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मनरेगा के नाम पर मशीने डाल रही प्रवासी मजदूरों के हक पर डाका.. जगह जगह मशीनों से हो रहा कार्य लेकिंन अधिकारी बन रहे अनजान.. जबेरा तथा पथरिया क्षेत्र में दिन दहाड़े मशीनों से खुदाई कराने की वीडियों हुई वायरल..

 मशीने डाल रही प्रवासी मजदूरों के हक पर डाका..
दमोह। कोरोना वायरस के संक्रमण काल में बाहर से मजदूरों का अपनी मातृभूमि में लौटने का सिलसिला जारी है वही प्रवासी मजदूरों को उनके अपने ही गांव में रोजगार रूपी कार्य जलाने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी से लेकर मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान चिंतित बने हुए हैं चौथा प्रवासी मजदूरों के जॉब कार्ड के जरिए उन्हें उनके गांव में ही रोजगार दिलाने के लिए मनरेगा सहित अन्य योजनाओं के कार्य निकाले गए हैं। लेकिन इसके बावजूद मशीन मजदूरों के हक पर डाका डालती नजर आ रही है।  जबकि अधिकारी अन्जान बनने की कोशिश कर रहे है।
 जबेरा जनपद के झरोली ग्राम पंचायत की यह तस्वीर मनरेगा के तहत मजदूरों के हक पर डाका डाले जाने का ताजा उदाहरण है। यहां पर मनरेगा के तहत खेत तालाब तथा मेड बंधान हेतु खिलान रजक के लिए 2 लाख 88 हजार की राशि स्वीकृत होने की जानकारी सामने आई है। लेकिन मजदूरों से काम कराने के बजाय दिन दहाड़े जेसीबी चलवा कर तथा ट्रैक्टर ट्राली से मुरम मिट्टी को फिकवाया जा रहा है। खास बात यह है कि कार्य मंजूरी हेतु जिस जगह के कागजात लगाए गए हैं उससे अलग हटकर भी कार्य कराया जा रहा है। जिसके चलते आज यहां पर विवाद के हालात भी बनते  नजर आए। बताया जा रहा है कि पड़ोसी रैकवार समाज के एक छोटे किसान की जमीन को भी दबाने की भी कोशिश की जा रही है। जिसको लेकर आज आपत्ति जताते नजर आए। मशीनों से कार्य होने के संदर्भ में जब जबेरा जनपद के सब इंजीनियर श्री प्रजापति से चर्चा की गई तो वह हालात से अनजान बनते हुए कल मौके पर पहुंचकर जांच करने की बात कहते नजर आए।
पथरिया के जोरतला में कराई मशीनों से तलैया खुदाई
दूसरी तस्वीर दमोह जिला मुख्यालय से करीब 10 किलोमीटर दूर पथरिया जनपद के जोरतला गांव की है यहां भी दिनदहाड़े मशीन की मदद से चलैया की गहरीकरण का कार्य कराया जा रहा था ग्रामीणों की भीड़ लगी हुई थी तथा आधा दर्जन ट्रैक्टर मशीन द्वारा खुदाई में निकलने वाली मिट्टी को उठाकर सरपंच महोदय के घर के आस-पास हैकर समतलीकरण करने में जुटे हुए थे इस मामले में जब मशीन चलाने वाले चालक से जानकारी ली गई तो उन्होंने सरपंच द्वारा गहरीकरण कार्य कराने की जानकारी दी। ग्रामीण जन भी सरपंच द्वारा कार्य कराने की बात करते नजर आए। जबकि सरपंच इस मामले में सामने आने तथा कुछ भी कहने से बचते रहे।मामले में पथरिया जनपद के उपयंत्री श्री वर्मा का तो यहां तक कहना था जनपद की तरफ से जोरतला पंचायत में इस तरह का कोई भी कार्य मंजूर में ही कराया गया है, हो सकता है सरपंच महोदय अपनी निजी राशि से तलैया गहरी गढ़ करा रहे हो.. लेकिन यहां तब भी सवाल उठता है कि आखिर 1000 Rs घंटे की जेसीबी तथा ट्रैक्टरों को लगाकर यदि सरपंच महोदय समाज सेवा कर रहे हैं तो आने वाले स्वतंत्र दिवस पर सम्मानित किया जाए। लेकिन आगे चलकर यदि मजदूरो के नाम पर मस्टर बनाए जाते हैं तो कारवाही सख्त से सख्त की जाए ऐसी जन अपेक्षा बनी हुई है।
इस तरह के हालात कहीं न कहीं जनपद तथा जिला स्तर के अधिकारियों के संरक्षण की ओर इशारा कर रहे है। इस तरह की वीडियों के सामने आने के बाद भी यदि संबंधित अधिकारी इसे संज्ञान में लेकर कार्रवाई नहीं करते है तो यह साफ हो जाएगा कि उपर से नीचे तक मिलीभगत जारी है। अर्थात हाथी के दांत खाने के ओर तथा दिखाने के ओर.. पिक्चर अभी बाकी है..  अटलराजेंद्र जैन

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