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करोड़ों के खर्च के बाद भी स्वास्थ्य सेवाएं फर्श पर.. केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल के निर्वाचन क्षेत्र की जिला अस्पताल के गलियारे मे तथा दबंग विधायक रामबाई के क्षेत्र में फर्श पर लेटा कर मरीजो को लगाए जा रहे इंजेक्शन.. वीडियो वायरल

 करोड़ों के खर्च के बाद भी स्वास्थ्य सेवाएं फर्श पर.. 

दमोह। जिले में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने और मरीजो को आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने निर्माण कार्यों से लेकर आवश्यक संसाधन जुटाने पर करोड़ो की राशि हर साल खर्च की जाती है। फिर भी यदि स्वास्थ्य सेवाएं फर्स या गलियारे में नजर आए तो इसे क्या कहा जाए। एक सप्ताह में दमोह जिले की अस्पतालों में इलाज के नाम पर शर्मशार करने वाली दो अलग अलग तस्वीरे सामने आई है। 

केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल के निर्वाचन क्षेत्र की दमोह जिला अस्पताल में इलाज कराने के लिए पहुंचने वाले जिन मरीजों को इंजेक्शन की आवश्यकता होती है उनको इंजेक्शन कक्ष के बाहर गलियारे में स्टूल पर बैठा कर अछूतों की तरह व्यवहार करते हुए दूर से ही इंजेक्शन लगाए जाने की वीडियो पिछले दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी। इसके बावजूद इसको जिम्मेदारों ने संज्ञान में नहीं लिया। नतीजन यहां आने वाले गरीब मरीजों को कोरोना संक्रमण काल के नाम पर इसी तरह अछूतों जैसे व्यवहार का शिकार होना पड़ रहा है।

यह मामला अभी ठंडा भी नहीं पड़ा था कि दबंग विधायक श्रीमती राम बाई सिंह के क्षेत्र पथरिया के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में फर्श पर आ गई स्वास्थ्य सेवाओं का वीडियो सामने आ गया है। वह भी उस समय जब जिले की स्वास्थ्य अधिकारी यहां मीटिंग ले रही थी इसी दौरान यहां पहुंचें एक बुजुर्ग मरीज के लिए स्टूल तक नसीब नहीं हुआ और उसे फर्श पर लेटा कर इंजेक्शन लगाने के बाद चलता कर दिया गया। यह दोनों वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने व मीडिया की सुर्खियों में आने के बाद भी जिम्मेदारों की चुप्पी आश्चर्य जनक कही जा सकती है। 

 सिविल सर्जन की जिद के कारण पेयजल का टोटा.

जिला अस्पताल परिसर में पेयजल आपूर्ति व पार्क के पानी का प्रबंध करने वाले बोर में पड़ा पंप पन्द्रह दिन से खराब पड़ा है। लेकिन सिविल सर्जन की जिद के चलते इसे सुधारवाया नहीं जा रहा है। जिससे अस्पताल परिसर में पुलिस चैकी के बाजू से संचालित सिंघई रघुवर प्रसाद स्मृति प्याऊ की टंकी सूखी पड़ी है। मरीजों के परिजनों को एक एक बूंद पानी के लिए तरसना पड़ रहा है और बाहर होटलों पर जाकर पानी का इंतजाम करना पड़ रहा है। लेकिन इससे भी जिम्मेदारों को कोई सरोकार नहीं है क्यों कि उनकों अस्पताल के अंदर की पानी सप्लाई ही आवश्यक नजर आती है। जबकि  अस्पताल के अंदर भी पेयजल सप्लाई की हालत बहुत अच्छे नहीं है। 

 छत के उपर करीब एक करोड़ से बन रहा टीन शेड..

 जिला अस्पताल की छत के ऊपर पानी से बचाव हेतु चादर शेड निर्माण के नाम पर करीब एक करोड़ राशि के कार्य को मंजूरी देने वाले अस्पताल प्रवंधन व कार्य कराने वाले संविदा उपयंत्री को इस बात की कोई परवाह नहीं है की जिला अस्पताल के प्रवेश द्वार के ऊपर अंकित अक्षर गिरकर अधूरे बचने से जिला अस्पताल भी अब लिखा हुआ नजर नही आता। मैन गेट की साइड की शीट भी लापरवाही के चलते उखड़ती जा रही है। अक्षर गिरने व शीट टूटने से मैन गैट बदसूरत नजर आने लगा है शायद इन छोटे-छोटे कार्यो के लिए करोड़ों के कार्य कराने वालों को अलग से बजट का इंतजार है। 
अक्षर गिरने व शीट टूटने से मैन गैट हुआ बदसूरत

उल्लेखनीय है कि केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल के निर्वाचन क्षेत्र की जिला अस्पताल में आने वाले एक्सीडेंटल केसो में मरीजों के जख्मों पर टांके लगाने के लिए धागा नहीं होने तथा कर्मचारियों को पहनने दस्ताने नहीं होने जैसे मामले पूर्व में सुर्खियों में रह चुके हैं वही पेयजल सुरक्षा और सफाई व्यवस्था पर लाखों खर्च के बाद भी हालात ठीक नहीं है। पिक्चर अभी बाकी है..

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