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ट्राफिक पुलिस के भाजपा के झंडे को हटाने हाथ लगाते ही बिफरे सांसद प्रहलाद पटेल.. चालान कटवाया लेकिन झंडे को नहीं छूने दिया..

 सांसद प्रहलाद पटेल की गाड़ी पर चालानी करवाई
ग्वालियर। पूर्व केंद्रीय मंत्री और दमोह सांसद प्रहलाद पटेल की सफारी गाड़ी की नंबर प्लेट पर भाजपा की कलर पट्टी होने के कारण ग्वालियर के सिटी सेंटर एरिया में पुलिस द्वारा गाड़ी को रोक चालानी करवाई किए जाने का मामला सामने आया है। 
इस दौरान गाड़ी में लगे भाजपा के झंडे को हटाने के लिए जैसे ही एक पुलिसकर्मी ने हाथ लगाया तो गाड़ी में चुपचाप बैठे सांसद श्री पटेल को गुस्से में आते देर नही लगी। फिर क्या कुछ कहा गया होगा इसका अंदाजा वहीं लगा सकते हैं जो सांसद श्री पटेल के नेचर से वाफिक हैं। 



दरअसल दमोह सांसद प्रहलाद पटेल गुरुवार दोपहर एक विवाह समारोह में सम्मिलित होने ग्वालियर से निकल रहे थे। इसी दौरान सिटी सेंटर एरिया में चालानी कार्यवाही के दौरान ट्रैफिक पुलिस ने उनकी गाड़ी के बाहर प्लेट पर सांसद लिखे होने के बाद भी रोक लिया। तथा नंबर प्लेट पर लगी भाजपा के कलर की रेडियम पट्टी को निकालने तथा चालानी कार्यवाही की बात करने लगे। यहां तक तो सांसद चुपचाप गाड़ी में बैठे रहे। तथा उन्होंने ड्राईवर को चालान के रुपए जमा करने इशारा भी कर दिया था।



 परंतु जैसे ही एक पुलिसकर्मी ने गाड़ी के आगे लगे भाजपा के झंडे को निकालने के लिए हाथ बढ़ाया सांसद को गुस्सा आते देर नहीं लगी।इस दौरान श्री पटेल ने चालान करने वालों को चेताया तथा कहा कि जो भी जुर्माना  करना है,  करो ! लेकिन झंडे को हाथ नहीं लगाना। बाद में सांसद के तीखे तेवर देखकर 500 रु की चालानी कार्रवाई करते हुए गाड़ी को जाने दिया गया। इस मामले में ग्वालियर के परिवहन इंस्पेक्टर अजीत बाथम का कहना है कि निर्वाचन आयोग के निर्देश पर विधानसभा चुनाव के पहले से ही कलर्ड नंबर प्लेट और राजनीतिक निशान वाली गाड़ियों पर इस तरह की कार्यवाही की जा रही है। 

उल्लेखनीय है कि विधानसभा चुनाव के दौरान  दमोह में जिला भाजपा कार्यालय के बाहर खड़ी सांसद प्रहलाद पटेल की सफारी गाड़ी के बाहर सांसद लिखे अशोक चक्र वाले स्टीकर को कांग्रेस नेताओं की शिकायत पर आरटीओ ने साफ करा दिया था। जिसके बाद सांसद पटेल ने कलेक्टर को लिखित आपत्ति भेजते हुए यह जानना चाहा था कि संसद के सदस्य होने के नाते उन्हें प्रदत्त संसद सदस्य के स्टीकर को उनकी कार से हटाने की कार्यवाही किस नियम के तहत की गई इसका जवाब दिया जाए ?
 हालांकि आज जो कार्रवाई की गई है उसकी 500 रुपये की रसीद मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 50(3) के तहत सांसद के वाहन चालक के नाम से काटकर प्रदान की गई है। लेकिन इस मामले के सामने आने के बाद यह तय हो गया है की प्रदेश के पुलिस प्रशासनिक महक में पर सत्ता परिवर्तन का रंग चढ़ने लगा है। भले ही केंद्र में अभी भाजपा की सरकार हो लेकिन प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनते ही सत्ता परिवर्तन का असर पूरे प्रदेश में साफ तौर पर नजर आने लगा है। जिस से अब भाजपा के छुटभैया नेता भी यह कहने लगे हैं थोड़ी मेहनत और कर ली होती तो यह दिन नहीं देखना पड़ते। अटल राजेंद्र जैन की रिपोर्ट

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