Ticker

6/recent/ticker-posts

बिजली चोरी के आरोप से किराना दुकानदार बरी, कोर्ट ने दिया न्याय.. इधर साइबर साक्ष्य से खुला हत्या का राज.. तीन आरोपी दोषी, एक को आजीवन कारावास..

बिजली चोरी के आरोप से किराना दुकानदार बरी..
दमोह
मध्यप्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड द्वारा लगाए गए बिजली चोरी के एक मामले में, दमोह जिले के अर्थखेड़ा गाँव के एक छोटे किराना और पान दुकान संचालक पवन जैन को विशेष न्यायाधीश विद्युत अधिनियम की अदालत ने बरी कर दिया है। अधिवक्ता आकाश जैन और अधिवक्ता आदर्श मिश्रा ने बताया कि यह मामला 09 मार्च 2020 का था, जिसमें पवन जैन पर आरोप लगाया गया था कि उन्होंने अपने घर/दुकान में 63 केवीए ट्रांसफार्मर की एलटी केबल से सीधे तार लगाकर लगभग 510 वॉट लोड के उपकरण (एक बल्ब, एक फ्रिज, एक प्रिंटर और एक एलईडी) चलाए, जिससे कंपनी को 23,340 का नुकसान हुआ। 

लंबे समय तक चली कानूनी प्रक्रिया के बाद, विशेष न्यायाधीश पंकज शर्मा की अदालत ने साक्ष्यों की गहन विवेचना की। कोर्ट ने अपने अंतिम निष्कर्ष में पाया कि परिवादी कंपनी (विद्युत वितरण कंपनी) अभियुक्त के विरुद्ध संदेह से परे यह प्रमाणित करने में असफल रही कि पवन जैन ने अनाधिकृत रूप से और बेईमानीपूर्वक बिजली की चोरी की थी। न्यायालय के इस फैसले ने यह सिद्ध किया है कि कानून सभी के लिए समान है और एक सामान्य दुकानदार भी न्याय के लिए लड़ाई लड़ सकता है और जीत हासिल कर सकता है। कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया कि जब तक ठोस और संदेह रहित सबूत न हों, केवल आरोप के आधार पर किसी को दोषी नहीं ठहराया जा सकता। संपादक एड.आकाश जैन, एड.आदर्श जैन, नैतिकयह फैसला दिखाता है कि न्यायपालिका आम नागरिक के अधिकारों की संरक्षक है और कानूनी प्रक्रिया में सबूतों का महत्व सर्वोपरि है।

साइबर साक्ष्य से खुला हत्या का राज: तीन आरोपी दोषी, एक को आजीवन कारावास.. दमोह। जिला न्यायालय में न्यायाधीश संतोष कुमार गुप्ता की अदालत ने साइबर सेल की सीडीआर रिपोर्ट एवं परिस्थितिजन्य साक्ष्यों के आधार पर हत्या के एक सनसनीखेज मामले में तीन आरोपियों को दोषी ठहराते हुए कारावास एवं अर्थदंड से दंडित किया है। प्रकरण में मध्यप्रदेश शासन की ओर से प्रभावी पैरवी शासकीय अभिभाषक (लोक अभियोजक) राजीव बद्री सिंह ठाकुर द्वारा की गई।
अभियोजन के अनुसार, दिनांक 25 सितंबर 2023 को चौकी जेरठ, थाना पथरिया में पदस्थ एएसआई राकेश पाठक को सूचना मिली कि सुनार नदी के किनारे एक बोरी संदिग्ध अवस्था में पड़ी है। मौके पर पहुंचकर बोरी खोलने पर उसमें सड़ी-गली अवस्था में एक मानव शव मिला। पहचान न होने पर मृतक की फोटो सोशल मीडिया एवं दैनिक भास्कर में प्रकाशित कराई गई, जिस पर मृतक की पहचान उसकी मां कमला एवं भाई मुकेश प्रजापति ने बबलू प्रजापति के रूप में की। शव पर चोट के निशानों से हत्या की आशंका होने पर थाना पथरिया में अपराध दर्ज किया गया।
विवेचना के दौरान मृतक के मोबाइल नंबर की साइबर सेल से सीडीआर रिपोर्ट प्राप्त हुई, जिससे पता चला कि घटना के दिन मृतक को अंतिम कॉल बुद्दन साहू उर्फ भूपेंद्र साहू (36), निवासी पथरिया ने किया था। पूछताछ में बुद्दन ने बताया कि उसने मृतक को अपने कार्यालय बुलाया था, जहां कलावती एवं कमल पटेल के संबंधों के बारे में जानकारी न देने पर विवाद हुआ। इसी दौरान गणेश प्रजापति (34) एवं नरेश अठ्या (30) के साथ मिलकर मारपीट की गई और गुस्से में आकर बुद्दन ने बबलू का गला दबा दिया, जिससे उसकी मौत हो गई। बाद में शव को सुनार नदी के पुल से नदी में फेंक दिया गया।
बुद्दन के कथन के आधार पर अन्य दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी की गई। बुद्दन के कार्यालय से मृतक का मोबाइल, वोटर कार्ड एवं पर्स जब्त किए गए। सीडीआर से यह भी स्पष्ट हुआ कि घटना के समय मृतक और तीनों आरोपी एक ही टावर लोकेशन पर मौजूद थे। मामले में कोई प्रत्यक्षदर्शी न होने के बावजूद अभियोजन ने 18 साक्षी प्रस्तुत किए, जिनमें साइबर सेल की रिपोर्ट निर्णायक रही। बचाव पक्ष की आपत्तियों को खारिज करते हुए न्यायालय ने “अंतिम बार जीवित साथ देखे जाने” के सिद्धांत को लागू किया और कहा कि शव मिलने तथा अंतिम साथ देखे जाने के बीच समयांतराल कम होने पर यह अनुमान स्वाभाविक है कि अपराध आरोपियों द्वारा ही किया गया। 
सजा: आरोपी बुद्दन साहू को धारा 302 भादंवि में आजीवन कारावास तथा धारा 201 में 4 वर्ष का सश्रम कारावास। आरोपी गणेश प्रजापति एवं नरेश अठ्या को धारा 323 में 6 माह तथा धारा 201 में 4 वर्ष का सश्रम कारावास। तीनों पर कुल 5,000 रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया। दोषियों को सजा भुगतने हेतु जेल भेज दिया गया।

Post a Comment

0 Comments