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राहुल सिंह स्याही-चप्पल कांड के आरोपियों को कोर्ट से जमानत.. आरोपियो के अधिवक्ता ने दिया तर्क.. किसी नेता के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शासकीय कार्य में बाधा का अपराध नहीं हो सकता.. ग्वालियर में सिंधिया के खिलाफ भी प्रदर्शन करके जा चुके है जेल..

स्याही-चप्पल कांड के सभी आरोपियों को मिली जमानत..

दमोह। वेयर हाउसिंग कारपोरेशन के नवनियुक्त चेयरमैन राहुल सिंह के दमोह नगर आगमन के दौरान पिछले दिनों राय चौराहे के समीप उन पर स्याही एवं चप्पल की माला उछालने वाले तीनो आरोपियों को आज जिला कोर्ट ने जमानत दे दी है। इनमें से दो मुख्य आरोपियों को 30-30 हजार रुपए के निजी मुचलके पर जमानत देने के आदेश दिए गए हैं। उल्लेखनीय है कि पूर्व में भी यह युवक ग्वालियर में सिंधिया के दल बदल के खिलाफ  प्रदर्शन करके लोकतंत्र बचाओ आंदोलन में जेल जा चुके हैं।

17 जनवरी को वेयर हाउसिंग एंड लॉजिस्टिक कॉर्पोरेशन के नव नियुक्त अध्यक्ष राहुल सिंह की स्वागत रैली के दौरान राय चौराहे के समीप उन पर स्याही फेंकने एवम जूतों की माला पहनाने का प्रयास करने वाले दोनो युवाओं दृगपाल एवम सुनील सिंह को दमोह सेशंस कोर्ट ने आज निजी मुचलके पर जमानत पर रिहा किये जाने का आदेश दिया गया। मामले में आरोपियों के अधिवक्ता मनीष नगाइच एवं दीपक श्रीवास्तव ने बताया के इस मामले में आरोपियों के विरुद्ध 353, 336, 504, 34 आइपीसी के अंतर्गत कोतवाली में अपराध पंजीबद्ध हुआ था।  

जो कि मूलतः शासकीय कार्य मे बाधा पहुंचाने से संबंधित मामला था। आज अधिवता ने न्यायालय में तर्क प्रस्तुत किया कि किसी जननेता के विरुद्ध विरोध प्रदर्शन करना शासकीय कार्य मे बाधा का अपराध नहीं हो सकता। जिस पर सत्र न्यायालय ने सहमत होते हुए आरोपियों को जमानत पर रिहा किये जाने का आदेश पारित किया है। मामले में तीसरे आरोपी गीतेश अठ्या को भी आज जमानत दे दी गई है।


उल्लेखनीय है कि पूर्व में भी बेरोजगारी किसानों की समस्या दलबदल सहित अन्य मुद्दों को लेकर उपरोक्त युवाओं की टीम दमोह नगर तथा दमोह के बाहर जोरदार विरोध प्रदर्शन करके शासन प्रशासन का ध्यान आकर्षित कर चुकी थी। लेकिन इस बार उनकी विरोध करने का तरीका गांधीवादी अहिंसक विचार धारा के विपरीत होने की वजह से उनको जेल की हवा खाने के साथ ही अनेक लोगों की आलोचना शिकार भी होना पड़ा। 
यहां यह भी उल्लेखनीय है कि दृगपाल सिंह नामक युवा पिछड़ा वर्ग आरक्षण आंदोलन मामले को लेकर नवनियुक्त चेयरमैन राहुल सिंह एवं प्रदुम सिंह के चचेरे भाई वैभव सिंह के द्वारा पूर्व में किए गए आंदोलन में सहभागी रहने के साथ समर्थक व हिमायती भी रहा है। ऐसे में उसके द्वारा राहुल सिंह की स्वागत रैली के दौरान किया गया कृत्य अन्य कारणों से भी अब चर्चा के साथ जांच का विषय कहा जा सकता है।

जेल से छूटते ही फिर इंकलाबी अंदाज और तीखे बोल..

दमोह जिला जेल से बुधवार की शाम जमानत पर रिहा होते ही बड़ी संख्या में तीनों आरोपियों को लेने के लिए उनके मित्र शुभचिंतक जेल के बाहर पहुंचे वही उनके द्वारा इंकलाबी अंदाज में नारेबाजी भी की गई इधर इनको अपने किए पर कोई अफसोस भी होता नजर नहीं आया यहां तक की दृगपाल सिंह के तीखे वॉल बरकरार रहे तथा उसने जो कहा उसे यहा लिखे जाने के बजाय उसके ही अंदाज में सुना जाना बेहतर कहा जा सकता है..

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1 Comments

  1. विरोध प्रदर्शन में अटैक नहीं किया जाता ,,ये तो हमला किया, विरोध के लिये तखतिया लगाकर भी विरोध किया जा सकता था,,

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