बॉर्डर पर बंदिशें और बाजार टाइम बढ़ाने विचार जरूरी..
दमोह। लॉक डाउन थ्री के दौरान "वन टू वन" दुकान खोलने के लिए प्रशासन द्वारा निर्धारित किया गया "6 घंटे का समय" काफी कम होने के साथ भीड़ बढ़ने की बड़ी वजह बन रहा है। दरअसल लोग आशंकित हैं कि कभी भी पुनः बाजार बंद करने के आदेश आ सकते हैं। इस वजह से आवश्यकता से अधिक सामग्री खरीदी करने लोग निकल रहे हैं। यहां तक कि जिस चीज की अभी जरूरत नहीं है उसे खरीदने भी बाजार में निकल रहे हैं।
करीब डेढ़ महिने से जारी लॉक डाउन के दौरान "बिजनेस के आफ कोर्स" और "इनकम आफ सोर्स" को लेकर तनाव ग्रस्त दमोह के व्यापारी दुकानदार वर्ग के लिए ग्रीन जोन में शामिल जिलों के लिए प्रदेश तथा केंद्र सरकार द्वारा जारी की गई गाइडलाइन "उम्मीद की किरण" लेकर आई थी। लेकिन पड़ोसी जिलों मैं सामने आए संक्रमण के केसों की वजह से जिला प्रशासन ने बाजार खुले जाने के मामले में निर्धारित छूट देने में कंजूसी दिखाई। जिससे विभिन्न व्यापारी संगठनों को अपने राजनैतिक संरक्षण दाताओं की मदद से जिला प्रशासन तक अपनी बात पहुंचाना पड़ी और प्रशासन को भी वन टू वन दुकानें खोलने जैसे आदेश जारी करना पड़े।
वर्तमान में बाजार खुलने का समय सुबह 9 से दोपहर 3 बजे तक होने से लोग जल्दबाजी और हड़बड़ी में खरीदी करने के लिए निकल रहे हैं वही दुकानदार भी कम समय में सामान जुटाने और जमाने से लेकर बेचने की हड़बड़ाहट में देखे गए हैं। जिससे वन टू वन दुकाने खोले जाने के पहले दो दिनों में जमकर भीड़ उमड़ने और सोशल डिस्टेंस की अनदेखी के हालात सामने आए है। जिसमें कमी लाने के लिए जिला प्रशासन को दुकानें खोलने के समय को बढ़ाने तथा पूर्व की तरह 39 वार्डो को दो भागों में बांटकर चार चार घन्टे दो चरणों में दुकाने खोलने के निर्णय पर विचार किया जाना जरूरी हो गया है।
सरकार की आय का बड़ा जरिया कहीं जाने वाली शराब दुकानो को खोलने मिली 12 घन्टे की छूट की तरह आयकर, विक्रय कर, वैट कर सहित विभिन्न करो का भुगतान करने वाले छोटे बड़े कारोबारियों को भी यदि 12 घंटे नही तो 10 घन्टे की भी छूट दुकानें खोलने के लिए दे दी जाए तो बाजार में भी और सोशल डिस्टेंस की समस्या 80 परसेंट से अधिक खत्म हो जाएगी। वर्तमान में जिन दुकानों को वन टू वन खोलने के लिए मात्र 6 घन्टे का समय दिया गया है उसे बढ़ाकर आठ या 10 घंटे करके तथा पूर्व की तरह दो भागों में शहर के वार्डो की आवक जावक व्यवस्था बनाकर भीड़ पर काफी हद तक काबू पाया जा सकता है।
जिला प्रशासन द्वारा बाजार खोले जाने को लेकर दी गई वर्तमान छूट की वजह से हमारे कुछ मित्रों को ग्रीन जोन मैं शामिल दमोह के ऑरेंज और रेड जोन में जाने की चिंता सता रही है। उनका सोचना सही है लेकिन अब लगातार बाजार बंद रखना इस समस्या का पूरी तरह से समाधान नहीं है। आखिर कब तक जिला तथा पुलिस प्रशासन का पूरा अमला सारे कामकाज छोड़कर सड़कों पर निकलने वालों को नियंत्रित करने में लगा रहेगा। जिले की सभी बॉर्डरो पर बंदिशों को और अधिक बढ़ाकर तथा हर बाहरी मजदूरों के 14 दिन के क्वॉरेंटाइन के बिना प्रवेश को निषेध कर जिले को ग्रीन जोन में कायम रख सकते हैं।
वैसे भी सब जानते है कोरोना बाहर से आने वालों की वजह से फैला है। यदि आने वाले समय में भी बाहरी लोगों के मामले में सतर्कता और अंदरूनी मामले में सावधानी के साथ सोशल डिस्टेंस का पालन करना जरूरी है और बाजार तथा सड़कों पर भीड़ नहीं उमड़े इसके लिए दुकान खोलने का समय बढ़ाना सबसे अच्छा विकल्प कहा जा सकता है। जिस पर हमारे जनप्रतिनिधियों और जिला प्रशासन को जरूर ध्यान देना चाहिए क्योंकि कुछ घंटे के लिए बाजार खोलने की छूट देकर लोगों में हड़बड़ी और जल्दबाजी जैसे हालात कायम करना इस समस्या का समाधान नहीं है। पिक्चर अभी बाकी है. अटल राजेंद्र जैन
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