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आखिरकार महाराष्ट्र के रास्ते दमोह जिले में कोरोना की दस्तक.. पुलिस प्रशासनिक अधिकारी सर्रा पहुंचे.. सोशल डिस्टेंस और बाहरी लोगों के संपर्क से बच कर अभी भी सुरक्षित रह सकते हैं हम.. ग्रीन/ऑरेंज जोन को लेकर फैलाई जा रही दहशत व अफवाह से बचे..

 महाराष्ट्र के रास्ते दमोह जिले में कोरोना की दस्तक
दमोह। आखिरकार महाराष्ट्र के रास्ते कोरोना ने दमोह जिले में दस्तक दे दी है। जिससे पिछले 50 दिनों से ग्रीन जोन में शुमार दमोह जिले का कलर ऑरेंज हो गया है।  लेकिन इससे कोई बहुत ज्यादा फर्क पड़ने वाला है। सोशल डिस्टेंस का पालन करके और बाहरी लोगों के संपर्क में आने से बच के आप अभी भी कोरोना सुरक्षित रह सकते हैं। इसके लिए आपको सोशल मीडिया पर फैलाई जाने वाली अफवाहों और दहशत से बचना होगा।
दमोह जिले से कोरोना जांच हेतु अभी तक भेजे गए 500 से अधिक सिंपलों में से पहली रिपोर्ट गुरुवार को पॉजिटिव आई है जिसके बाद पुलिस प्रशासन महकमे में पूर्व की तैयारियों के साथ कोरोना को क्षेत्र विशेष तक सीमित रखने के लिए युद्ध स्तर पर प्रयास शुरू हो गए हैं। कलेक्टर तरुण राठी और एसपी हेमंत चौहान ने पाजेटिव रिपोर्ट आने के तत्काल बाद तेंदूखेड़ा होते हुए सर्रा ग्राम पहुंचे तथा पूरे क्षेत्र को प्रतिबंधात्मक घोषित कर दिए जाने की बाद के हालात देखें और एसडीएम गगन विशेन तथा तेंदूखेड़ा बीएमओ को आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
तेंदूखेड़ा ब्लॉक के सर्रा ग्राम निवासी जिस युवक की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव निकली है वह 2 दिन पहले ही महाराष्ट्र से अपने गांव पहुंचा था। वही उसका होम क्वॉरेंटाइन करके सैंपल जांच हेतु भेजा गया था। जिसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद अब उसकी ट्रैवल हिस्ट्री के साथ गांव में उसके संपर्क में आए लोगों की जानकारी जुटाकर उनके भी सैंपल जांच हेतु भेजे जा रहे है।
लॉक डाउन 3 के अंतिम चरण में जिस तरह से मुंबई, दिल्ली, अहमदाबाद आदि कोरोना प्रभावित क्षेत्रों से बाहरी मजदूरों बड़ी संख्या में बुंदेलखंड में वापसी शुरू हुई थी उसको देख कर पहले से ही आशंका जताई जाने लगी थी कि मुंबई दिल्ली से आने वालों के साथ कोरोना की दस्तक भी हो सकती है। इस बात की आशंका पहले भी जताई जा चुकी थी की कोरोना शहर के अंदर से नहीं बल्कि बाहर से ही दस्तक देगा और इसके लिए पूरी सावधानी बरतने की आवश्यकता है।
दमोह जिले में पहला पाजेटिव केस सामने आने के बाद भले ही ग्रीन जोन का दर्जा चला गया हो परन्तु इससे कोई खास फर्क नही पड़ने वाला। क्योंकि पहले से सतर्क प्रशासन तंत्र ने कोरोना पीड़ित को क्षेत्र विशेष तक सीमित कर रखा था वहीं अब पूरे इलाके को सील करा हाट स्पॉट में बदल दिया गया है। जिला मुख्यालय से भी यह क्षेत्र करीब 70 किलोमीटर करीब दूर है। जिससे  यहां के माहौल को लेकर शहरवासियों को चिंतित होने की जरूरत नहीं है। वही लाक डाउन 4 में प्राप्त होने वाली छूट केंद्र तथा प्रदेश सरकार की गाइडलाइन के अनुसार आगामी दिनों में तेंदूखेड़ा क्षेत्र को छोड़कर जिले के अन्य क्षेत्र को प्राप्त होती रहेगी पूरी संभावना है। 
शहर के व्यापारी दुकानदार भाई भी सर्रा की पॉजिटिव रिपोर्ट को लेकर ज्यादा चिंतित नहीं होवे। क्योंकि इससे उनके कारोबार व्यापार को चलाने के लिए मिली छूट पर कोई बहुत ज्यादा असर पड़ने वाला नही है। सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए पूरी सतर्कता सावधानी बरतें और कोरोना के नाम पर डराने वालों को भी एहसास दिलाएं कि हम डरने डराने वाले नहीं बल्कि सतर्कता से कोरोना को भगाने वालो में से है.. अटल राजेन्द्र जैन

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1 Comments

  1. महोदय जी आपकी यह पोस्ट सही है,
    मगर सर्रा के लोग डेली तेंदूखेड़ा आते तो आवश्यक है,
    लॉक डाउन , तेंदूखेड़ा में इससे प्रत्येक व्यक्ति को नुकसान है

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