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कलयुगी दामाद निकला सास का हत्यारा.. लव मैरिज से खफा सास की हत्या करके वापस चला गया था भोपाल.. दमोह पुलिस ने चाय की गुमटी चलाने वाली महिला की मौत की गुत्थी.. साइबर सेल की मदद से दो दिन में सुलझाई..

हत्यारे दामाद को हिरासत में लेकर अंधी हत्या का खुलासा
दमोह। सास बेटी के लव मैरिज करने से खफा थी तथा वह चाहती थी बेटी अपने प्रेमी पति को छोड़कर वापस उसके पास आ जाए तथा वह अपनी पसंद के लड़के के साथ बेटी का फिर से ब्याह रचाए। या कोई फिल्मी स्टोरी या टीवी सीरियल का क्लाइमैक्स नहीं बल्कि ऐसी हकीकत है जो दमोह जिला मुख्यालय में सामने आई है। पुलिस ने सास की जान के दुश्मन बन गए इस दामाद को हिरासत में लेकर जब मामले का पर्दाफाश किया तो लोग आश्चर्य में डूबते नजर आए। हालांकि लोग उम्मीद कर रहे थे इस मामले में हत्यारों की संख्या 1 से अधिक होगी लेकिन पुलिस खुलासे में सिर्फ एक ही आरोपी सामने आया है।
दमोह के होमगार्ड ग्राउंड में 2 दिन पूर्व एक महिला का शव मिलने से सनसनी की हालत निर्मित होते देर नहीं लगी थी बाद में मृत क्या की पहचान स्टेडियम के सामने चाय की दुकान चलाने वाली महिला कम्मो बाई के तौर पर हुई थी। जोकि अकेले ही पास में झुग्गी झोपड़ी में रहती थी तथा उसकी बेटी दमाद भोपाल में रहते थे। मृतिका के गले में रस्सी का फंदा तथा गला रेत ने के निशान होने की वजह से कोतवाली पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज किया था। 
एसपी हेमंत चौहान ने विशेष टीम गठित करके अंधे हत्याकांड गुत्थी सुलझाने का जिम्मा टीआई एच आर पांडे की टीम को सौंपा था। साइबर सेल की मदद से पुलिस ने जब मृतिका के दामाद की वारदात के वक्त की लोकेशन ट्रेस की तो वह घटना स्थल के आसपास दमोह की पाई गई। बाद में पुलिस ने हिरासत में लेकर या पूछताछ की तो जमाई राजा को अपना जुर्म कबूल दे देर नहीं लगी।

 सास की जान के दुश्मन बने कलयुगी दामाद शेख आबिद 29 वर्ष निवासी अशोका गार्डन भोपाल ने कुछ वर्ष पूर्व ही कम्मो बाई की बेटी प्रियंका से लव मैरिज की थी। लेकिन दमयंती क्रियाकलापों की वजह से इस शादी के बाद से सास खुश नहीं थी तथा वह अपनी बेटी को रिश्ता तोड़ने की प्रेरणा देती रहती थी। इसी बात को लेकर सास से खफा दामाद शेख आबिद 23 जुलाई की रात दमोह पहुंचा था। सास के घर पहुचकर चाय पीने के बाद खुले में घूमने के बहाने सास को होमगार्ड ग्राउंड में ले आया तथा गले में रस्सी का फंदा डालकर उसे जमीन पर गिराकर घसीटता रहा। बाद में छुरी से गला रेत कर तथा घटनास्थल से साक्ष्य मिटाकर रात में ही वापस भोपाल रवाना हो गया था।

लेकिन आखिरकार एफएसएल टीम की वैज्ञानिक जांच  और साइबर सेल की जांच में वह घटना के वक्त दमोह की लोकेशन को न ही छुपा सका और आखिरकार पकड़े जाने के बाद उसने अपना जुर्म भी कबूल करते हुए सास की हत्या करने के पीछे उपरोक्त वजह बताई।
इस अंधी हत्याकांड के खुलासे में कोतवाली टीआई एच आर पांडे, सब इंस्पेक्टर एमके पांडे एवं बीपी दुबे, प्रधान आरक्षक राकेश पाठक, संतोष तिवारी, संजय पाठक, महेश यादव, आकाश पाठक, सूर्यकांत के अलावा साइबर सेल से सौरभ टंडन, अजीत एवं राकेश आठ्या तथा  वैज्ञानिक टीम की उल्लेखनीय भूमिका रही। एसपी द्वारा इस टीमको पुरस्कृत करने की घोषणा की गई है।

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