भाजपा नेता ने बिजली विभाग के खिलाफ मोर्चा खोला
दमोह। बिजली विभाग द्वारा अब स्मार्ट मीटर जोर जबरदस्ती के साथ लगाए जाने लगे हैं तथा इसके शिकार आब सत्ता दल भाजपा के जिम्मेदार पदाधिकारी भी होने लगे हैं। ऐसे ही एक नेताजी ने बिजली विभाग के खिलाफ सोशल मीडिया से लेकर कलेक्ट्रेट तक मोर्चा खोलते हुए अपनी आपत्ति दर्ज कराई है।
भाजपा
किसान मोर्चा की जिला अध्यक्ष युवा समाजसेवी एडवोकेट हरिश्चंद्र गुड्डू
पटेल भी अब विद्युत विभाग के कर्मचारीयो की जबरदस्ती और तानाशाही पूर्ण
रवैया के शिकार हो गए हैं जिसको लेकर उन्होंने कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचकर
लिखित शिकायत दर्ज कराते हुए अपनी आपत्ति दर्ज कराई है। दरअसल विद्युत
वितरण कंपनी दमोह के कर्मचारियों द्वारा श्री पटेल के निवास जेईएस स्कूल के
पास सागर रोड उनकी अनुपस्थिति में उनके बिजली कनेक्शन को नए स्मार्ट मीटर
से जोड़ दिया। चूंकि वह पूर्व में भी स्मार्ट मीटर लगाए जाने पर आपत्ति
दर्ज कर चुके थे इस वजह से उनकी अनुपस्थिति में नया मीटर सीधे खंबे (पोल)
पर लगाकर बिजली मीटर लगाने वाले ठेकेदार के कर्मचारी चलते बने।
कलेक्टर
तथा बिजली विभाग के मंत्री तथा अधीक्षण यंत्री को प्रेषित लिखित शिकायत में श्री पटेल
ने बताया कि स्मार्ट मीटर लगाने में जहां उनकी सहमति नहीं ली गई वही ऐसे
समय पर मीटर लगाया गया जब वह पारिवारिक गमी कार्यक्रम की वजह से अपने घर पर
नहीं थे। उन्होंने इस तरह की जोर जबरदस्ती पर आपत्ती दर्द करते हुए
स्मार्ट मीटर पर आपत्ति दर्ज कराई है।
स्मार्ट मीटर बिलिंग में दशमलव बिंदु की गणना से उपभोक्ता परेशान.. उल्लेखनीय
की स्मार्ट मीटर की बिलिंग आम आदमी के लिए सर दर्द बनती जा रही है।
क्योंकि इसकी गणना पॉइंट में आने से कुछ ही पॉइंट के अंतर से आम उपभोक्ता
पर बड़े हुए बिल का भार बढ़ जाता है। उदाहरण के तौर पर यदि किसी उपभोक्ता
का मासिक यूनिट 150 से दशमलव 10 पॉइंट भी ज्यादा हो जाए तो उसका बिल हजार
रुपए के पार हो जाता है जबकि डेढ़ से यूनिट की कंडीशन में Rs 300 के आसपास
रहता है। ऐसे मामलों की जानकारी विभाग के अधिकारियों को दिए जाने के
बाद भी उनकी चुप्पी यह बताने के लिए काफी है कि स्मार्ट मीटर की दशमलव
बिंदु गणना के मामले में उनके बश में कुछ भी नहीं बचता। जबकि आमतौर पर
वित्तीय से लेकर अन्य मामलों में दशमलव 50 से कम की गणना को सामान्य माना
जाता है वही 50 के ऊपर की गणना को ही अगले पॉइंट के रूप में जोड़ा जाता
रहा है। लेकिन स्मार्ट मीटर की दशमलव बिंदु की गणना उपभोक्ता की गले की
फास बनती जा रही है जिसका जवाब अधिकारियों के पास नहीं है..


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