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स्कूल से गोल मारकर भागी दमोह की तीनों छात्राएं सागर में मिली... परिजनों के साथ पुलिस ने राहत की सांस ली.. फिलहाल भागने की बजह का खुलासा नहीं..

 लापता नाबालिक तीनों छात्राएं सकुशल बरामद

दमोह के सरदार पटेल स्कूल में पड़ने वाली तीन छात्राओं  के स्कूल से गोल मारकर भाग जाने का सनसनीखेज घटनाक्रम शनिवार शाम प्रकाश में आने के बाद हड़कंप के हालात बने हुए थे परिजनों के साथ पुलिस प्रशासन बच्चियों की तलाश में परेशान हो रहा था वही लगातार कोशिशें के बाद तीनों बच्चियों मकरोनिया सागर में घूमती हुई मिल गई। जिससे परिजनों के साथ पुलिस ने भी राहत की सांस ली है। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि बच्चियों बिना बताए सागर क्यों चली गई थी..?

इस मामले में पुलिस द्वारा प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार लापता हुई 3 नाबालिग बच्चियों को पुलिस ने एसपी श्रुत कीर्ति सोमवंशी के निर्देशन में और कोतवाली टीम के अथक प्रयास से 24 घंटे में सकुशल दस्तयाब कर परिवार को सुपुर्द किया

घटना का संक्षिप्त संदर्भ..  दमोह सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र के सरदार पटेल स्कूल में पढ़ने वाली तीन नाबालिग छात्राएं घर से स्कूल के लिए निकली थीं, लेकिन स्कूल पहुंची ही नहीं, जिसके बाद परिजनों ने कोतवाली में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इस घटना से शहर में चिंता और सनसनी का माहौल बना और पुलिस ने तत्काल विभिन्न एंगल से जांच शुरू की थी।

पुलिस की त्वरित कार्रवाई..रिपोर्ट दर्ज होते ही पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज, बस‑स्टैंड और अन्य संभावित लोकेशनों की जांच, कॉल‑डिटेल और इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस जैसे साधनों की मदद से ट्रैकिंग तेज की। इसी त्वरित और समन्वित कार्रवाई के कारण 24 घंटे के भीतर तीनों बच्चियों को सकुशल बरामद कर परिजनों के सुपुर्द किया जा सका, जिससे किसी बड़े अनहोनी की आशंका को समय रहते टाला जा सका। यह दिखाता है कि समय पर रेस्पॉन्स, डेटा‑बेस्ड ट्रेसिंग और फील्ड टीमों की सक्रियता सही दिशा में रही है। पूरी कार्यवाही में सीएसपी एच आर पांडे, कोतवाली टीआई मनीष कुमार, साइबर से सौरभ और राकेश और साथ ही पूरी कोतवाली के टीम ने अथक प्रयास कर सैकड़ों कैमरे खंगाले और बच्चियों को ट्रेस किया ।

प्रशासनिक बिंदु और सीख.. ऐसे मामलों में प्रारंभिक “गोल्डन आवर” की रिस्पॉन्स, कंट्रोल रूम, थाना और फील्ड टीमों के बीच स्पष्ट संवाद सबसे अहम रहता है। स्कूल–परिवार–पुलिस के बीच तुरंत सूचना साझा होने से सर्च ऑपरेशन की दिशा सही रहती है और अनावश्यक विलंब नहीं होता।

बाल सुरक्षा के लिए सुझाव.. अभिभावकों के लिए: बच्चों के नियमित रूट, दोस्तों और डिजिटल एक्टिविटी पर सतत लेकिन संवेदनशील निगरानी, तथा किसी भी असामान्य व्यवहार पर तुरंत संवाद आवश्यक है।स्कूलों के लिए: एंट्री‑एक्जिट रजिस्टर, सीसीटीवी, उपस्थिती मॉनिटरिंग और अनुपस्थिति पर तत्काल अभिभावक को सूचना की प्रणाली को और मजबूत करना उपयोगी रहेगा

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