अतिथि विद्वानों को मिला बसपा विधायक का समर्थन-
भोपाल। मप्र के कालेजों से राजधानी भोपाल पहुचे प्रदेश भर के कालेजों के हजारों अतिथि विद्वानों ने कमल नाथ सरकार के खिलाफ हल्ला बोलते हुए कांग्रेस के वचन पत्र की याद दिलाई। तथा अर्धनग्न होकर प्रदर्शन करते हुए प्रदेश में अतिथि विद्वानों की आर्थिक हालात को बताने की कोशिश करते हुए दीपावली के पहले नियमितिकरण का आदेश जारी करने की मांग की।
भोपाल। मप्र के कालेजों से राजधानी भोपाल पहुचे प्रदेश भर के कालेजों के हजारों अतिथि विद्वानों ने कमल नाथ सरकार के खिलाफ हल्ला बोलते हुए कांग्रेस के वचन पत्र की याद दिलाई। तथा अर्धनग्न होकर प्रदर्शन करते हुए प्रदेश में अतिथि विद्वानों की आर्थिक हालात को बताने की कोशिश करते हुए दीपावली के पहले नियमितिकरण का आदेश जारी करने की मांग की।
12 अक्टूबर को नीलाम पार्क में विशाल जंगी प्रदर्शन मे पूरे प्रदेश से लगभग 5000 अतिथि विद्वान शामिल हुए। अतिथि विद्वानों के प्रदर्शन के दौरान सरकार की सहयोगी बसपा विधायक रामबाई भी धरना स्थल पर पहुची। जहां उन्होंने मांगों को उचित बताते हुए उच्च शिक्षा मंत्री जितू पटवारी से प्रतिनिधि मंडल की मुलाकात करा अधिकार दिलाने पहल की तथा सरकार तक उनकी बात पहुचाने का आश्वासन दिया।
अतिथि विद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा के संयोजक द्वय डॉ देवराज सिंह और डॉ सुरजीत भदौरिया ने कहा है कि कांग्रेस सरकार की नियमितीकरण और वचनपत्र के प्रति उदासीनता से अतिथि विद्वान इतने व्यथित और रोष में है कि हजारों अतिथि विद्वान अर्धनग्न होकर सरकार को उसके वचन की याद दिला रहे है। सरकार जब तक हमारी एक ही मांग नियमितीकरण को पूरा नही करती है, तो प्रदेश भर के 5000 अतिथि विद्वान राजधानी भोपाल में डटे रहेंगे। प्रदेश प्रवक्ता डॉ मंसूर अली ने कहा है कि सरकार आप के वचन पत्र के प्रति कितनी गंभीर है यह इसी बात से पता चल रहा है कि 10 माह का लंबा अंतराल बीत जाने के बाद भी सरकार हमारे नियमितीकरण की दिशा में एक कदम भी आगे नही बढ़ी है। बल्कि जिन पदों में अतिथि विद्वान कार्यरत है उन्हीं पदों में सरकार सहायक प्राध्यापक परीक्षा में फर्जीवाड़ा करने वाले लोगों को नियुक्ति देना चाहती है।
बीजेपी की शिवराज सरकार के दौरान शोषणकारी अतिथि विद्वान व्यवस्था के खिलाफ असंतोष जाहिर करते हुए और नियमितीकरण की मांग पर महिला अतिथि विद्वान डॉ पार्वती व्याघ्रे ने अपने केश दान करके मुंडन तक करा लिया था। तब तत्कालीन कांग्रेस विधायक और वर्तमान उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी अतिथि विद्वानों के मंच पर आए थे और कहा था कि शिव के राज में पार्वती का मुंडन प्रलय की निशानी है। अगर मैं इस प्रदेश का उच्च शिक्षा मंत्री बना तो मैं अतिथि विद्वानों के नियमितीकरण की प्रक्रिया प्रारंभ करवाऊंगा। आज सरकार बने 10 माह का लंबा अंतराल बीत चुका है। जीतू पटवारी उच्च शिक्षा मंत्री भी बन चुके हैं लेकिन बेहाल, परेशान अतिथि विद्वान आज भी बदहाल स्थिति में जीवन यापन कर रहे है। उनको आज भी अपने नियामितिकरण का इंतज़ार है।
उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी अतिथियों को मनाने पहुंचे
मोर्चा के डॉ जेपीएस चौहान और डॉ आशीष पांडेय के अनुसार तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के इंदौर प्रवास पर भी अतिथि विद्वानों का प्रतिनिधिमंडल उनसे मिला था। तब राहुल गांधी ने अतिथि विद्वानों से सहानुभूति जताते हुए कहा था की ये अतिथि विद्वान क्या होता है। हमारी सरकार आई तो हम ये अतिथि शब्द ही हटा देंगे। उस कार्यक्रम में मौजूद पीसीसी तत्कालीन पीसीसी अध्यक्ष और आज के मुख्यमंत्री कमलनाथ जी ने भी अतिथि विद्वानों के नियमितीकरण की बात की थी। आज सब कुछ बदल चुका है। बीजेपी के स्थान पर कांग्रेस की सरकार बन चुकी है। कमलनाथ मुख्यमंत्री और जीतू पटवारी उच्च शिक्षा मंत्री बन चुके है। लेकिन अगर कुछ नही बदला है तो अतिथि विद्वानों की बदहाल स्थिति जस की तस बनी हुई है।
नियमितीकरण हेतु विद्वानों की न्याय यात्रा शुरू-
दो दशकों से नियमितीकरण का इंतज़ार कर रहे अतिथि विद्वानों ने अब इंदौर से भोपाल तक न्याय यात्रा और वचन स्मरण रैली निकाल कर सरकार से एक बार फिर अपने नियमितीकरण की और वचनपत्र की कंडिका 17.22 को पूरा करने की गुहार लगाई है। इस यात्रा में अब तक लगभग 3000 अतिथि विद्वान शामिल हो चुके है,जिसमे बड़ी संख्या में महिला अतिथि विद्वान साथी शामिल हैं जो सपरिवार अपने बच्चों के साथ यात्रा में शामिल हो रही है। 12 अक्टूबर को नीलाम पार्क में अतिथि विद्वानों की विशाल जंगी प्रदर्शन है। जिसमे पूरे प्रदेश से लगभग 5000 अतिथि विद्वान शामिल हुए। डां अनिल जैन, मीडिया प्रभारी
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