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दमोह कलेक्टर के नाम पर रिश्वत लेने वाला बाबू.. भ्रष्टाचार अधिनियम की धारा में हुआ गिरफ्तार.. कोर्ट ने सशर्त जमानत पर छोड़ा..

 रिश्वतखोर बाबू पर भ्रष्टाचार अधिनियम की धाराएं भी-
 दमोह। कलेक्टर कार्यालय में पदस्थ सहायक ग्रेड-3 संजू सोनी पिता भागीरथ सोनी निवासी श्याम नगर दमोह के द्वारा अपने परिचत मीनू सोनी पति गोपाल सोनी से कलेक्टर के नाम पर रिश्वत लेना महंगा पड़ गया। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ 420 का मामला दर्ज  कर गिरफ्तार किया गया। आज उसके खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम की धाराओं की वृद्धि करते हुए कोर्ट में पेश किया गया है। जहां से आरोपी को सोमवार शाम सर्शत जमानत दिए जाने की जानकारी सामने आई है।
 प्राप्त जानकारी के अनुसार आरोपी संजू बाबू ने मीनू गोपाल सोनी की बीमार बेटी उम्र 2 वर्ष के इलाज हेतु रेडक्रास सोसायटी से 20000 रू.स्वीकृत कराए और जब स्वीकृत राशि का चेक मीनू सोनी को दिया तो तत्काल उसे विजया बैंक में जमा करा दिया और जब पैसों का आहरण किया गया तो संजू सोनी ने दूरभाष पर मीनू के पति के फोन पर कहा कि जो 20000 स्वीकृत हुए हैं उसमें से 10000 कलेक्टर साहब को देना है और 5000 मेरे लिए हैं शेष 5000 तुम्हें मिलेंगे  जिसके बाद सोनी दंपत्ति ने चैक के जरिए मिले 20 हजार रूपए एटीएम से निकालकर पूरी राशि संजू बाबू को वापस कर दी। बाद में सोनी दंपत्ति ने संजू बाबू की खाउखोरी की जानकारी भाजपा मीडिया प्रभारी तथा रेडक्रास सोसायटी के सदस्य मनीष तिवारी एवं नीलेश जैन को दी। तो उन्होंने कलेक्टर नीरज कुमार सिंह के पास पीड़ित दंपत्ति को ले जाकर पूरी घटना की जानकारी दी। 
सोनी दंपत्ति ने कलेक्टर साहब को आवेदन देकर आरोपी बाबू से बातचीत की आडीयों रिकांर्डिंग भी सुनाई। जिस पर कलेक्टर ने एडीएम को आरोपित बाबू के खिलाफ कार्रवाई करके निलंबित करने तथा पीड़ित दंपत्ति से रिपोर्ट दर्ज कराने को कहा। वाद में मीनू सोनी की रिपोर्ट पर थाना कोतवाली दमोह में अपहरण क्रमांक 410/19 धारा 420 ताहि का पंजीबद्ध किया गया है। विवेचना आधार पर 7.1 डी 13 2 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 का इजाफा किया जाकर नगर पुलिस अधीक्षक दमोह की विवेचना सौंपी गई है।
  सोमवार दोपहर कोतवाली में आयोजित प्रेस कांफें्रस में सीएसपी मुकेश अविद्रा ने पत्रकारों को मामले की जानकारी दी। श्री अविद्रा ने बताया कि  विवेचना के आधार पर संजू सोनी निवासी श्याम नगर दमोह सहायक ग्रेड 3 से 19000 और एक मोबाइल जप्त किया गया है संपूर्ण कार्यवाही पुलिस अधीक्षक श्री विवेक सिंह के नेतृत्व में थाना प्रभारी कोतवाली टीआई आरके गौतम उप निरीक्षक मनोज गोयल आकांक्षा उरमलिया की कार्रवाई में विशेष भूमिका रही है।
आरोपी को माननीय विशेष न्यायाधीश महोदय की न्यायालय में पेश किया गया। जहां से आरोपी को सोमवार शाम सर्शत जमानत दिए जाने की जानकारी सामने आई है। यह पहला मामला है जब कलेक्टर के नाम पर रिश्वत लेने वाले किसी कर्मचारी के खिलाफ लोकायुक्त के बजाए कलेक्टर के निर्देश पर मामला दर्ज कराकर निलंबन की कार्रवाई की गई है। उम्मीद की जा रही है कि इस घटनाक्रम के बाद दमोह के दफतरों में रिश्वतखोरी के खेल पर लगाम लगेगी। तथा बिना रिश्वत के फाइल आगे नहीं बढ़ाने वाले बाबू कर्मचारी रिश्वत मांगने तथा लेने के पहले दस बार सोंचेगे। अभिजीत जैन की रिपोर्ट

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