकर किया गया 

मंदिर में श्री जी के दर्शन के पश्चात मुनि संघ द्वारा प्रवचन स्थल हाकगंज बरंडा पहुंचकर विशाल धर्मसभा को सम्बोधित किया गया । प्रवचन के पूर्व पूज्य आचार्य संघ को समाज के सम्मानीय जनों  एवम पाठशाला के बच्चों , शिक्षिकाओ द्वारा श्री फल भेँट किया गया। पलन्दी मन्दिर समिति एवम महिला मंडल द्वारा आचार्य श्री का पाद प्रक्षालन  एवम संगीत मय पूजन मुनि श्री शिवदत्त सागर जी के मुखारविंद से समपन्न किया गया।  धर्म सभा को ससम्बोधित करते हुए आचार्य श्री ने दि. 10 फरवरी से 18 फरवरी तक आयोजित पंच मेरु पंच कल्याणक एवं गजरथ महोत्सव में सकल समाज की सहभागिता हेतु प्रेरित किया। अयोध्या में बन रहे श्री राम मंदिर के भव्य निर्माण में जैन समाज से विशेष योगदान की बात रखते हुए भगवान श्री राम के चरित्र पर प्रकाश डाला गया। धर्मसभा में श्री राम मंदिर निर्माण महादान समिति के पदाधिकारी एवं सदस्य भी उपस्थित रहे।

इस अवसर पर श्री दिगम्बर जैन पलन्दी मंदिर समिति द्वारा श्री राम मंदिर निर्माण हेतु Rs 21000- की राशि के दान की घोषणा की गई । उपरोक्त दान राशि श्री दिगम्बर जैन पंचायत दमोह द्वारा सकल जैन समाज की विभिन्न संस्थाओं द्वारा दानराशि एकत्रित कर सामूहिक रूप से समिति को सौपी जावेगी। आचार्य संघ का रात्रि विश्राम नन्हे जैन मंदिर में और रविवार के प्रवचन सिंघई मंदिर में होंगे। सोमवार को आचार्य श्री के मंगल सानिध्य स्टेशन रोड स्थित कांच मंदिर के श्रावक जनो को प्राप्त होगा।  कार्यक्रम में मुख्य रूप से जैन पंचायत के अध्यक्ष सुधीर सिंघई ,महामंत्री चै.रूपचंद जैन पलन्दी मंदिर समिति के जितेंद्र गुड्डू बजाज ,राकेश पलन्दी पारसमणि, संतोष गांगरा, आलोक पलन्दी, पदम बजाज, महेश मलैया, विजय मलैया, मनीष बजाज राजश्री, सुनील पुष्पदीप की उपस्थिति रही। संचालन पं आशीष जी सगरा वालों ने एवम आभार प्रदर्शन आलोक पलन्दी द्वारा किया गया।

प्रवचन के उपरांत मुनिसंघ की आहारचर्या पलन्दी मंदिर से सम्पन्न हुई । आचार्य श्री निर्भय सागर जी महाराज की आहारचर्या करवाने का सौभाग्य संतोष गांगरा परिवार को प्राप्त हुआ। मुनि शिवदत्त सागर की आहार चर्या मनीष राकेश पलंदी परिवार, मुनि हेमदत्त सागर महाराज की आहार चर्या गुड्डू बजाज परिवार,मुनि सुद्दत सागर की आहार चर्या शेलेन्द्र मयूर परिवार,मुनि सोमदत्त सागर की आहारचर्या लोकेश गांगरा परिवार के यहा संपन्न हुई। जबकि मुनि गुरुदत्त सागर महाराज का उपवास होने की वजह से वह आहार चर्या को नही निकले। आयुश जैन की रिपोर्ट

Post a Comment

0 Comments