प्लांटेशन के नाम पर कार्रवाई से भड़का आक्रोश
दमोह। चौरई बीट में वन विभाग द्वारा प्लांटेशन के लिए भूमि खाली कराने की कार्रवाई सोमवार को आदिवासी समुदाय के उबाल में बदल गई। वर्षों से कब्जे की जमीन को अपनी पुश्तैनी खेती बताते हुए ग्रामीण सुबह से ही खेतों में जुट गए और महिलाओं, पुरुषों व बच्चों के साथ नारेबाजी करते हुए स्पष्ट कर दिया कि किसी भी कीमत पर बेदखली स्वीकार नहीं होगी। ग्रामीणों का कहना है कि उनके पूर्वजों ने बंजर भूमि को उपजाऊ बनाया है और यही खेती उनके जीवन-यापन का आधार है।
वन विभाग की टीम
ने जैसे ही प्लांटेशन के लिए जमीन खाली कराने का प्रयास शुरू किया,
ग्रामीणों का विरोध तेज हो गया। बढ़ते तनाव को देखते हुए जबेरा तहसीलदार
सोनम पांडे मौके पर पहुंचीं। वन परिक्षेत्र अधिकारी मनीष पटेल ने ग्रामीणों
से चर्चा कर बताया परिक्षेत्र अधिकारी द्वारा बताया गया कि उक्त क्षेत्र
वानभूमि है, जो कि पी. एफ. 69 अंतर्गत आता है। जिसमें वृक्षारोपण का कार्य
किया जा रहा है। जिन भूमियों पर कृषकों के पट्टे है , उन्हें छोड़कर शेष
क्षेत्र में वृक्षारोपण कार्य जारी रहेगा भूमि वन विभाग के रिकॉर्ड में
दर्ज है और विभागीय आदेशों के तहत प्लांटेशन कार्य किया जा रहा है।
उन्होंने ग्रामीणों से कहा कि वे अपनी समस्या उच्च अधिकारी स्तर पर रखें।
ग्राम
सरपंच सुनील ठाकुर ने कहा कि ग्रामीणों ने 28 अक्टूबर को कलेक्टर को
ज्ञापन देकर भूमि पर पूर्वजों के कब्जे और खेती के अधिकार की रक्षा की मांग
की थी। उन्होंने बताया कि चौरई, आलोनी, जमुनिया और देवरी क्षेत्र से
हजारों ग्रामीण इसलिए एकजुट हुए क्योंकि वन विभाग अचानक प्लांटेशन कर कब्जा
खाली कराने पहुंच गया। ठाकुर ने चेतावनी दी कि यदि उनकी बात प्रशासन नहीं
सुनता तो मंगलवार को कलेक्टर कार्यालय और डीएफओ दमोह कार्यालय में बड़े
पैमाने पर प्रदर्शन किया जाएगा और जरूरत पड़ी तो आंदोलन और उग्र किया
जाएगा।
तहसीलदार सोनम
पांडे ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि मामला कलेक्टर महोदय के संज्ञान में
है और समाधान आने तक प्लांटेशन कार्य रोक दिया गया है। उन्होंने कहा कि
दोनों पक्षों की बात सुनकर ही आगे का निर्णय लिया जाएगा। दिनभर
तनावपूर्ण स्थिति बनी रही, हालांकि शाम तक वातावरण सामान्य हुआ। ग्रामीणों
ने स्पष्ट कहा है कि यदि संवाद किए बिना वन विभाग ने दोबारा बेदखली की
प्रक्रिया शुरू की तो विरोध कहीं अधिक उग्र रूप ले सकता है। चौरई बीट में
अब भी सतर्क माहौल है और ग्रामीण अगली कार्रवाई के प्रति चौकन्ने हैं। सिग्रामपुर से निवेश जैन की खबर


0 Comments