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क्या पूर्व केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज को हो गया था मृत्यु का पूर्वाभास.. अंतिम सांसे लेने के पूर्व PM मोदी को धारा 370 हटाने पर बधाई देते हुए किया ट्वीट.. मैं अपने जीवन में इस दिन को देखने की प्रतीक्षा कर रही थी..

पूर्व मंत्री सुषमा स्वराज के निधन से पूरा देश हतप्रद-
देहली। पूर्व केंद्रीय मंत्री श्रीमती सुषमा स्वराज अब इस दुनिया में नहीं रहे उन्होंने दिल्ली के एम्स में अंतिम सांस ली। देर रात जैसे ही उनके एम्स में भर्ती होने तथा कुछ देर बाद निधन की खबरें सामने आई तो लोगो को विश्वास नहीं हुआ। 
महज 25 साल की उम्र में इमरजेंसी के बाद मोरार जी देसाई की सरकार में केंद्रीय मंत्री बनी सुषमा स्वराज का राजनीतिक सफर उतार-चढ़ाव भरा रहा है लेकिन उन्होंने कभी भी संघर्ष से मुंह नहीं मोड़ा। विपरीत परिस्थितियों में भी उनके चेहरे पर मुस्कान देखने को मिलती रहती थी।
पूर्व विदेश मंत्री और भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज पिछले कुछ महीनों से वो बीमार थीं। जिस वजह से उन्होंने लोकसभा चुनाव लड़ने से मना कर दिया था। वो आखिरी बार केंद्रीय मंत्री मंडल के शपथ ग्रहण के दौरान नजर आई थीं।  67 साल की उम्र में दिल्ली स्थित AIIMS में आखिरी सांस लेने वाली पूर्व केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज के निर्धन की खबर ऐसे समय में आई जब भाजपा के नेता कार्यकर्ताओं के साथ पूरा देश कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने की खुशियां मनाते हुए जश्न में डूबा हुआ था। वही उनके निधन के तीन घन्टे पहले का एक ट्वीट भी सामने आया है।

सुषमा स्वराज जी के ट्विटर अकाउंट पर जो अंतिम ट्वीट किया गया उसमें उन्होंने धारा 370 को हटाए जाने का संसद में प्रस्ताव पास हो जाने पर प्रधानमंत्री जी का हार्दिक अभिनंदन करते हुए लिखा है कि मैं अपने जीवन में इस दिन को देखने की प्रतीक्षा कर रही थी। वही उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह को अच्छे भाषण के लिए बधाई का दी है। उनके ट्वीट को देखकर या लगता है कि उन्हें शायद अपनी मृत्यु का पूर्व में ही आभास हो गया था इसीलिए उन्होंने ट्विटर पर इस तरह की भाषा का उपयोग किया।

सुषमा स्वराज के निधन की खबर से देशवासी हतप्रभ हैं। उनसे जुड़े लोगों को विश्वास नहीं हो रहा हंसते मुस्कुराते खिलखिलाते मातृत्व स्नेह देने वाले सीधी सरल स्वभाव के साथ विलक्षण प्रतिभा और मधुर वाणी की धनी नेत्री अब इस दुनिया में नहीं रही है।
सुषमा जी ने राजनीतिक जीवन की शुरुआत इमरजेंसी कॉल के संघर्ष भरे दिनों से की थी। 1977 में 25 साल की उम्र में देश की सबसे कम उम्र की कैबिनेट मंत्री बनकर वह 1979 तक सामाजिक कल्याण, श्रम और रोजगार जैसे 8 मंत्रालय की मंत्री रही थी। 27 साल की उम्र में वह हरियाणा में जनता पार्टी की राज्य अध्यक्ष बनी।
सुषमा जी राष्ट्रीय स्तर की राजनीतिक पार्टी की पहली महिला प्रवक्ता, पहली महिला मुख्यमंत्री, केंद्रीय कैबिनेट मंत्री और विपक्ष की पहली महिला नेता थीं। इंदिरा गांधी के बाद सुषमा स्वराज दूसरी ऐसी महिला थीं, जिन्होंने विदेश मंत्री का पद संभाला था। बीते चार दशकों में वे 11 चुनाव लड़ीं, जिसमें तीन बार विधानसभा का चुनाव लड़ीं और जीतीं. सुषमा सात बार सांसद रह चुकी थीं। 
उनके असमय निधन से देश ने मृदुभाषी महिला राजनेता को खो दिया है। जिसकी भरपाई संभव नहीं है परमपिता परमेश्वर उनकी आत्मा को अपने चरणों में स्थान दे और परिजनों को या यह दुख सहने की शक्ति प्रदान करें। ओम शांति शांति शांति.. अटल राजेंद्र जैन

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