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साइलो केंद्र चलाने वाली पनामा कंपनी पर विधायक राम बाई की वक्र दृष्टि.. बरपटी के बाद हिनोता सायलो में भी किसानो की परेशानी को लेकर जमकर सुनाई खरी-खोटी.. पटवारी की कर दी ऐसी तैसी.. बीच-बचाव करने वाले स्थानीय पत्रकार को भी नहीं बख्शा..

 हिनोता सायलो में किसानो की परेशानी को लेकर हंगामा
दमोह। दमोह जिले में गेहूं खरीदी करने वाली पनामा साइलो कंपनी पर पथरिया विधायक राम बाई की वक्र दृष्टि पड़ती नजर आ रही है। बरपटी सायलो पर किसानों की तौल में गड़बड़ी के मुद्दे को लेकर अधिकारियों को खरी खोटी सुनाने के बाद हिनौता साइलो पहुंची विधायक रामबाई ने किसानों से अवैध वसूली के मामले में कंपनी के कर्मचारी को जमकर खरी-खोटी सुनाई। तथा मैनेजर के नहीं मिलने पर गाली गलौज करते हुए एक पटवारी की ऐसी तैसी करती हुई नजर आई।
दरअसल हनोता साइलो पहुंचे कुछ किसानों ने उनकी सैंपल को पास कराए जाने के नाम पर कर्मचारी अर्पित दुबे द्वारा रुपए लिए जाने की बात विधायक रामबाई से कही थी। जिस पर उन्होंने अर्पित दुबे को बुलाकर पहले तो जमकर फटकार लगाई और बाद में रुपए वापस देने के लिए कहा। लेकिन अर्पित ने स्वयं रुपए लेने से इंकार करते हुए अपनी मां की कसम खाना शुरु कर दी। जिसके बाद राम बाई का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया। 
इस दौरान सायलो पर कंपनी के मैनेजर के नहीं पहुंचने तथा टेस्टिंग लैब में मौजूद पटवारी के द्वारा वीडियो से रिपोर्ट किसी अन्य को भेजे जाने का पता लगने पर विधायक रामबाई ने हवा में गालियां देते हुए बाहर निकले पटवारी को भी आड़े हाथों लिया। तथा ऐसी तैसी करने से भी नहीं चूकी। जिस पर पटवारी ने भी हिम्मत दिखाते हुए गालियां नहीं देने को कहा। बाद में जैसे तैसे बीच-बचाव से मामला शांत हुआ। इस दौरान गैसावाद थाना पुलिस और प्रभारी की मौजूदगी भी बताई जा रही है। लेकिन किसकी मजाल थी विधायक जी के गुस्से का सामना कर पाता।
इधर साइलो कर्मचारी अर्पित दुबे द्वारा स्वयं रुपए नहीं लेने के बजाय किसी अन्य व्यक्ति द्वारा किसान से रुपए लेने की बात करने पर वहां मौजूद एक स्थानीय पत्रकार भी बीच में कूद पड़ा। जिस पर विधायक रामबाई को जब यह पता लगा कि उपरोक्त व्यक्ति स्थानीय पत्रकार है तो वह उसे सार्वजनिक तौर पर पत्रकारिता का पाठ पढ़ाने से भी नहीं चुकी। बाद में पत्रकार द्वारा जिस व्यक्ति का पक्ष लिया जा रहा था उसके द्वारा मोबाइल पर 18 सो रुपए किसान से लेने की बात स्वीकार कर लिए जाने पर मामले का पटाक्षेप हो गया। लेकिन तब भी जिस तरीके से विधायक रामबाई द्वारा पत्रकार को खरी खोटी सुनाई गई उसकी स्थानीय पत्रकार निंदा करते हुए नाराजगी जताते दिखे।
उल्लेखनीय है कि इसके पूर्व बरपटी सायलो केंद्र पर भी विधायक रामबाई ने पनामा कंपनी के मैनेजर को आड़े हाथों लिया था। तथा किसानों की परेशानी के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए मंत्री नेताओं तक के घर जाकर लाखों रुपए पहुंचाने का आरोप भी लगाया था। वही चोर चोर मौसेरे भाई की संज्ञा देने से भी वह नहीं चुकी थी। इस दौरान साइलो मैनेजर की चुप्पी आश्चर्यजनक थी। वहीं अब इस बात की चर्चाएं भी चलने लगी है कि कहीं पनामा कंपनी के बड़े अधिकारियों पर दबाव बनाने के लिए तो यह सब नहीं किया जा रहा है। पिक्चर अभी बाकी है.. अटल राजेंद्र जैन..

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3 Comments

  1. विधायक जी के समर्थन में है क्या पटवारी ने आवाज उठाई उसको भी आपने गलत लिख दिया विधायक जी जहां जाती हैं वहां पर यह 2 घंटे का ब्रेक दे देती जिस कारण सभी किसान परेशान हो जाते हैं विधायक जी अपनी पब्लिसिटी करने के लिए वहां जाती और कुछ नहीं हम किसान हैं हम लोग से पूछो कितनी परेशानी हो रही है यदि किसान परेशान है तो किसान हंगामा करें ना कि विधायक किसान संतुष्ट है विधायक जी वहां पहुंचकर किसानों को गुमराह और परेशान कर रहे है पटवारी ने किसानों के हित में बात की विधायक जी अपने पब्लिसिटी के बारे में ध्यान दे रहे हैं कृपया कर वहां कोई ना जाए शांति से कार्य कर्वे
    कुछ ही नेता है जो किसान भी है
    उनकी तोल होने के बाद हंगामा करते हैं जिनके ट्रैक्टर पीछे लगे हैं वह किसान आकर कुछ कहे तो अच्छा लगता है तोल होने के बाद कुछ कहें तो गवारा नहीं
    इसका मतलब यही निकलता है आप फ्री हो गए उसके बाद राजनीति करने के लिए आगे आ गए
    पत्रकार महोदय से निवेदन है कि सही न्यूज़ मौका व्याख्यान करें फेक न्यूज ओं को ध्यान में ना दें

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  2. यह खबर हंगामे की वीडियो के आधार पर प्रसारित की गई है। आपको यदि यह फेक न्यूज़ लगती है तो कोर्ट में चैलेंज करें.. और उसकी पहले न्यूज के साथ में लगी वीडियो को भी एक बार अच्छे से देख सुन ले फिर किसी प्रकार का कोई कमेंट करें..

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  3. राजेन्द्र जी आपकी खबर एक तरफा है निष्पक्ष नहीं , विधायक माहोदया ने नियमों का उल्लंघन करते हुये स्वप्रचार केलिये जानबूझकर भीड़ इकट्ठा की और हंगामा किया । ड्यूटी पर उपस्थित पटवारी जी द्वारा अपने कर्तव्य का पालन किया जा रहा था जिनकी ड्यूटी है कि वहाँ पर कानूनी अव्यवस्था न हो या बिगड़ने पर तत्काल सूचना दे। परन्तु विधायिका रामबाई द्वारा अकारण अपशब्दों का प्रयोग पटवारी जी के साथ किया गया वह निंदनीय है , पटवारी जी कोई गलती नहीं है। उन्होने अपनी बात दृणता से रखी एवं अपशब्दों का प्रयोग करने का विरोध किया।
    अब आप जैसे अनुभवी पत्रकार खबर को इस तरीके से लिखेंगे जैसा हंगामा करने वाले चाहते हैं , तो यह सही नहीं है।

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