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कमलनाथ सरकार में मीडिया पर हमले की घटनाएं बढ़ी.. टीकमगढ़ के बाद रहली में भास्कर प्रतिनिधि पर हमला, पत्रकारों ने सागर एसपी से मुलाकात कर नाराजगी जताई..

 रहली में पत्रकार पर हमले से मीडिया में आक्रोश-
सागर। मप्र में कमलनाथ सरकार के गठन के साथ प्रदेश में अपराधिक गतिविधियों का ग्राफ लगातार उछाल मार रहा है। पत्रकार सुरक्षा हेतु कानून लाने की बात करने वाले कमलनाथ जी के कार्यकाल में मीडिया पर हमले की घटनाओं में लगातार इजाफा हो रहा है। देश के सबसे बड़े मीडिया समूह से जुड़े कर्मी भी इन हमलों से अछूते नही है। 15 दिन पूर्व टीकमगढ़ में भास्कर ऑफिस में की गई तोड़फोड़ और इस दौरान पुलिस की नकारात्मक भूमिका का मामला अभी ठंडा भी नहीं पड़ा था की रहली में भास्कर प्रतिनिधि पर परिवार सहित जानलेवा हमले की घटना ने पत्रकार जगत को झकझोर कर रख दिया है।
रहली में दैनिक भास्कर के प्रतिनिधि विकास चौरसिया एवं उनके परिजनों पर भाजपा नेता राजेंद्र जारोलिया एवं साथियों द्वारा रविवार को किए गए हमले के बाद पुलिस ने भले ही गैर जमानती धारा में अपराध पंजीबद्ध कर लिया लेकिन पत्रकार पुलिस कार्यवाही से संतुष्ट नहीं है। 
सागर संभाग के पत्रकारों को अपने परिवार की सुरक्षा को लेकर चिंता होने लगी है। सोमवार को सागर के एसपीऑफिस पहुंचकर बड़ी संख्या में पत्रकारों नेेेे पुलिस अधीक्षक से मुलाकात कर अपनी चिंता से अवगत कराया। सागर एसपी ऑफिस के बाहर पत्रकारों ने रहली के भाजपा नेता बैंक अध्यक्ष राजेंद्र जारोलिया एवं उनके गुर्गो तत्काल गिरफ्तारी एवं रासुका लगाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। 
पत्रकार विकास चौरसिया के घर में घुसकर महिलाओ के साथ भी मारपीट की घटना को निंदनीय तथा कायराना हरकत बताते हुए बैंक अध्यक्ष के काले कारनामों का चिट्ठा खोलने का भी सभी पत्रकारों ने संकल्प लिया।
उल्लेखनीय है कि इस कायराना हमले में पत्रकार विकास चौरसिया उनके भाई आकाश और सजंय चौरासिया, पत्नी वर्षा चौरासिया, माँ गौरी चौरासिया को गंभीर चोटें आई हैं। बताया जा रहा है कि  पत्रकार चौरसिया जय किसान ऋण माफी योजना में किसानों के नाम पर फर्जी ऋण के मामले में बीजेपी नेताओं और बैंक अध्यक्ष की संलिप्तल्पता का खुलासा करने वाले थे। उसी को लेकर इसके पूर्व ही उनके व परिवार के ऊपर जानलेवा हमले की वारदात को अंजाम दिया गया।
इस पूरे घटनाक्रम की FIR दर्ज करने वाले रहली थाना प्रभारी घटना को व्यक्तिगत पुरानी बुराई यानी रंजिश से जोड़ कर भी देखते नजर आ रहे हैं। उनके द्वारा इसे 3 साल पुराने मामले से जोड़कर बताया जा रहा है। जबकि टी आई महोदय को रहली में आए अभी बहुत ज्यादा समय नहीं हुआ है। ऐसे में हुआ है 3 साल पुरानी रंजिश की बात क्या आरोपियों से हासिल जानकारी के आधार पर हैं इसको लेकर भी चर्चाओं का बाजार गर्म है।

फिलहाल इस मामले को छोड़ भी दिया जाए तब भी पिछले 2 माह मैं जिस तरह से प्रदेश में अपराधिक वारदातों में इजाफा हुआ है तथा भास्कर जैसे संस्थानों से जुड़े लोग जब निशाने पर है तो आम पत्रकारों को अपनी सुरक्षा की चिंता होना लाजिमी है। कमलनाथ सरकार  पत्रकारों पर  हमले की घटनाओं को  गंभीरता से लेकर  पत्रकार सुरक्षा कानून  शक्ति से लागू करेगी  तथा  विपक्ष की भूमिका निर्वाहन करने की कोशिश कर रही भाजपा इस मामले में सरकार पर दबाव बनाएगी। ऐसी उम्मीद  प्रदेश के पत्रकारों द्वारा की जा रही हैं। अटल राजेंद्र जैन की रिपोर्ट

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